जैविक के नाम पर नकली उत्पादों की बिक्री अब नहीं चलेगी

जैविक प्रमाणपत्रों का कडाई से होगा

* धोखाधडी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
अमरावती/दि.30  -राज्य में जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों और जैविक उत्पादों पर भरोसा करने वाले उपभोक्ताओं के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने अब कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार की प्रमाणन संस्थाओं द्वारा जारी जैविक प्रमाणपत्रों की अब जांच की जाएगी. कृषि विभाग ने बताया कि प्रशासन जैविक के नाम पर अजैविक उत्पाद बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
राज्य में जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं. शिकायतें बढी हैं कि एक ही प्रमाणपत्र पर कई व्यापारी जैविक के नाम पर अजैविक उत्पाद बेच रहे हैं. यह भी देखा गया है कि कुछ संस्थानों ने केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार जांच किए बिना ही प्रमाणपत्र जारी कर दिए हैं. कृषि विभाग इन अनियमितताओं की जानकारी एकत्र कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेगा. जैविक प्रमाणपत्र जारी करने वाले सभी लोगों पर कडी कार्रवाई की जाएगी. संस्थाओं के सत्यापन और उनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया जा रहा है. जैविक खेती करते समय, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए वर्षों की कडी मेहनत लगती है. लेकिन, यह एक सच्चाई है कि बाजार में नकली जैविक लेबल लगाकर बेचे जा रहे उत्पादों के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड रहा है.
* जैविक उत्पाद महंगे
जैविक उत्पाद अधिक महंगे होने से, मुनाफा कमाने के लिए नकली जैविक उत्पादों की बिक्री में वृद्धि हुई है. सरकार इस धोखाधडी पर लगाम लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच दल नियुक्त करने पर भी विचार कर रही है.
* जैविक प्रमाणपत्रों की गहन जांच
जैविक प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थाओं का पुनः निरीक्षण किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाएगा और जैविक के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
* पहचान कैसे करें?
जैविक उत्पाद खरीदते समय उपभोक्ताओं को हमेशा केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एनपीओपी’ या पीजीएस-इंडिया’ लोगो की जांच करनी चाहिए. अगर कोई क्यूआर कोड है, तो उसे स्कैन करके जानकारी जांची जा सकती है.
* प्राकृतिक किसानों से भी धोखाधडी
सच्चे जैविक किसान मिट्टी की उर्वरता बढाने के लिए सालों मेहनत करते हैं, लेकिन बाजार में नकली लेबल वाले उत्पाद बेचे जाते हैं. इससे सच्चे जैविक उत्पादकों को आर्थिक नुकसान होता है.
* जैविक नाम से बेचे जाने वाले अन्य सामान
रासायनिक खादों से उगाए गए उत्पादों को भी जैविक पैकेजिंग और लोगो की आड में बेचा जा रहा है. यह सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड है. यह ग्राहकों के साथ धोखाधडी है. इसलिए कार्रवाई की जाएगी.
* रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी
प्रशासन ने केंद्र सरकार को सूचित किया कि राज्य सरकार द्वारा जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया में पाई गई अनियमितताओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी.

जैविक उत्पाद एक ही प्रमाणपत्र पर बेचे जाते हैं
कई व्यापारी एक ही प्रमाणपत्र की नकल करके उसी नंबर से अलग-अलग उत्पाद बेचते हैं. इससे ग्राहक भ्रमित होते हैं और प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता कम होती है.

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