27 साल बाद सजा, 27 दिन में ही स्टे

नागपुर के विधि क्षेत्र से सामने आया अजिबोगरीब मामला

नागपुर/दि.17 – 30 अक्तूबर 1998 यानि 27 वर्ष पूर्व एक अपराध घटित हुआ था. जिसके अगले दिन 31 अक्तूबर 1998 को नागपुर पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी. परंतु इस मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट पेश करने ही नागपुर पुलिस को 25 वर्ष का समय लगा और नागपुर पुलिस द्वारा 10 अक्तूबर 2023 को सत्र न्यायालय में चार्जशीट पेश किए जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरु हुई. पश्चात 27 मई 2025 को सत्र अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. बल्कि 27 वर्ष बाद सजा सुनाए गए तीन में से एक आरोपी को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने महज 27 दिन के भीतर सजा पर स्थगिती देते हुए उसकी जमानत को भी मंजूर किया. ऐसे में कहा जा सकता है कि, यह कहानी पूरी फिल्मी है.
जानकारी के मुताबिक 30 अक्तूबर 1998 की रात रामदासपेठ में पुष्पकुंज कॉम्प्लेक्स के सामने ‘इन टाइम’ न्यूज एजेंसी के संपादक अनुभव विनोद पर प्राणघातक हमला हुआ था. अनुभव विनोद ने गोल्डन माईल होटल जरुरी लाईसेंस नहीं रहने के बावजूद शुरु रहने की खबर तैयार की थी. जिसे रोकने के लिए उन्हें धमकाया गया था और खबर नहीं रोके जाने के चलते अनुभव विनोद पर धारदार हथियारों से हमला किया गया था. इस समय अनुभव विनोद को बचाने हेतु आए पत्रकार सुमुख मिश्रा व प्रकाश साखरकर पर भी चाकू व तलवार से हमला किया गया था. जिसके चलते तीनों लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. 30 अक्तूबर को हुए इस हमले की शिकायत 31 अक्तूबर 1998 को पुलिस थाने में दर्ज हुई थी. लेकिन हैरानी वाली बात यह रही कि, पुलिस को मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश करने हेतु 25 साल का लंबा समय लग गया और नागपुर पुलिस ने 10 अक्तूबर 2023 को नागपुर सेशन कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के साथ ही वीडियो कैसेट, रक्तरंजित कपडे, हथियार व मेडीकल साक्ष प्रस्तुत किए. साथ ही इस मामले में 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. जिसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए सत्र न्यायालय ने 27 मई 2025 को अपना फैसला सुनाया और तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. 27 साल बाद इस मामले का फैसला आते ही अफी खान अजात खान नामक एक आरोपी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की. जिसे सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने महज 27 दिन के भीतर सजा को अस्थायी रुप से स्थगित करते हुए 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर अफी खान की जमानत मंजूर कर ली. ऐसे में अब इस मामले को लेकर नागपुर में चर्चाओं का बाजार अच्छा-खासा गर्म है.

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