17 वर्षो बाद वह मिली परिवार से
12 दिनों के बेटे को छोडकर चली गई थी

* अमरावती की समाजसेविका का परिश्रम फलीभूत
* पति और पुत्र ठेठ पैठन से पहुंचे लेने
अमरावती/ दि. 28 – अमरावती की समाजसेविका की मेहनत और लगन के कारण 17 वर्ष पहले घर परिवार से बिछडी महिला को उसका परिवार दोबारा मिला. उसे मंगलवार शाम यहां चैरिटी मदर टेरेसा होम से जब बिदाई दी गई तो सभी सिस्टर्स, डॉ. स्मिता और सभी कर्मचारी न केवल उपस्थित थे. बल्कि अनेक के आंखों के पोर सजल हो गये थे. बडा ही भावनापूर्ण वातावरण बना था. परिवार के लोग बहुत ही प्रसन्न थे. बार- बार चैरिटी और समाजसेविका डॉ. स्मिता साठे को धन्यवाद दे रहे थे.
* 12 दिनों का था बेटा
जब यह महिला परिवार से बिछुडी उस समय उसे प्रसूत हुए केवल 12 दिन बीते थे. अपने नवजात पुत्र को छोडकर वह आ गई थी. उसे अमरावती की संस्था चैरिटी ने आश्रय दिया. संभाला. भरण पोषण किया. देखते ही देखते 17 वर्ष बीत गये थे. महिला का बेटा आज 17 बरस का हो गया.
* डॉ. स्मिता ने की खोजबीन
डॉ. स्मिता इस चैरिटी संस्था में समाजसेवी के रूप में आती जाती हैं. यथासंभव मदद करती है. उनके संपर्क में उक्त महिला आयी. उन्होंने महिला के परिवार की तलाश शुरू की. यहां वहां अनेक स्थानों पर डॉ. स्मिता ने फोन किए. उन्हें पता चला कि यह महिला पैंठन के किसी गांव की हैं. तब उन्होंने कई गांवों के सरपंचों से और प्रतिष्ठितों से संपर्क किया. डॉ. स्मिता बताती है कि लोगों ने भी उनकी पूछताछ को सकारात्मक प्रतिसाद दिया. सत्कार्य में मानवता की मिसाल भी दिखी.
* टाकली की निवासी, लेने आया परिवार
डॉ. स्मिता ने बताया कि सत्कर्म करनेवालों की भगवान भी मदद करते आया है. इसका परिचय उन्हें इस घटना में भी मिला. लोगों से सकारात्मक प्रतिसाद पश्चात महिला के टाकली ग्राम की होने का पता चला. डॉ. स्मिता ने परिजनों का नंबर खोजकर अमरावती में उनकी महिला सदस्य होने के बारे में बतलाया. सभी यह जानकर बडे प्रसन्न हो गये. तुरंत पति, पुत्र, ननद और परिवार के लोग उसे लेने अमरावती रवाना हुए.
* करवाया विवाह, उपहारों सहित विदाई
चैरिटी संस्था में महिला के परिवार का स्वागत किया गया. पति के साथ उसके विवाह की विधि वरमाला आदि दोबारा करवाई गई. उपस्थितों ने उन्हें आशीर्वाद और शुभकामनाएं तथा उपहार दिए. बडे ही भावुक माहौल में पैंठन तहसील के ग्राम टाकली के लिए महिला ने पति, पुत्र के संग 17 वर्ष पश्चात अंबानगरी से प्रस्थान किया. उस समय मदर टेरेसा होम, सभी सिस्टर्स, डॉ. स्मिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पडे थे.





