अंगनवाडी घोटाले के आरोपी बालविकास अधिकारी को झटका
हाईकोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

नागपुर/दि.13– बहुचर्चित अंगनवाडी साहित्य खरीदी घोटाला प्रकरण में आरोपी रहे 9 बालविकास प्रकल्प अधिकारियों को गुरुवार को जोरदार झटका लगा. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका गुणवत्ताहिन ठहराते हुए खारिज कर दी. न्या. उर्मिला जोशी-फलके ने यह फैसला सुनाया.
आरोपियों में वनिता विनायक काले (पारशिवनी), नंदा सुनील गाजवे (नरखेड), ताई सय्यम (काटोल), अपर्णा राजेंद्र तिवारी (हिंगणा), उज्वला राजू ढोके (नागपुर), रवींद्र जयरामसिंग चव्हाण (रामटेक), कल्पना श्यामसुंदर गजभिये (भिवापुर), पुष्पा नखाते (मौदा) और चित्रा चंद्रकांत घाडे (कलमेश्वर) का समावेश है. राज्य सरकार की अंगनवाडी श्रेणी वर्धन योजना अंतर्गत नागपुर जिला परिषद को 49 अंगनवाडी के लिए दो चरणो में 1 करोड 6 लाख रुपए लिए गए थे. लेकिन आरोपियों ने उन्हें मिली निधि से निर्धारित साहित्य खरीदी करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. उन्होंने ई-टेंडर प्रक्रिया नजरअंदाज कर सीधे आपूर्ति कर्ताओं से बाजार भाव से अधिक भाव में साहित्य खरीदी किया.
* यह लापरवाही नहीं
आरोपियों द्वारा सरकार की कल्याणकारी योजना का उद्देश्य सफल करने के लिए काम करना और वंचित घटक तक योजना का लाभ पहुंचाना अपेक्षित है. लेकिन उनकी गलत नीति के कारण सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ. इस आरोपी की लापरवाही अथवा अनियमितता नहीं कहा जा सकता, ऐसा निरीक्षण न्यायालय ने अपने फैसले में दर्ज कर सभी को जमानत के लिए अपात्र ठहराया.





