श्री लक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल परकोटे का सबसे प्राचीन मंडल है.

आजादी से 31 वर्ष पूर्व गणेश मंडल की हुई स्थापना

* मंडल के उपाध्यक्ष मनोज भेले ने दी जानकारी
अमरावती/दि. 25 – संपूर्ण राज्यभर में 27 अगस्त से बाप्पा का आगमन होने जा रहा है. अंबानगरी में भी गणेशोत्सव मनाने विविध गणेशोत्सव मंडल द्वारा जोरो- शोरो से तैयारीया शुरू कर दी गई है. गणेशोत्सव मंडलो की ओर से हर साल सुंदर गणेश प्रतिमाओं के साथ आकर्षक झाकिया भी साकार कि जाती है. शहर के गणेशोत्सव मंडलों में श्री लक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल परकोटे में सबसे प्राचीन मंडल है. मंडल के उपाध्यक्ष मनोज भेले ने बताया कि अंबागेट क्षेत्र का श्रीलक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल परकोटे का सबसे प्राचीन गणेशोत्सव मंडल है. इसका इतिहास रोचक है. गणेशोत्सव मंडल की राज्य में शुरूआत करने वाले लोकमान्य टिलक की प्रेरणा से आजादी से 31 वर्ष पूर्व 1916 में महान समाज सेवक पद्मश्री डॉ. शिवाजीराव पटवर्धन, वीर वामन जोशी, बापू साहेब कारंजकर, तथा कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी.
इस गणेशोत्सव मंडल ने देश की आजादी के पहले और आजादी के बाद का दौर देखा है. प्राचीन तथा आधुनिक दोनों ही दौर के साक्षी रहे इस मंडल ने अब तक बहुत से बदलाव देखे है. अगर कुछ नही बदला तो आस्था नहीं बदली. भगवान श्री गणेश के भक्तो ने गणेशोत्सव मंडल की परंपरा तथा लोकप्रियाता बनाए रखी है. मनोज भेले ने आगे बताया की अमरावती जिले में लक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल ही एक मात्र मंडल है जिसने शताब्दी वर्ष के बाद एक दशक में प्रवेश किया है. इतना ही नही इस मंडल ने आजादी कीलडाई मे भी योगदान दिया है. साल 1942 के आंदोलन में राष्ट संत तुकोडोजी महाराज का व्याख्यान मंडल में किया गया था.
श्री लक्ष्मीकांत मंडल सांस्कृतिक तथा सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत है. क्रीडा क्षेत्र में भी मंडल ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है. जिसमें कबड्डी, स्विमिंंग, वॉटरपोलो, कुस्ती, आदि खेलो में मंडल का अहम योगदान रहा है. मंडल के खिलाडीयों ने स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेलो का उत्कृष्ट्र प्रदर्शन कर विदर्भ का नाम रोशन किया है. मनोज भेले ने बताया की स्वतंत्रता से पूर्व भारत छोडो आंदोलन के दौरान लगाए गए. कर्फ्यू की वजह से गणेश प्रतिमा का विर्सजन उस समय पुलिस बंदोबस्त के बीच पितृपक्ष में किया गया था. तभी से मंडल की गणेश प्रतिमा का विर्सजन पितृपक्ष में किया जाता है.

मंडल की आकर्षक झाकिया हमेशा चर्चाओं मे रहती है.
मंडल में झाकियोे की परंपरा 109 वर्षो की है. यहां साकार की जानेवाली झाकिया हमेशा चर्चा मे रहती है पिछले कुछ वर्षो में मंडल की ओर से राम दरबार, कॅम्फोर्ट टेंपल (बैगलोर), लोटस टेंपल (दिल्ली) ,गजानन महाराज मंदिर (शेगांव), विठ्ठल रूक्मिणी के दर्शन अलावा सुंदर प्राकृतिक दृष्य मंडल की ओर से बनाई गई झाकियों में दिखाया गया इस वर्ष मंंडल की ओर से बादामी केव्स टेंपल की प्रतिकृती साकार कि जा रही है.

गणेशोत्सव को सफल बनाने कार्यकारिणी का गठन
हर साल गणेशोत्सव को सफलता पूर्वक मनाने कार्यकारिणी का गठन किया जाता है. इस साल भी कार्यकारिणी गठीत की गई जिसमें पूर्व महापौर विलास इंगोले ( अध्यक्ष), राम याउल (कार्याध्यक्ष),ड्ॉ. अशोक लांडे (उपाध्यक्ष), मनेाज भेले (उपाध्यक्ष), मनोज हिवसे (उपाध्यक्ष), शेखर ताकपीरे(कोषाध्यक्ष), नीलेश सोलंके (सहकोषाध्यक्ष), सौरभ याउल, उमेश भिडे (सचिव), चेतन याउल, आदित्य हिवसे, आशीष लाड, गौरव गुल्हाने, अभिषेक तायवाडे (सभी सह सचिव)

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