इधर शुभमंगल सावधान और उधर मतदान
निकाय चुनाववाले दिन ही विवाह समारोहों की भी धूम

* लोगों को दोनों ओर करनी पडेगी जमकर दौडभाग
* प्रशासन ने ‘पहले मतदान, फिर कन्यादान’ का किया आवाहन
अमरावती /दि.25 – इस समय जिले की 10 नगर परिषदों व 2 नगर पंचायतों में जबरदस्त तरीके से राजनीतिक खुमार चढा हुआ है. क्योंकि इन सभी निकाय क्षेत्रों में आगामी 2 दिसंबर को मतदान होना है. परंतु 2 दिसंबर को ही वैवाहिक शुभमुहूर्त रहने के चलते बडे पैमाने पर विवाह समारोह भी आयोजित होनेवाले है. जिसके चलते लोगबाग विवाह समारोह में भी अच्छे-खासे व्यस्त रहेंगे. ऐसे में इसका कहीं मतदान के प्रतिशत पर तो कोई परिणाम नहीं पडेगा, इसकी चर्चा जनसामान्यों में शुरु हो गई है. जिसे देखते हुए प्रशासन एवं निर्वाचन विभाग द्वारा मतदान को लेकर जनजागृति करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है और प्रशासन द्वारा ‘पहले मतदान, फिर कन्यादान’ का संदेश जारी करते हुए मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है.
मतदान यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में सबसे बडा उत्सव रहने के चलते नागरिकों ने पहले मतदान का कर्तव्य निभाना चाहिए और फिर इसके बाद विवाह समारोह सहित अपने अन्य कामों को निपटाना चाहिए, ऐसा आवाहन प्रशासन द्वारा बार-बार किया जा रहा है. साथ ही मतदान का प्रतिशत बढाने एवं अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान हेतु प्रेरित करने के लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, युवा मंडलों एवं स्वयंसेवी संगठनों की भी सहायता ली जा रही है. इसके अलावा मतदाता जनजागृति के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है.
प्रशासन की ओर से आवाहन किया गया है कि, वर एवं वधू पक्ष ने अपने सभी मेहमानों से मतदान करने के बाद ही अपने यहां आयोजित विवाह समारोह में उपस्थित रहने को लेकर आवाहन करना चाहिए. साथ ही वर एवं वधू ने भी विवाह विधि पर चढने से पहले देश के सजग नागरिक के तौर पर अपने मताधिकार का कर्तव्य पूरा करना चाहिए, ताकि अन्यों को भी मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने की प्रेरणा मिले और मतदान का प्रतिशत बढे.
* 2 व 3 दिसं. को वैवाहिक मुहूर्त
बता दें कि, जहां एक ओर निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनाव कराने हेतु मतदान के लिए 2 दिसंबर व मतगणना के लिए 3 दिसंबर की तारीख तय की गई है. वहीं 2 व 3 दिसंबर को वैवाहिक मुहूर्त भी है और दोनों दिन जमकर विवाह समारोह आयोजित है. ऐसे में लोगबाग अपने रिश्ते-नातेदारों के यहां आयोजित विवाह समारोह में हिस्सा लेने हेतु बाहरगांव भी आने-जाने के नियोजन में है. ऐसे में मतदान को लेकर जमकर दौडभाग होने की पूरी संभावना है. जिसके चलते विवाह हेतु जानेवाले बारातियों और मतदान के लिए आनेवाले लोगों के समय संबंधी व्यवस्थापन में काफी दिक्कते पैदा हो सकती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए चुनावी अखाडे में मौजूद मतदाता भी मतदान के प्रतिशत पर पडनेवाले परिणामों को लेकर बेहद सजग है और अपने प्रचार को लेकर पूरी ताकत भी झोंक रहे है.
* बारातियों के लिए वाहनों की विशेष सुविधा
कई उम्मीदवारों ने अपने पक्ष में मतदान बढाने हेतु मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने-ले जाने के लिए वाहनों की विशेष व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. करीब 9 वर्ष के अंतराल पश्चात होने जा रहे इस चुनाव में एक-एक वोट का महत्व ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और उनसे अपने पक्ष में मतदान करवाने को लेकर पूरी ताकत झोंकी जा रही है. जिसके तहत अपने निर्वाचन क्षेत्र में ऐन मतदान वाले दिन किसके यहां विवाह है और उस दिन किसके घर से कितने बजे बारात निकलनेवाली है, इसका पहले से पता लगाया जा रहा है. ताकि उस हिसाब से मतदाता रहनेवाले बारातियों का समय रहते मतदान कराया जा सके. ऐसे में ऐन वैवाहिक मुहूर्त वाले दिन मतदान की तारीख भी रहने के चलते प्रत्याशियों सहित बाराती बनने जा रहे मतदाताओं को भी अच्छी दौडभाग का सामना करना पड सकता है.
* मतदान के प्रतिशत पर परिणाम पडने की आशंका
ऐन वैवाहिक मुहूर्त वाले दिन मतदान की तारीख भी रहने के चलते इसका सीधे तौर पर मतदान के प्रतिशत पर असर पडने की आशंका बनी हुई है. चूंकि वैवाहिक समारोह के चलते कई लोगबाग अपने रिश्तेदारों के यहां बाहरगांव में रहते है और विवाह संबंधी कामों में व्यस्त भी रहते है. ऐसे में विवाह समारोह संबंधी व्यस्तता के चलते कई लोगों द्वारा मतदान से मुंह मोड लेने का खतरा बना हुआ है. जिसकी वजह से मतदान का प्रतिशत घटने की पूरी आशंका है. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों एवं प्रशासन द्वारा मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए तमाम आवश्यक प्रयास किए जा रहे है, ताकि हर एक मतदाता को मतदान केंद्र पहुंचकर अपना वोट डालने हेतु प्रेरित किया जा सके.





