सिध्दार्थ वानखडे को जुर्माना

बिजली कर्मी की कॉलर पकडने के आरोप में

* जिला व सत्र न्यायालय का निर्णय
* 9 साल पहले की घटना                                                                                                                                          अमरावती/ दि. 11- जिला व सत्र न्यायाधीश ए.डी. रामटेके ने 9 वर्ष पुराने मामले में बिजली कर्मी से गाली गलौज और जान से मारने की धमकी के केस में आरोपी सिध्दार्थ पांडुरंग वानखडे (56, टोपेनगर) को दोषी पाकर 7 हजार रूपए जुर्माने की सजा आज सुनाई. इस प्रकरण में कुछ प्रत्यक्षदर्शी साक्षीदार फितूर हो जाने के बावजूद सहायक सरकारी अभियोक्त एड. प्रफुल्ल तापडिया द्बारा की गई पैरवी पर कोर्ट ने आरोपी वानखडे को कसूरवार पाया.
इस्तगासे के अनुसार घटना 9 अप्रैल 2016 की रात 11.30 बजे की है. आरोपी सिध्दार्थ वानखडे एमएसईबी के कैम्प परिसर स्थित शिकायत निवारण केन्द्र पर शिकायत देने पहुंचे. क्षेत्र की बत्ती गुल होने की उनकी शिकायत थी. उस समय एमएसईबी के तकनीशियन प्रल्हाद झोपाटे ने कहा कि उन्हीं की शिकायत का निवारण करने तकनीशियन गये हैं. किंतु वानखडे ने कथित रूप से झोपाटे से गाली गलौज की और उनकी टी शर्ट की कॉलर पकडकर जान से मारने की धमकी दी.
शिकायत पर गाडगे नगर थाने में दफा 353 के तहत अपराध दर्ज किया गया. कोर्ट में दोषारोपपत्र दायर किया गया. हेड कांस्टेबल ईश्वर राठोड और संतोष चव्हाण ने सहायक सरकारी वकील को सहकार्य किया. एड. प्रफुल्ल तापडिया ने सरकारी पक्ष रखते हुए अदालत में साक्षीदार प्रस्तुत किए. न्यायाधीश ए.डी. रामटेके ने आरोपी के विरूध्द अपराध सिध्द होने की घोषणा कर 7 हजार रूपए जुर्माना किया. जिसमें से 4 हजार रूपए शिकायत कर्ता झोपाटे को देने के निर्देश कोर्ट ने दिए.

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