सोयाबीन को मिल रहे बहुत कम दाम
निजी बाजार के भाव से किसान परेशान

* सरकारी खरीद केंद्रों का इंतजार
अमरावती/दि.15 -भारी बारिश ने सोयाबीन को भारी नुकसान पहुंचाया है, वहीं जिले के किसानों को निजी बाजार में मिल रहे कम दामों के कारण किसान हताश हो गए है. 5,328 रुपये प्रति क्विंटल की गारंटीमूल्य के बावजूद, निजी बाजा में सोयाबीन का दाम अभी सिर्फ 3,000 से 4,000 रुपये ही मिल रहा है. दिवाली आने में अब सिर्फ आठ दिन बाकी हैं, लेकिन जिले में सरकारी खरीदी केंद्र खोलने की कोई पहल न होने से किसानों में रोष है.
दरअसल, किसानों की मदद के लिए सरकारी खरीद केंद्र दिवाली से पहले खुलने की उम्मीद है. हालांकि, इस साल जिले में केंद्रों का पंजीयन भी शुरू नहीं हुआ है. भारी बारिश के कारण कई किसानों ने सोयाबीन की कटाई नहीं की है और जिन्होंने की है, उनमें औसतन एक से दो क्विंटल प्रति एकड की मामूली उपज हुई है. बाजार में मिल रहे कम दामों के कारण, इस खरीफ सीजन में जिले के 70 से 80 प्रतिशत किसानों की खेती की लागत भी वसूल हो पाना मुश्किल है. अमरावती कृषि उपज समिति में प्रतिदिन लगभग 8 से 9 हजार क्विंटल सोयाबीन बिक्री के लिए आ रहा है. भारी बारिश के कारण सोयाबीन की गुणवत्ता कुछ खराब हुई है. 14 अक्टूबर को उच्चतम गुणवत्ता वाले सोयाबीन का भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर मात्र 4,176 रुपये तक रहा. अगर सरकारी खरीद शुरू हो गई होती तो किसानों को आज डेढ से दो हजार रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान नहीं उठाना पडता अगर किसानों द्वारा सोयाबीन की अधिकांश बिक्री पूरी हो जाने के बाद एक-दो महीने बाद खरीद केंद्र खोला जाता है, तो आशंका है कि इसका फायदा केवल कुछ व्यापारियों, जमाखोरों और सातबारा से बिक्री करने वाले कुछ किसानों को ही होगा.
* केंद्रों की सूची भेजी, अभी तक कोई आदेश नहीं
सरकारी खरीद केंद्र खोलने या पंजीकरण के संबंध में अभी तक उच्चाधिकारियों से कोई आदेश नहीं मिले हैं. पिछले साल के 21 केंद्रों की सूची उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है, लेकिन केंद्र खोलने के संबंध में आदेश नहीं मिले हैं. अधिकारियों का कहना है कि केंद्र खोलने के संबंध में 20 अक्टूबर तक कोई निर्णय लिया जा सकता है.
*…….अन्यथा आक्रामक भूमिका
दिवाली आने में सिर्फ आठ दिन बाकी हैं, फिर भी सरकारी खरीदी केंद्र नहीं खुले हैं, जो किसानों के साथ अन्याय है. भारी बारिश के कारण या तो फसल ही नहीं है, और जो पैदा हुई है, उसे भी औने-पौने दामों पर बेचना पड रहा है. इसलिए सरकार तुरंत खरीदी केंद्र खोले और दिवाली से पहले किसानों से सोयाबीन खरीदे, अन्यथा हम आक्रामक भूमिकाव अपनाएंगे, ऐसी चेतावनी किसान नेता प्रकाश साबले ने चेतावनी दी है.





