विद्युत नगर में डॉ.सुनील देशमुख के कांग्रेस की प्रचार सभा को उत्स्फूर्त प्रतिसाद
लोकार्पण के समय भूमिपूजन को बताया जनता के साथ सरासर धोखा

* कहा-चुनाव के सामने बडी-बडी घोषणा महज हवा-हवाई
अमरावती/दि.5-अमरावती विधानसभा क्षेत्र में महाविकास आघाडी कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार डॉ. सुनील देशमुख के प्रचार के लिए वीएमवी परिसर के विद्युत नगर में एक जनसभा का आयोजन किया गया था. इस सभा के नागरिकों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला. डॉ. सुनील देशमुख की भूमिका को समझते हुए उनके समर्थन में बडी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दिखाई. इस अवसर पर डॉ.सुनील देशमुख ने कहा कि, लोकार्पण के समय भूमिपूजन करना यह अमरावती के जनता के सरासर धोखा है. चुनाव के सामने बडी-बडी घोषणा हवा-हवाई जैसी है.
सभा में कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, शिवसेना नेता प्रदीप बजाड, सेवानिवृत्त अभियंता व साहित्यकार वी.पी. जाधव अविनाश पांडे, वैशाली विधाते, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) पार्टी के अमित गावंडे, वर्षा भटकर मुख्य रूप से उपस्थित थे. सभा का आयोजन शहर कांग्रेस सचिव प्रदीप अरबट, योगेश भुयार, अविनाश पांडे, प्रशांत महल्ले सुनील जावरे की पहल पर किया गया.
सभा को बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व महापौर विलास इंगोले ने कहा कि, सत्ताधारी लोगों द्वारा जनता पर संपत्ति मालिकों का भारी बोझ लादकर जनता को लूटने की साजिश रची गयी थी. लेकिन लोकसभा में हंगामे के बाद अचानक जागकर हडबडाहट में चुनाव के सामने अस्थायी राहत देकर उसका ढोल पीटना शहर में शुरु है. जबकि, इस बढ़े हुए संपत्ति कर को ठाणे की तर्ज पर खत्म किया जाना चाहिए था. पूर्व महापौर विलास इंगोले ने अपनी दृढ राय व्यक्त करते हुए कहा कि, केवल स्थगिती देकर अमरावती के लोगों को गुमराह किया जा रहा है और चुनाव खत्म होते ही यह बढा हुआ संपत्ति कर लोगों पर थोप दिया जाएगा. विद्यमान जन प्रतिनिधि छोटे-छोटे कार्यों के लिए भूमि पूजन करने मोह नहीं रोक पाए, इस पर इंगोले ने आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि, चुनाव के मद्देनजर भूमिपूजन किया गया.
शिवसेना नेता प्रदीप बाजड ने कहा कि, सही मायनों में डॉ. सुनील देशमुख अमरावती शहर को टिकाऊ बुनियादी ढांचे के साथ विकसित करने की क्षमता रखते हैं. इसलिए उन्हें भारी समर्थन देना सभी जिम्मेदारी है.
पिछले ढाई वर्षों में अमरावती महापालिका का प्रशासनिक शासन सचमुच भ्रष्टाचार से भर गया है और अमरावती मनपा के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं बचा है. यदि अमरावती महापालिका के लिए सरकारी स्तर से अनुदान प्राप्त करना तो दूर इसके विपरीत नगरोत्थान जैसी योजना में 30 करोड रुपए, जलापूर्ति योजना में करीब 275 करोड रुपए महापालिका को देने है. जो महापालिका सफाई कर्मचारियों का, ठेका कर्मचारियों का विगत 5-6 महिने से वेतन नहीं दे सकती उस महापालिका पर ऐसी योजनाएं थोपने का काम पिछले कुछ समय से हुआ है. और इस योजना का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. दरअसल, फंड की कमी के कारण ये योजनाएं पूरी होंगी या नहीं, इस पर बड़ा सवालिया निशान है. लेकिन मौजूदा विधायकों ने पिछले पांच वर्षों में चुनावों में समय बर्बाद करने के अलावा और कुछ नहीं किया है. पूरे अमरावती शहर में साफ-सफाई की धज्जियां उडा दी गई है, जिसके कारण डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से नागरिकों का जीवन खतरे में पड गया है और सत्ताधारियों ने लोगों को उनके हाल पर छोड दिया है, ऐसी टिप्पणी डॉ. सुनील देशमुख ने की. उन्होंने कहा कि, अमरावती शहर को हम इसके पूर्व जितनी ऊंचाई पर ले गए थे, उस वैभव को पुन: प्राप्त कर बडी संख्या में समर्थन देने का का आह्ववान किया. उनके इस आह्वान को नागरिकों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया.
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