16 मैच में 1135 रन बनाने के बाद भी पृथ्वी शॉ को नहीं टीम इंडिया में एंट्री
BCCI ने कहा- खेलना है तो मोटापा कम करो
नई दिल्ली/ दि. 8 – एक समय था जब पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जाता था. अपने पहले ही टेस्ट में वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ शतक ठोक कर उन्होंने इस बात को साबित भी किया था कि वह इस काबिल हैं, लेकिन समय के साथ शॉ की फॉर्म गिरती चली गई और ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उनको टीम से बाहर कर दिया गया. बीसीसीआई (BCCI) की सीनियर चयन समिति ने शुक्रवार को आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (ICC World Test Champioship) और इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन किया तो इसमें शॉ का नाम नहीं था. यह तब हुआ जब शॉ ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया.
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो चयनकर्ताओं ने कुछ चीजों को लेकर शॉ को एक तरह से संकेत दिए हैं जहां उन्हें सुधार करने की जरूरत है. इंग्लैंड दौरे के लिए जो 20 सदस्यीय टीम चुनी गई है उसमें रोहित शर्मा, शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल और केएल राहुल के रूप में चार सलामी बल्लेबाज हैं. साथ ही स्टैंड बाय में अभिमन्यू ईश्वरन का भी चयन हुआ और वह घरेलू क्रिकेट में बंगाल के लिए सलामी बल्लेबाजी करते हैं. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चयनकर्ता चाहते हैं कि शॉ कुछ किलो वजन कम करें. इसके लिए उन्होंने ऋषभ पंत का उदाहरण भी दिया है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, “21 साल के खिलाड़ी होने के नाते पृ्थ्वी अभी भी टर्फ पर काफी धीमे हैं. उन्हें कुछ किलो कम करना होगा. ऑस्ट्रेलिया में फील्डिंग के दौरान उनकी एकाग्रता में भी कमी देखी गई थी. शॉ ने ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद काफी मेहनत की है. उनके सामने ऋषभ पंत का उदाहरण है. पंत जब कुछ महीनों में चीजें बदल सकते हैं तो शॉ भी कर सकते हैं.” ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी-2021 में 800 से ज्यादा रन बनाए. आईपीएल-2021 के स्थगित होने से पहले उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स से खेलते हुए आठ मैचों में 308 रन बनाए. इसके बाद भी उनका चयन नहीं हुआ. सूत्र ने बताया, “उन्हें कुछ और टूर्नामेंट्स में यही फॉर्म जारी रखनी होगी. उन्हें अधिकतर एक सीरीज के प्रदर्शन के दम पर चुना जाता रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह फिर संघर्ष करते हैं. वह काफी शानदार खिलाड़ी हैं जिन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”