मुंबई/ दी १-एक बड़े टेस्ट मैच से पहले जितनी तरह की पेचीदीगियां कप्तान के सामने हो सकती हैं वो सारी विराट कोहली (Virat Kohli) का इंतजार कर रही हैं. आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप (ICC T20 World Cup) के बाद विराट कोहली ने आराम लिया था. टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भी उनकी जगह अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी की थी. अब विराट कोहली बतौर कप्तान टीम में वापसी कर रहे हैं. आपको याद दिला दें कि पहला मैच बगैर हार जीत के फैसले के खत्म हुआ. भारतीय टीम का कानपुर टेस्ट में ‘अपर हैंड’ था क्योंकि न्यूजीलैंड की टीम आखिरी दिन संघर्ष करती दिखी. खराब रोशनी का उसे फायदा हुआ. वरना हार टालने के लिए आखिरी जोड़ी ही पिच पर संघर्ष कर रही थी. बावजूद इसके वानखेड़े स्टेडियम में उतरने से पहले टीम इंडिया पर मनोवैज्ञानिक दबाव है. इसकी कई वजहें हैं. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच 3 दिसंबर से शुरू होना है.
वानखेड़े की पारंपरिक पिच का पेंच
कानपुर टेस्ट में भारतीय टीम सिर्फ दो तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी थी. टीम में तीन स्पिन गेंदबाज शामिल थे. अनुभवी आर अश्विन का साथ देने के लिए रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल मौजूद थे. इन तीनों स्पिन गेंदबाजों ने मिलकर 17 विकेट लिए. जो बताता है कि तीन स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरने का टीम मैनेजमेंट का फैसला सही था. लेकिन मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की कहानी अलग है. वानखेड़े की पिच परंपरागत स्विंग के लिए जानी जाती है. इसके अलावा पिच से तेज गेंदबाजों को अच्छी उछाल भी मिलती है. यानी टीम इंडिया को गेंदबाजों के कॉम्बिनेशन में बदलाव करना ही होगा. मुंबई में तीन गेंदबाज ज्यादा तार्किक लगते हैं. ऐसे में मोहम्मद सिराज प्लेइंग 11 में जगह बना सकते हैं. कानपुर टेस्ट में इशांत शर्मा भी लय में नहीं थे. उसका तोड़ भी विराट कोहली को सोचना होगा.
विराट के लिए कौन खाली करेगा जगह?
ये भी टीम इंडिया के सामने एक बड़ा प्रश्न है. विराट कोहली आएंगे तो बाहर कौन जाएगा, विराट की जगह कानपुर टेस्ट मैच में श्रेयस अय्यर को मौका मिला था. श्रेयस अय्यर ने शानदार बल्लेबाजी की. वो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के पहले ऐसे बल्लेबाज बन गए जिन्होंने डेब्यू मैच की पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया. श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी की बदौलत ही भारतीय टीम न्यूजीलैंड पर दबाव बनाने में कामयाब हुई थी. जाहिर है श्रेयस को मुंबई में भी मौका मिलेगा. अब दो विकल्प बचते हैं- अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा दोनों अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं. ऐसे में क्या भारतीय टेस्ट टीम के दो मजबूत स्तंभों में से किसी एक को बाहर बिठाया जाएगा. रहाणे मैदान में बतौर उप कप्तान विराट कोहली की मदद करते हैं. उन्हें बाहर बिठाना सही रहेगा या नहीं? दूसरा विकल्प ये हो सकता है कि ऋद्धिमान साहा को बाहर बिठाकर श्रीकर भरत को बतौर सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर मौका दिया जाए. ऐसे में मयंक अग्रवाल को बाहर बिठाया जा सकता है. मयंक कानपुर टेस्ट मैच की दोनों पारियों में प्रभावित नहीं कर पाए थे. इन सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए विराट कोहली के पास अब सिर्फ गुरुवार का दिन बचा है.