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ड्रीम 11 को आईपीएल का प्रायोजक बनाना प्रधानमंत्री के लोकल पर वोकल के खिलाफ

कैट ने किरण रिजिजू को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की

नयी दिल्ली/दि.२० – ड्रीम 11 को आईपीएल का प्रायोजक बनाने के विवादस्पद मुद्दे पर गंभीर रूख अपनाते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय खेल मंत्री श्री किरण रिजिजू को एक पत्र भेजकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा की बीसीसीआई द्वारा ड्रीम 11 को आईपीएल का प्रायोजक बनाना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को विफल करने का प्रयास है और सरकार द्वारा आक्रामक रूप से चीनी कंपनियों को भारत में रोकने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के विपरीत है। सरकार द्वारा रेलवे, राजमार्ग आदि सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीनी कंपनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध भी लगाया गया है और ठीक इसके उलट चीनी ंविवेश वाली कम्पनी ड्रीम ११ को प्रायोजक बनाना एक विरोधाभास गलत कदम है जिसके संकेत ठीक नहीं होंगे !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की एक तरफ सरकार देश को चीनी कंपनियों के दुष्चक्र से मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जबकि दूसरी तरफ, बीसीसीआई पूरी तरह से चीनी कंपनियों पर निर्भर है क्योंकि वीवो के बाद अब ड्रीम ११ भी ऐसी कंपनी है जिसमें प्रमुख रूप से चीनी निवेश है।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने श्री रिजिजू का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब लद्दाख की गलवान घाटी में चीनियों द्वारा बर्बर और घिनौनी हरकत से पूरा देश बुरी तरह से चीनी घटना से हताहत है। चीनी सेना द्वारा देश के 20 वीर पुत्रों की नृशंस हत्या कर दी गई और प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने विभिन्न गैर-कानूनी बाधाओं को लागू करने सहित विभिन्न तात्कालिक उपायों को अपनाकर चीन को कड़ा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ऐसे में बीसीसीआई सरकार की व्यापक नीति की रूपरेखा के खिलाफ पूरी तरह से काम कर रहा है जो बेहद निंदनीय है !

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने आगे कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस महीने की शुरुआत में चीनी हैंडसेट निर्माता वीवो को दुबई में आयोजित होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग 2020 के शीर्षक प्रायोजक के रूप में बनाए रखने का फैसला किया था। देश में प्रचलित चीन विरोधी भावनाओं के मद्देनजर कैट और अन्य लोगों द्वारा कड़ी आपत्तियां की गई जिसके चलते विवो के साथ अनुबंध रद्द कर दिया गया। लेकिन एक बड़े झटके के रूप में बीसीसीआई ने एक बार फिर से भारत के लोगों की भावनाओं का अनादर किया और ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 से स्पॉन्सरशिप का अनुबंध किया है जिसमें चीनी निवेशक टेनसेंट ग्लोबल भी है, जो इसके प्रमुख हितधारकों में से एक है।बोर्ड का यह सरासर असंवेदनशील व्यवहार इस बात का प्रतीक है कि वीवो को रोकने का पहले का निर्णय एक मात्र छलावा था और बीसीआईआई वास्तव में भारतीय सैनिकों के प्रति बिल्कुल भी सहानुभूति नहीं रखता है और भारतीय नागरिकों की भावनाओं का सम्मान नहीं करता है।
श्री रिजिजू को लिखे अपने पत्र में कैट ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया जो हमारे राष्ट्र के गौरव और संप्रभुता के लिए बहुत महत्व रखता है और बीसीसीआई को ड्रीम 11 को दिए गए अनुबंध को रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया है ! बीसीसीआई के लिए अनुबंध देने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त होगा कि किसी भारतीय कम्पनी को प्रायोजक बनाया जाए इससे एक बड़ा सन्देश जाएगा की भारत अब वास्तव में स्थानीय के लिए मुखर है और ऐसी किसी भी कंपनी पर निर्भर नहीं है जिसमें किसी भी चीनी व्यक्ति की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है !

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