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एमएस धोनी के 100 करोड़ रुपये मानहानि केस में पुलिस अधिकारी को झटका

कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार

नई दिल्ली/दी ९- मद्रास हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर को आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार की उन पर चल रहे मानहानि केस पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया. संपत कुमार पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी  ने मानहानि का केस कर रखा है. जस्टिस एन शेषशायी ने फैसला देते हुए कहा कि इस समय किसी भी तरह का आदेश देने से 2014 से चल रहे मुख्य केस के आगे बढ़ने पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा. यह टिप्पणी करते हुए उन्होंने याचिका खारिज कर दी. धोनी ने 2014 में 100 करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया था.धोनी की तरफ से दायर मानहानि याचिका में कहा गया कि एक टीवी मीडिया कंपनी और बाकी लोगों ने कथित तौर पर छवि खराब करने वाली खबर चलाई जिसमें कहा गया कि वह आईपीएल मैचों में मैच व स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल थे. उन्होंने जी संपत कुमार समेत मानहानि के मामले में शामिल आरोपियों पर बयान देने और उन्हें छापने पर रोक लगाने की मांग की थी. संपत कुमार आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच में शामिल रहे थे.

धोनी की तरफ से दायर मानहानि याचिका में कहा गया कि 11 फरवरी 2014 से आरोपी उनके खिलाफ काफी गंभीर रूप से छवि खराब करने वाली, अपमानजनक और झूठी खबरें और बयान दे रहे हैं. इनका इकलौता मकसद दुनियाभर के क्रिकेट को चाहने वालों और फैंस की नजरों में उनकी छवि को धूमिल और खराब करने का है. धोनी की तरफ से उन्हें हुए नुकसान के बदले में 100 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई थी. इस पर (अब रिटायर) जस्टिस तमिलवेनन ने अंतरिम रोक लगा दी थी और आगे से ऐसा नहीं करने को कहा था.

जी संपत कुमार ने मानहानि केस को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. अपने एफिडेविट में उन्होंने कहा कि यह केस उनपर लगाम लगाने के लिए किया गया है. इसी वजह से यह केस मद्रास हाई कोर्ट में दायर किया जबकि मानहानि का केस झेल रहे बाकी तीन लोगों में से कोई भी तमिलनाडु में नहीं रहता है.

क्या है आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस

2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में तीन क्रिकेटर गिरफ्तार हुए थे. इनमें श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अंकित चंदीला शामिल थे. साथ ही चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी सट्टेबाजी में आया था. बाद में उनके मैदान में जाने पर रोक लगा दी गई थी. स्पॉट फिक्सिंग के मामले में चेन्नई और राजस्थान रॉयल्स पर दो साल का बैन लगा था.

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