खेल

पीवी सिंधु पहुंची क्वार्टर फाइनल में

अब सामने होगी ओलिंपिक में हराने वाली खिलाड़ी

नई दिल्ली/दी16-गत चैंपियन पीवी सिंधु ने गुरुवार को यहां थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग को सीधे गेम में हराकर बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है. दुनिया की सातवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने 10वें नंबर की थाईलैंड की खिलाड़ी को 48 मिनट चले प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-14 21-18 से हराया. छठी वरीय सिंधु की पोर्नपावी के खिलाफ आठ मैचों में यह पांचवीं जीत है जबकि तीन बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सिंधु ने इसके साथ ही पोर्नपावी के खिलाफ मौजूदा सत्र में दो हार का बदला भी चुकता कर लिया. इस महीने की शुरुआत में पोर्नपावी ने बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स के ग्रुप मैच में सिंधु को हराने से पहले मार्च में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भी उन्हें शिकस्त दी थी.

दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता सिंधु क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताइ चू यिंग से भिड़ेंगी जिन्होंने स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिलमोर को 21-10 19-21 21-11 से हराकर बाहर का रास्ता दिखाया. यिंग और सिंधु की प्रतिस्पर्धा का सभी को इंतजार रहता है. दोनों बेहतरीन खिलाड़ी हैं. यिंग का सामना करना सिंधु के लिए किसी भी तरह से आसान नहीं होगा. यिंग ने ही टोक्यो ओलिंपिक के सेमीफाइनल में सिंधु को मात दी थी और उनका स्वर्ण जीतने का सपना तोड़ा था.

ऐसा रहा मैच

सिंधु ने अच्छी शुरुआत करते हुए जल्द ही 5-1 की बढ़त बनाई लेकिन पोर्नपावी ने स्कोर 4-5 कर दिया. सिंधु ने इसके बाद बेहतर खेल दिखाते हुए स्कोर 15-10 और फिर 19-11 करके आसानी से पहला गेम जीत लिया. दूसरे गेम में कड़ा मुकाबला देखने को मिला लेकिन सिंधु ने अच्छी शुरुआत करते हुए 3-0 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक 11-6 से आगे थी. इसके बाद कई लंबी रैली देखने को मिली जिसमें थाईलैंड की खिलाड़ी ने कई अंक बनाए.

सिंधु 16-10 से आगे थी लेकिन पोर्नपावी ने वापसी करते हुए स्कोर 18-19 कर दिया. सिंधु ने लंबी रैली के बाद अंक जुटाकर स्कोर 20-18 किया और फिर अगला अंक जीतकर गेम और मैच अपने नाम किया. पहले दौर में बाई हासिल करने वाली सिंधु ने मंगलवार को दूसरे दौर में स्लोवाकिया की मार्टिना रेपिस्का को 21-7 21-9 से हराया था.

टोक्यो के बाद पहले खिताब का इंतजार

सिंधु ने टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था, लेकिन इसके बाद वह एक भी टूर्नामेंट में जीत हासिल नहीं कर सकी हैं. इस टूर्नामेंट से पहले वे विश्व टूर फाइनल्स में भी कमाल नहीं कर सकी थीं. फाइनल में कोरियाई खिलाड़ी एन सेयंग से मात खा गई थीं. इससे पहले इंडोनेशिया ओपन में वह सेमीफाइनल में हार गई थीं. इंडोनेशिया मास्टर्स में भी उनका यही हाल हुआ था. फ्रेंच ओपन में भी वह सेमीफाइनल से आगे नहीं जा सकी थीं. डेनमार्क ओपन में वह क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गई थीं.

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