सूर्यकुमार यादव के DRS में अंपायर ने की गड़बड़ी
खिलाड़ी कंफ्यूज, नॉट आउट रहने पर भी श्रीलंकाई टीम ने मनाया जश्न
नई दिल्ली/दि. 23 – भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे वनडे मुकाबले के दौरान सूर्यकुमार यादव की बैटिंग के दौरान दिलचस्प नजारा देखने को मिला. भारतीय बल्लेबाज को प्रवीण जयविक्रमा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया. लेकिन सूर्यकुमार यादव ने डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस ले लिया. इसमें दिखा कि वह आउट नहीं थे क्योंकि गेंद का इंपेक्ट स्टंप्स की लाइन के बाहर था. यानी गेंद पैर पर स्टंप्स की लाइन से बाहर लगी थी. ऐसे में थर्ड अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया. लेकिन अंपायर ने डीआरस के दौरान इंपेक्ट के आगे का सीन भी देखा और इसमें गेंद विकेट पर लग रही थी. यह देखकर श्रीलंकाई खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े. वहीं सूर्या खुद को आउट मानकर ड्रेसिंग रूम के लिए रवाना हो गए तो हार्दिक पंड्या बैटिंग के लिए आने लगे. लेकिन थर्ड अंपायर ने सूर्या को नॉट आउट करार दिया तब मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने सूर्या को रोका. इससे पहले डीआरएस में बॉल ट्रेकिंग को देखने में काफी वक्त लगा. स्निको के बाद करीब पांच मिनट बाद जाकर डीआरएस का मामला आगे बढ़ा.
यह घटना भारतीय पारी के 23वें ओवर में हुई. जयविक्रमा की गेंद ऑफ साइड में फुल लैंथ पर गिरी. इस पर सूर्या ने स्वीप करना चाहा. मगर गेंद बल्ले के संपर्क में आई नहीं और पैर पर जाकर लगी. श्रीलंकाई खिलाड़ियों की जोरदार अपील पर कुमार धर्मसेना ने सूर्या को आउट दे दिया. भारतीय बल्लेबाज ने साथी मनीष पांडे से बात करने के बाद डीआरएस लिया. सबसे पहले देखा गया कि गेंद पर बल्ला लगा या नहीं इसमें साफ था कि गेंद सीधे जाकर पैर पे ही लगी थी. फिर काफी देर इंतजार के बाद बॉल ट्रेकिंग दिखाई गई.
इसमें सामने आया कि गेंद स्टंप्स की लाइन के बाहर पैर से लगी थी. साथ ही वह स्टंप्स से ढाई मीटर आगे पैर पर लगी थी. इससे सूर्या नॉट आउट थे. लेकिन इस दौरान एक कंफ्यूजन हो गया. थर्ड अंपायर ने बॉल के पिच होने के आगे की तस्वीर भी मांगी. इसमें दिखा कि गेंद स्टंप्स पर जाकर लग रही थी. इस पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने खुशी जताई. ऐसे में सूर्या पवेलियन जाने के लिए रवाना हो गए. मगर थर्ड अंपायर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाज आउट नहीं है. इस पर सूर्या को रोका गया. उधर, श्रीलंकाई खिलाड़ियों को जश्न मनाता देखकर हार्दिक पंड्या भी ड्रेसिंग रूम से बैटिंग के लिए निकल आए थे.
अब जान लेते हैं कि गड़बड़ी कहां हुई? दरअसल जब इंपेक्ट में सामने आया कि गेंद स्टंप्स की लाइन से बाहर लगी है और उसकी दूसरी ढाई मीटर रही है तो फिर बॉल ट्रेकिंग में उसके स्टंप्स से टकराने की बात देखने का मतलब नहीं रहता है. क्योंकि जब गेंद का इंपेक्ट ही स्टंप्स से बाहर है तो फिर वह कहीं भी जाए उसका मतलब नहीं रहता है. अंपायर का बॉल ट्रेकिंग में गेंद के स्टंप्स के लगने या नहीं लगने तक जाने की वजह से यह सारा कंफ्यूजन हुआ.