खेल

पहले डे-नाईट टेस्ट मुकाबले में बुरी तरह हारी टीम इंडिया

तीसरे दिन की दूसरी पारी में ३६ रनों पर सिमटी

एडिलेड/दि.१९ – मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में एडिलेड में भारत को शनिवार को 8 विकेट के अंतर से बुरी तरह से धोकर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. भारत की दूसरी पारी में उसे उसके इतिहास के न्यूनतम 36 रन पर सिमटने के बाद ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 90 रन का अप्रत्याशित टारगेट मिला था, जो सो उसने दो विकेट खोकर दूसरे सेशन में हासिल कर लिया. जो बर्न्स ने फॉर्म में लौटते हुए नाबाद 31 रन की पारी खेली, जबकि मैथ्यू वेड ने 33 रन बनाए. भारत ने पहली पारी में 244 रन बनाए थे, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी पहली पारी में 191 रन बनाए थे और भारत को 53 रन की बढ़त मिली थी, लेकिन तीसरे दिन वह हुआ जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में करीब 46 साल पहले हुआ था. हेजलवुड और कमिंस ने भारतीय बल्लेबाजी को हत्थे से उखाड़ दिया. हेजलवुड ने पांच और कमिंस ने चार विकेट लिए. तीसरे दिन के खेल के पहले सेशन की बात करें भारतीय टीम ने टेस्ट में अपने न्यूनतम स्कोर का नया रिकॉर्ड बनाया. तीसरे दिन सुबह बुमराह का विकेट गिरा, तो लगातार विकेट गिरते रहे और आखिरी चोटिल बल्लेबाज मोहम्मद शमी के रिटायर्ड आउट होने तक टीम इंडिया दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन पर ही ढेर हो गयी. हालत कितनी खराब रही, यह आप इससे समझ सकते हैं कि कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका और सबसे ज्यादा 9 रन मयंक अग्रवाल के रहे. इस तरह पहली पारी के 53 रन को मिलाकर भारत ने कुल 89 रन की बढ़त हासिल की. मतलब ऑस्ट्रेलिया को पहला टेस्ट जीतने के लिए सिर्फ 90 रन बनाने होंगे. दूसरे दिन पैट कमिंस ने भारतीय बल्लेबाजी पर मार की शुरुआत की, लेकिन हाहाकार मचा कर रख दिया हेजलवुड ने, जिन्होंने पांच विकेट चटकाए और उनकी सीम और स्विंग के आगे दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों ने एकदम सरेंडर कर दिया. हेजलवुड के अलावा पैट कमिंस ने 4 विकेट लिए.भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था. टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाये थे. भारत की परेशानी यहीं पर समाप्त नहीं हुई है. तेज गेंदबाज शमी की कलाई पर चोट लग गयी है और वह श्रृंखला से बाहर हो सकते हैं. पैट कमिन्स की उठती हुई गेंद उनकी कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोडऩा पड़ा. इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गयी. भारतीय टीम ने पहली पारी में 53 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद वह शर्मनाक हार के कगार पर पहुंच गयी है. भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज ढोते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडिलेड के प्रदर्शन ने ली है. गावस्कर की तरह वर्तमान क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली भी यह दिन भूलना चाहेंगे. एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकार्ड की बराबरी करने से बच गयी. ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की अतिरिक्त उछाल वाली गेंदों के सामने भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी खुलकर सामने आ गयी। गेंदबाजों ने गेंद की सीम का अच्छा इस्तेमाल किया. तेज और उछाल भरी गेंदों के सामने भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। भारत का कोई भी बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाया. नाइटवाचमैन जसप्रीत बुमराह (2) के पहले ओवर में आउट होने के बाद जोश हेजलवुड (5 विकेट) और पैट कमिंस (4 विकेट) ने भारतीय पारी को तहस नहस कर दिया. इससे भारत की मजबूत कहे जाने वाली बल्लेबाजी का दंभ भी खत्म हो गया. मयंक अग्रवाल (9), चेतेश्वर पुजारा (0) और अजिंक्य रहाणे (0) तीनों ने एक ही तरह से अपने विकेट गंवाये. इन तीनों के लिये गेंद कोण लेकर आयी जिसमें थोड़ी उछाल थी और जो बल्ले को चूमकर विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में समायी. कप्तान विराट कोहली (4) ने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में गली में कैच दिया. इंग्लैंड में 2014 में वह इस तरह से आउट हुए थे.

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