चैन्नई/दि.१६- इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला ही मैच 227 रनों से गंवाने के बाद टीम इंडिया ने ऐसा पलटवार किया कि इंग्लिश टीम इस हार को कभी भूल नहीं पाएगी. चेन्नई के चेपॉक पर विराट ब्रिगेड ने महज हफ्तेभर में अपने प्रशंसकों को जीत का तोहफा दिया. 482 रनों के पहाड़ से लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम चौथे दिन 164 रनों पर सिमट गई और विराट ब्रिगेड ने 317 रनों से जीत हासिल करने का कारनामा किया. यह इंग्लैंड के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी जीत है.
भारत ने इस जीत से सीरीज बराबर कराकर विश्व टेस्ट चैम्पिनशिप के फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखा. इसके लिए उसे सीरीज में अब कम से कम 2-1 से जीत दर्ज करनी होगी. अगले दोनों मैच अहमदाबाद के सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम में खेले जाएंगे. तीसरा टेस्ट 24 फरवरी से शुरू होगा. कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘परिस्थितियां दोनों टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण थीं, लेकिन हमने बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन किया. हम टर्न और उछाल देखकर घबराये नहीं. हमने दृढ़ता दिखाई और मैच में 600 से अधिक रन बनाए.
चेन्नई में ही मौजूदा सीरीज का पहला मैच हारने के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा था, हमें वापसी करना आता है और अगले मैच में हम अपना बेस्ट देंगे. हमें अच्छी बॉडी लैंग्वेज से शुरुआत करनी होगी और विरोधी टीम पर दबाव बनाना होगा.’ कैप्टन कोहली की कही ये बात बिल्कुल सही साबित हुई. टीम इंडिया ने मेहमान टीम पर ऐसा दबाव बनाया कि उसने टेस्ट इतिहास में अपने पांचवीं सबसे बड़ी जीत हासिल कर ली.
इंग्लैंड पर 317 रनों की बेशकीमती जीत टीम इंडिया की टेस्ट क्रिकेट में पांचवीं सबसे बड़ी जीत (रनों के लिहाज से) है. भारतीय टीम ने अपनी सबसे बड़ी जीत साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2015 में दिल्ली के कोटला में हासिल की थी. तब उसने विराट कोहली की ही कप्तानी में अफ्रीकी टीम को 337 रनों से शिकस्त दी थी. भारत ने अपनी सबसे बड़ी 6 जीत में से 5 जीत विराट कोहली की अगुआई में दर्ज की हैं. भारत की इंग्लैंड के खिलाफ यह सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले उसने 1986 में लीड्स में कपिल देव की कप्तानी में इंग्लैंड को 279 रनों से मात दी थी. अब यह रिकॉर्ड कोहली के नाम जुड़ गया है, जिनकी कप्तानी में भारत ने न सिर्फ इंग्लैंड को रिकॉर्ड रनों से मात दी, बल्कि 89 वर्षों (1932-2021) के अपने टेस्ट इतिहास की पांचवीं सबसे बड़ी जीत दर्ज की.
337 रनों से- विरुद्ध साउथ अफ्रीका, दिल्ली- 2015
321 रनों से – विरुद्ध न्यूजीलैंड, इंदौर- 2016
320 रनों से- विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया, मोहाली- 2008
318 रनों से- विरुद्ध वेस्टइंडीज, नॉर्थ साउंड- 2019
317 रनों से- विरुद्ध इंग्लैंड, चेन्नई- 2021
304 रनों से- विरुद्ध श्रीलंका, गॉल- 2017
टीम इंडिया की इस करामाती जीत में एक तरफ रविचंद्रन अश्विन का ऑलराउंड प्रदर्शन (13, 106 रन, 5/ 43, 53/3 ) यादगार रहेगा, वहीं पहली पारी में हैटमैन रोहित शर्मा के बल्ले से निकले 161 रनों ने टीम इंडिया को मजबूती दी. साथ ही अजिंक्य रहाणे (67 रन) और ऋषभ पंत के अर्धशतकों (नाबाद 58) ने टीम इंडिया को पहली पारी में 329 रनों तक पहुंचाया.
इंग्लैंड को पहली पारी में 134 रनों पर समेटने के बाद दूसरी पारी में अश्विन ने बल्ले से धूम मचाई. उनके शतक और कप्तान कोहली के अर्धशतक की बदौलत टीम ने 286 रन बनाए और तीसरे दिन इंग्लैंड के सामने 482 रनों का असंभव-सा लक्ष्य रख दिया. डेब्यू करने वाले अक्षर पटेल की धुआंधार स्पिन (5/60) की बदौलत टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 164 रनों पर समेट दी और सुनहरी जीत हासिल कर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली. अब तीसरा टेस्ट (डे-नाइट) 24 फरवरी से मोटेरा में खेला जाएगा.
अब विश्व टेस्ट चैम्पिनशिप की तालिका में भारत दूसरे स्थान पर है. उसे फाइनल में पहुंचने के लिए सीरीज में 2-1 या 3-1 से जीत हासिल करनी होगी, तभी वह फाइनल में न्यूजीलैंड से खेलेगा. इंग्लैंड चौथे स्थान पर फिसल गया है. फाइनल में पहुंचने के लिए उसे यह सीरीज 3-1 से जीतनी होगी.