जीवन का पथदर्शक हैं ‘श्रीमद् भगवत गीता’
मार्गदर्शक श्री नारायण चांडक का कथन

* मणिबाई गुजराती हाईस्कूल में भगवत गीता ‘जीवन पथदर्शक’ सत्र
अमरावती /दि.18 – आज के स्पर्धात्मक युग में भगवत गीता के माध्यम से हम किसी भी संकट को आसानी से पार कर सकते हैं. भगवत गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन का सार हैं. जीवन जीने की कला हैं. जिसे हमे समझकर उसमें दिए मार्ग पर चलते हुए अपने कर्मो में परिवर्तन लाए तो हमारा जीवन सफल व सुखदायी बनेगा.ऐसा मार्गदर्शक श्री नारायण चांडक ने कहां.
स्थानीय अंबापेठ स्थित दि गुजराती एज्युकेशन सोसायटी द्वारा संचालित मणीबाई गुजराती हाईस्कूल में विद्यार्थियों के सर्वागींण विकास हेतु ‘भगवत गीता: जीवन पथदर्शक’ इस विषय पर मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया गया था. जिसमें वे मार्गदर्शक के तौर पर बोल रहे थे. उन्होंने भगवत गीता, कर्मयोग, कर्तव्यनिष्ठा, आत्मविश्वास, समय व सकारात्मक विचार जैेसे विषयों को सरल एवं प्रेरणादायी भाषा में समझाने का प्रयास किया. जी लाईफ पर अमल करने वाली मणीबाई गुजराती हाईस्कूल यह विदर्भ में प्रथम स्कूल हैं. इस स्कूल द्वारा विदर्भ के 22 स्कूलो कों प्रशिक्षण दिया जाता हैं. पाठ्यक्रम के अलावा छात्रोें के सर्वागींण विकास हेतु उनके व्यक्तिमत्व संतुलन के लिए, छात्रोें का भावनिक, मानसिक, बोैद्धिक विकास होने तथा उन्हें सक्षम बनाने के लिए यह नया उपक्रम हाईस्कूल में पिछले 6 सालों से चलाया जा रहा हैं. जिसमे स्कूल को गोल्डन रैंक प्राप्त हुआ हैं.
दि गुजराती एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष सुरेश भाई राजा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सचिव हितेद्र भाई धाबलिया, परेश भाई राजा, रंजनीकांतभाई शहा, रश्मीकांतभाई गगलानी, शहर के नामचीन शिक्षण संस्था संचालन, मुख्यध्यापक, शिक्षक के साथ राजा देशमुख (तलवेलकर), मेघश्याम करडे, निनांद सोमण, हितेश व्यास, अतुल बिजागरे, विनोद तिरमारे, राजेश नंदाने, आनंद महाजन स्कूल की मुख्याध्यापिका अंजली देव, शोभाबेन सेटियां, स्कूल की मुख्यध्यापिका सपना मेहता उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सिद्धि सेठियां ने किया. वआभार सागर शहा ने माना.





