पशुपालन को कृषि व्यवसाय का दर्जा

जिले के पशुपालकों को बडी राहत

अमरावती /दि.19 – राज्य में पशुपालन व्यवसाय को बढावा देने के उद्देश्य से उसे कृषि व्यवसाय का दर्जा दिया गया है. जिसमें जिले के पशुपालकों को बडी राहत मिली है. पशुपालन व्यवसाय को कृषि व्यवसाय का दर्जा देनेवाला देश में महाराष्ट्र पहला राज्य है.
जिले में पशुपालन व्यवसाय बडे प्रमाण में किया जाता है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले परिवारों की जीविका पशुपालन व्यवसाय पर निर्भर है. पशु वैद्यकीय सेवा के अभाव में पशुपालक व्यवसायियो को अनेक संकटों का सामना करना पडता है. जिसमें हाल ही में विधि मंडल के पावस सत्र में पशुपालन व्यवसाय को कृषि व्यवसाय का दर्जा देने की घोषणा की गई है. इसमें गाय, भैंस का दूध उत्पादन, भेड-बकरी, मुर्गी, वराह पालन तथा मधुमख्खी पालन व्यवसाय का समावेश रहेगा.

* जिले में पांच लाख से अधिक पशुधन
जिले में पांच लाख से अधिक पशुधन की संख्या और बडे प्रमाण में पशुपालक है. राज्य सरकार के निर्णय से पशुपालन व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा. जिले में पशुधन की संख्या अधिक होने की जानकारी पशु गणना से प्राप्त हुई है.

* किसानों की तरह मिलेगा कर्ज और बीमा
किसानों की तरह पशुपालकों को भी अब कृषि कर्ज के अनुसार कम ब्याज दर में कर्ज मिल सकेगा व बीमा संरक्षण, पशुधन बीमा योजना को गति, डेअरी प्रकल्प, गोठा, निर्माण, भेड पालन के लिए स्टॉल फिडिंग जैसी योजनाओं में दूध, अंडे, मांस उत्पादन बढाने के लिए तकनीकी सहाय्यक प्रशिक्षण, मार्केटिंग करने में मदद मिलेगी.

* उत्पादन बढेगा
राज्य में पशुपालन व्यवसाय को कृषि व्यवसाय का दर्जा दिए जाने पर उत्पादन बढेगा और दर्जेदार खाद्य आपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

* शासन की विविध योजना पहुचाने का किया जा रहा कार्य
शासन के इस निर्णय से पशुपालन व्यवसाय को अधिकृत स्वरुप प्राप्त हुआ है. शासन की विविध योजना पशुपालको तक पहुंचाने का कार्य पशुसंवर्धन विभाग द्वारा किया जा रहा है.
– डॉ. पुरुषोत्तम सोलंके
सहायक उपायुक्त, पशुसंवर्धन विभाग.

* पशुपालको को सीधा फायदा
शासन के इस निर्णय से पशुपालको को सीधे इसका फायदा होगा. ग्रामीण क्षेत्र के अनेक परिवारो का उदरनिर्वाह पशुपालन व्यवसाय पर निर्भर है. इस व्यवसाय को कृषि व्यवसाय का दर्जा दिए जाने पर पशुपालको की आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

 

Back to top button