धामणगांव बाजार समिति के सचिव पद के आदेश को स्टे

सरकार के फैसले से सहकार क्षेत्र में मची हलचल

* बाजार समिति के पूर्व सभापति मोहन इंगले ने दायर की थी अपील
* सहकार, विपणन और वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा आदेश जारी
धामणगांव रेलवे/दि.14– यहां की कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सचिव प्रवीण वानखडे के सचिव पद के आदेश पर महाराष्ट्र सरकार के सहकार, विपणन और वस्त्रोद्योग विभाग ने 30 जून को जारी आदेश के तहत अगली सुनवाई तक अंतरिम स्थगन (स्टे) दे दिया है. इस फैसले से सहकार क्षेत्र में हलचल मच गई है और अब सचिव पद से जुडा यह विवाद सरकार के स्तर पर पहुंच गया है.
कृषि उत्पन्न बाजार समिति के पूर्व सभापति मोहन इंगले ने महाराष्ट्र राज्य के विपणन निदेशक, पुणे, कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सचिव प्रवीण वानखडे के खिलाफ राज्य के विपणन मंत्री जयकुमार रावल के समक्ष महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न खरिदी-बिक्री (विकास एवं विनियमन)अधिनियम 1963 की धारा 52 (ब) के अंतर्गत अपील दाखिल की थी.
अपील में मोहन इंगले ने आरोप लगाया है कि प्रवीण वानखडे पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लंबित है. इसके बावजूद उन्हें समिति ने नियम विरूध्द प्रमोशन देकर ‘जंपिंग पद’ पर नियुक्त किया. इस प्रमोशन को विपणन निदेशक ने बिना जिला उपनिबंधक की सिफारिश के मंजूरी दी, जो 6 सितंबर 2024 के आदेश से स्पष्ट होता है. उन्होंने इस आदेश को रद्द करने, कर्मचारी को पदावनत करने और अब तक दिए गए वेतन-भत्ते की वसूली की मांग की है.
अपील में यह भी बताया गया कि वर्ष 2010 में समिति ने सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत बिना कोई परीक्षा लिए सीधे इंटरव्यू द्बारा 11 कर्मचारियों की नियुक्ति की थी. इन्हीं में से एक प्रवीण वानखडे भी थे जिन्हें क्लर्क पद पर नियुक्त किया गया था. इस भर्ती को उसी दिन जिला उपनिबंधक अमरावती से मंजूरी मिली थी. इस प्रक्रिया को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक5187/ 2014 लंबित है, जिस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.
वर्ष 2017-18 के ऑडिट में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई, जिसके कारण संबंधित कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन मंडल पर आपराधिक मामले दर्ज हुए है, इसमें प्रवीण वानखडे भी आरोपी है, और उनकी जमानत भी जिला एवं सत्र न्यायालय अमरावती से मंजूर हुई थी. इन कारणों से उन्हें प्रभारी सचिव पद से हटा दिया गया और वेतनवृध्दि भी रोकी गई.
वादी मोहन इंगले ने 6 सितंबर 2024 के आदेशपर स्थगन (स्टे) की मांग करते हुए आवेदन दिया. इस संबंध में राज्य के विपणन मंत्री जयकुमार रावल के समक्ष 30 जून 2025 को सुनवाई हुई. देनोंं पक्षो की ओर से वकील उपस्थित थे. सुनवाई के दौरान वादी की ओर से विलंब के लिए क्षम याचना आवेदन भी प्रस्तुत किया गया. प्रतिवादी क्रमांक 1 (विपणन निदेशक), क्रमांक 2 और 3 ने भी अपने विस्तृत लिखित जवाब प्रस्तुत किए.
प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए यह आवश्यक पाया गया कि धामणगांव रेलवे बाजार समिति के संबंधित सभी अभिलेखों और दस्तावेजों की गहन जांच की जाए, और पदोन्नति नियामों के अनुसार दी गई थी या नहीं, यह स्पष्ट किया जाए. न्यायसंगत निर्णय के लिए सभी पक्षों की विस्तृत सुनवाई कर न्याय के सिध्दांतों का पालन करते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए. इसिलए अपील में प्रस्तुत स्थगन याचिका को स्वीकार करते हुए प्रकरण की अगली सुनवाई तक सचिव पर के आदेश पर अंतरिम स्थगन दिया गया है और आगे की सुनवाई शीघ्र आयोजित करने के आदेश पारित किए गए है.

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