राज्य में शराब दुकानों पर सख्ती
अब सोसायटी की एनओसी अनिवार्य

* डेप्युटी सीएम अजित पवार का विधानसभा में स्पष्ट संदेश
नागपुर/दि.10 – महाराष्ट्र सरकार ने अब राज्यभर में विदेशी व देशी मदिरा दुकानों के स्थलांतरण पर कड़े नियम लागू करने का निर्णय लिया है. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में घोषणा की कि किसी भी शराब दुकान को नए स्थान पर ले जाने के लिए संबंधित क्षेत्र की पंजीकृत सोसायटी से ‘ना हरकत प्रमाणपत्र’ (एनओसी) लेना अब अनिवार्य होगा. यह नियम राज्य के सभी जिलों में समान रूप से लागू किया जाएगा.
यह निर्णय पिंपरी-चिंचवड के कालेवाडी-रहाटणी इलाके में चल रही अनियमित शराब दुकानों के मुद्दे पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में लिया गया. विधायक शंकर जगताप ने प्रश्नोत्तर काल में यह विषय उठाया था. जिसके पश्चात डेप्युटी सीएम अजित पवार ने स्पष्ट किया कि नागरिकों की लगातार बढ़ती शिकायतों, स्थानीय विरोध, कानून-व्यवस्था की चिंताओं और नियमों के उल्लंघन को देखते हुए सरकार ने यह कड़ा निर्णय लिया है. पिंपरी-चिंचवड के ‘बजाज देशी दारू दुकान’ और ‘विक्रांत वाईन्स’ के लाइसेंस अनियमितताओं के चलते निलंबित किए गए हैं. हालांकि, इनमें से एक दुकानदार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसके चलते आगे की कार्रवाई न्यायालय के आदेशों पर निर्भर करेगी.
* नया नियम क्या कहता है?
उपमुख्यमंत्री पवार के अनुसार, अब किसी भी शराब दुकान को स्थानांतरित करने के लिए सोसायटी की आधिकारिक एनओसी अनिवार्य होगी. सोसायटी के बहुमत की सहमति लेना जरूरी होगा. नियम तोड़ने पर त्वरित कार्रवाई करने के आदेश सभी जिलों को दिए गए हैं. सरकार का मानना है कि कई बार शराब की दुकानें बिना स्थानीय निवासियों की सहमति के आवासीय क्षेत्रों में खोल दी जाती हैं, जिससे भीड़, शोर, ट्रैफिक जाम और सुरक्षा संबंधी समस्याएँ पैदा होती हैं.
* सोसायटी की एनओसी क्यों जरूरी?
महाराष्ट्र के कई इलाकों में शराब दुकानों का स्थानीय नागरिकों द्वारा विरोध होता रहा है, क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता, सड़क पर भीड़ और ट्रैफिक जाम, असामाजिक गतिविधियों की आशंका व आवासीय क्षेत्रों का असुविधाजनक माहौल जैसी समस्याएं अक्सर सामने आती है. इन समस्याओं के समाधान हेतु सरकार ने सोसायटी की एनओसी अनिवार्य कर शराब दुकानों के संचालन पर नियंत्रण बढ़ाया है.





