सीएम फडणवीस के खिलाफ विद्यार्थियों का रोष

परीक्षा शुल्क में वृद्धि व भर्ती प्रक्रिया में घोटाले को लेकर फूटा गुस्सा

नागपुर /दि.10- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में राज्य में महामेगा भर्ती की घोषणा की है. परंतु इसके बावजूद राज्य में स्पर्धा परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थियों में सरकार के खिलाफ रोष व संताप की लहर है. स्पर्धा परीक्षा समन्वय समिति ने इसके लिए कुछ कारण देते हुए गुरुवार को ट्विटर पर आंदोलन यानि हैशटैग भी चलाया. जिसमें सरकार के समक्ष विभिन्न मांगे रखी गई और परीक्षा शुल्क को कम करने एवं एमपीएससी द्वारा सीधी भर्ती किए जाने की मांग की गई.
स्पर्धा परीक्षा समन्वय समिति के निवेदन अनुसार राज्य में बेरोजगारों की स्थिति बेहद बिकट है. कमाई के कोई साधन नहीं रहने के चलते कई परिक्षार्थी मेहनत-मजदूरी करते हुए स्पर्धा परिक्षाओं के लिए एक हजार रुपए जमा कर आवेदन करते है. ऐसे में सीधी सेवा परीक्षा के आवेदन शुल्क को कम किया जाए तथा कंपनी को अधिक शुल्क देने हेतु राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारों को सबसीडी दी जाए. स्पर्धा परिक्षार्थियों का यह भी कहना रहा कि, इतना अधिक शुल्क भरने के बावजूद परीक्षा लेनेवाली कंपनियों की अधिकांश परिक्षाओं के प्रश्न पत्र लिक हुए है और कई बार पद भर्ती में घोटाला भी हुआ है. जिसमें उन्हीं कंपनियों के कई उच्चपदस्थ अधिकारी भी शामिल है. जिसमें से कुछ के खिलाफ अपराध भी दर्ज हुए है. जिसका सीधा मतलब है कि, संबंधित कंपनिया अपने काम सही तरीके से पूरा नहीं कर पाई है. ऐसे में इस तरह की कंपनियों से पद भर्ती के काम को निकाल लिया जाना चाहिए, तथा तीन महिने के भीतर गट-क की सीधी सेवा परीक्षा महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के जरिए ली जानी चाहिए. इसके साथ ही परिक्षार्थियों का यह भी कहना रहा कि, विधान मंडल के पिछले अधिवेशन में मुख्यमंत्री अगले 6 माह के भीतर सभी सीधी सेवा भर्ती परीक्षा का जिम्मा एमपीएससी को देने की घोषणा की थी. परंतु उसके बावजूद ऐसा नहीं हुआ. आयोग के पास मनुष्यबल व अन्य सुविधाओं का अभाव रहने की वजह से परीक्षा एवं परिणाम समय पर होने में दिक्कते आ रही थी. जिसके चलते आयोग को सक्षम बनाने हेतु आवश्यक मनुष्यबल व साहित्य की आपूर्ति भी की जानी चाहिए और खुद मुख्यमंत्री ने परीक्षा शुल्क घटाने के साथ ही भर्ती प्रक्रिया में होनेवाले घोटालों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

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