एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों में असमंजस की स्थिति

नतीजे घोषित होने से पहले ही बीएएमएस, बीएचएमएस में प्रवेश फेरी शुरु

पुणे./दि.28 – बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस में दाखिले के लिए कैप राउंड-3 के नतीजे शनिवार को घोषित कर दिए गए, लेकिन एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए कैप राउंड तीन के नतीजे घोषित होने से पहले ही छात्रों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई. ऐसा इसलिए क्योंकि छात्रों को डर है कि अगर वे प्रवेश नहीं भी लेते हैं, तो प्रवेश मिलने पर भी उन्हें असुविधा होगी.
सीईटी बोर्ड के अनुसार, एमबीबीएस कैप राउंड 3 के लिए सरकारी कॉलेजों में 139 और निजी कॉलेजों (राज्य कोटा) में 303 सीटें उपलब्ध हैं. इसके अतिरिक्त, संस्थागत कोटे में भी 297 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन राज्य सामान्य प्रवेश परीक्षा बोर्ड के आयुक्त द्वारा 17 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना संख्या 22 के अनुसार, छात्रों को कैप राउंड-3 की आवंटित सीटों पर प्रवेश लेना अनिवार्य है. क्योंकि, उक्त उम्मीदवारों को अगले राउंड के लिए योग्य नहीं माना जाएगा. उन्हें एमबीबीएस का अवसर लिए बिना ही एएमएस या बीएचएमएस में प्रवेश लेना होगा.
* कहां प्रवेश लें? इसकोें इसे लेकर असमंजस
प्रवेश कहा लें? बात को लेकर असमंजस निर्माण हुआ है, क्योंकि बीएएमएस पाठ्यक्रम के कैप राउंड-3 के परिणाम एमबीबीएस प्रवेश के कैप राउंड-3 से पहले घोषित किए गए थे. छात्र और अभिभावक इस निर्णय पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं कि यदि कैप राउंड-3 में बीएएमएस कॉलेज आवंटित किया जाता है, तो उम्मीदवार किसी भी बाद के राउंड में भाग लेने के लिए अयोग्य हो जाएगा
* छात्रों का कहना है…
क्या प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण इस मुद्दे पर ध्यान देगा?, क्या छात्रों को उचित अवसर दिये जायेंगे? क्या सभी छात्रों को कैप फेरी-4 में सहभागी होने की अनुमति दी जाएगी?

छात्रों के साथ अन्याय न हो
एक अभिभावक ने बताया कि सरकारी बीएएमएस कॉलेजों में शीर्ष रैंक वाले छात्रों को तीसरे राउंड में एमबीबीएस मिलने की संभावना है. हालांकि, एमबीबीएस परिणाम देर से घोषित होने के कारण, उनके द्वारा खाली की गई सीटें तीसरे राउंड में कुछ बीएएमएस कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले शीर्ष रैंक वाले छात्रों को उपलब्ध नहीं होंगी. एमबीबीएस प्रवेश परिणामों में देरी छात्रों की गलती नहीं है, एमबीबीएस प्रवेश के कारण खाली हुई बीएएमएस सीटें केवल शीर्ष रैंक वाले छात्रों को ही मिलनी चाहिए.क्योंकि एमबीबीएस सर्वोच्च प्राथमिकता वाला विभाग है. देरी के कारण उच्च रैंक वाले पात्र छात्रों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.

 

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