विद्यार्थियों को कठोर परिश्रम से पाना होगा लक्ष्य

षष्ठपीठ पीठाधीश श्याम मनोहर महाराज जी का आवाहन

* केशरबाइ लाहोटी महाविद्यालय में मार्गदर्शन
* अध्यक्ष वसंत बाबू मालपानी और कार्यकारिणी ने किया आदर सत्कार

अमरावती / दि. 26आज के दौर को देखते हुए स्पष्ट है कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कडा परिश्रम करना होगा. लक्ष्य को आंखों से ओझल न होने देते हुए आलस्य और आमोद प्रमोद से दूर रहना बेहतर होता है. लक्ष्य भी उंचे रखने का आवाहन षष्ठपीठ पीठाधीश श्याम मनोहर महाराज जी ने किया. वे गणेशदास छात्रावास समिति द्बारा संचालित केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय में सोमवार सबेरे मार्गदर्शन कर रहे थे.
मंच पर संस्थाध्यक्ष वसंत बाबू मालपानी, उपाध्यक्ष जुगल किशोर गट्टानी, सहसचिव मोहन कलंत्री, ब्रजलाल बियाणी शिक्षा समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश लढ्ढा, प्रकाश हेडा, प्राचार्य डॉ. विजयकुमार भांगडिया आदि विराजमान थे. महाराज श्री ने कहा कि संस्कारों का जीवन में बडा महत्व है. बगैर संस्कार मनुष्य पशु समान है. आज समाज में जो अघटित हो रहा है. उसके पीछे संस्कारों की न्यूनता ही कही जा सकती है. अत: बच्चों के संस्कारों पर सर्वाधिक ध्यान देना होगा.
गोस्वामी श्याम मनोहर महाराज ने बडा स्पष्ट कहा कि माता ही बच्चे की प्रथम गुरू होती है. मातृशक्ति में वह क्षमता है कि सृजन और विध्वंस कर सकती है. माताओं को षोडस संस्कारों के विषय ेमें अपनी संतानों को बताना होगा तभी भारतवर्ष का भविष्य उज्वल होगा. उन्होंने भारतीय ग्रंथ और पुराणो के अनुरूप जीवन मान पर बल दिया. गोस्वामी श्याम मनोहर जी ने कहा कि संस्कार हमें समाज के प्रति उत्तरदायी बनाते हैं. जिससे हमारे कदम बहकने से पहले ही संभल जाते हैं.
संचालन प्रा. सोनल चांडक ने किया. समारोह में सभी अध्यापक वर्ग, विद्यार्थी और मान्यवर उपस्थित रहे. महेश गौरव पुरस्कार प्राप्त प्रा. डा. सोनल चांडक का गोस्वामी जी के हस्ते सह यजमान संतोष चांडक गौरव किया गया. आभार प्रदर्शन डॉ. जागृति व्यास ने किया. श्याम सुंदर दम्मानी, राजेंद्र बुच्चा और संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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