‘धनुष्यबाण’ पर त्वरीत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
16 को नियमित खंडपीठ में सुनवाई

मुंबई /दि.2- शिवसेना उबाठा ने सुप्रीम कोर्ट में पार्टी के चुनावी चिन्ह को लेकर प्रलंबित रहनेवाले मामले की त्वरीत सुनवाई करने की मांग की है. जिसे लेकर उबाठा गुट का कहना रहा कि, स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव की वजह से यह सुनवाई जल्द होना आवश्यक है. परंतु सुप्रीम कोर्ट ने त्वरीत सुनवाई करने से इंकार कर दिया तथा न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की अध्यक्षता वाली अवकाशकालिन खंडपीठ ने कहा कि, आगामी 16 जून को नियमित खंडपीठ के समक्ष यह विषय रखा जाएगा.
बता दें कि, 17 फरवरी 2023 को निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे द्वारा शिवसेना पर किए गए दावे को योग्य बताया था और निर्वाचन आयोग ने शिवसेना का मूल चुनावी चिन्ह धनुष्यबाण भी शिंदे गुट को दे दिया था. जिसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी और तब से ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई हेतु प्रलंबित है. ऐसे में शिवसेना उबाठा की ओर से वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव का हवाला देते हुए जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की. जिसका विरोध करते हुए शिंदे गुट के वकील का कहना रहा कि, चुनाव चिन्ह वितरण के बाद लोकसभा व विधानसभा के दो महत्वपूर्ण चुनाव हो चुके है और एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली शिवसेना धनुष्यबाण चुनाव चिन्ह के साथ ही चुनाव में हिस्सा ले चुकी है. ऐसे में अब ऐन स्वायत्त निकाय चुनाव के मुहाने पर चुनाव चिन्ह को लेकर को अलग तरह का फैसला सुनाए जाने का नुकसान हो सकता है.
ज्ञात रहे कि, विगत 7 मई को न्या. सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली नियमित खंडपीठ के सामने भी यह मांग की गई थी. परंतु खंडपीठ ने त्वरीत सुनवाई करने से इंकार कर दिया था. वहीं अब अवकाशकालिन खंडपीठ के सामने एक बार फिर वही मांग उठाते हुए शिवसेना उबाठा ने अपने लिए शरद पवार एवं अजीत पवार के बीच राकांपा को लेकर हुए विवाद में अदालत द्वारा दी गई व्यवस्था की मांग की है. जिस पर न्यायाधीश ने उन्हें आगामी 16 जुलाई को ही अपना मुद्दा रखने की सलाह दी है.





