वैनगंगा-नलगंगा नदीजोड प्रकल्प का सर्वेक्षण हुआ पूर्ण

प्रशासनिक मंजूरी के लिए प्रस्ताव सरकार को प्रस्तुत

अकोला/दि.17 -राज्य में महत्वाकांक्षी वैनगंगा-नलगंगा नदीजोड प्रकल्प के का सर्वेक्षण चरण पूरा हो चुका है. तथा अन्वेषण, अवधारणा और बजट तैयार करने का कार्य जोरों पर है. इस परियोजना का उद्देश्य मानसून के मौसम में नागपुर जिले के गोसेखुर्द जलाशय से 62.57 टीएमसी पानी उठाकर 388 किलोमीटर लंबी अंतर्संबंध नहर के माध्यम से बुलढाणा जिले की नलगंगा प्रकल्प तक पहुंचाना है.
इस प्रकल्प का उद्देश्य मानसून के दौरान नदियों से बहने वाले अतिरिक्त जल को लघु एवं मध्यम प्रकल्पों में संग्रहित करके कृषि के लिए उपलब्ध कराना है. इस प्रकल्प में 32 नए बांध बनाने और मौजूदा 17 बांधों में से 10 की ऊँचाई बढाने का प्रस्ताव है.
नागपुर स्थित सिएन्सीस टेक लिमिटेड को इस प्रकल्प के विस्तृत सर्वेक्षण और अन्वेषण का काम सौंपा गया है. कंपनी ने पिछले महीने हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वेक्षण तथा लीडार तकनीक का उपयोग करके क्षेत्र का नापजोख पूरा किया गया. सर्वेक्षण में अकोला, वाशिम और बुलढाणा सहित आठ जिलों में प्रस्तावित बांधों, बांध लाइनों, जलमग्न क्षेत्रों और संभावित लाभकारी क्षेत्रों की पहचान की गई.
* तकनीकी सलाहकार समिति को प्रस्ताव
प्रकल्प के प्रशासनिक अनुमोदन हेतु प्रस्ताव राज्य तकनीकी सलाहकार समिति को प्रस्तुत कर दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव की जांच प्रक्रिया भी प्रगति पर है.
* आठ जिलों में सिंचाई बढेगी
प्रकल्प के पूरा होने के बाद, आठ जिलों में हजारों हेक्टेयर कृषि सिंचाई क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है. इनमें अकोला, वाशिम, बुलढाणा, अमरावती, यवतमाल, भंडारा, नागपुर और वर्धा शामिल हैं. इन जिलों में नए बांध बनाए जाएँगे और कुछ बांधों की ऊँचाई बढाई जाएगी. इससे जल भंडारण क्षमता बढेगी और भूजल पुनर्भरण में भी योगदान मिलेगा.

विस्तृत रिपोर्ट तैयार
नदी जोड प्रकल्प का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. प्रशासनिक मंजूरी मिलते ही अगले चरण का काम गति पकड लेगा. प्रकल्प के बांधों से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.
-दिलीप भालतिलक, कार्यकारी अभियंता,
सिंचाई प्रकल्प (अन्वेषण) विभाग,
अकोला.

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