अमरावती में टाटा कंपनी 200 करोड की लागत से बनाएगी ट्रेनिंग सेंटर

शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में सीआयआयआयटी केंद्र की स्थापना को मिली मंजूरी

* विधायक सुलभा खोड़के के प्रयास रहे सफल, अब इंजीनियरिंग छात्रों को मिलेगा रोजगार कौशल-वृद्धि का अवसर
* विधायक खोडके ने डेप्युटी सीएम अजीत पवार के प्रति जताया आभार
अमरावती /दि.3 – अमरावती जिले के तकनीकी व इंजीनियरिंग शिक्षा क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्राप्त हुआ है, क्योंकि टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के माध्यम से अमरावती के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में सीआईआईआईटी कौशल-विकास केंद्र की स्थापना को सरकार की मंजूरी मिल गई है. इस केंद्र की स्थापना से इंजीनियरिंग छात्रों को उद्योगोन्मुख तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होगा और उन्हें रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. इस परियोजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें से 162 करोड़ रुपये का निवेश टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड एवं उसके भागीदार उद्योगों द्वारा किया जाएगा, जबकि शेष 15 प्रतिशत खर्च महाराष्ट्र शासन द्वारा जिला नियोजन निधि से वहन किया जाएगा. इस महत्त्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति विधायक सुलभा संजय खोड़के के निरंतर छह माह के प्रयासों का फल है. उन्होंने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के प्रति आभार ज्ञापित किया है.
बता दें कि, महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न जिलों में सीआईआईआईटी परियोजना शुरू करने के निर्देश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 25 मार्च 2025 को दिए थे. इसके बाद 15 अप्रैल को मुंबई में देवगिरी बंगले पर आयोजित विधायकों की बैठक में उन्होंने सभी विधायकों से अपने-अपने जिलों में ऐसे केंद्र स्थापित करने के लिए पहल करने का आवाहन किया था. इसी क्रम में अमरावती जिले में तकनीकी शिक्षा और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित कर छात्रों को नवाचार और कौशल के माध्यम से रोजगारोन्मुख बनाने हेतु विधायक सुलभा खोड़के ने पहल की. उन्होंने 20 जून 2025 को शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अमरावती के प्राचार्य से परियोजना का प्रस्ताव मंगवाकर उपमुख्यमंत्री व उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से लगातार अनुसरण किया. इस प्रयास का परिणाम यह रहा कि 31 अक्टूबर 2025 को टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के उपाध्यक्ष सुशील कुमार ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को पत्र द्वारा अमरावती में सीआईआईआईटी केंद्र की स्वीकृति की जानकारी दी.
इस परियोजना के तहत इमारत निर्माण व प्रशिक्षण कार्य पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी. केंद्र प्रारंभ होने के बाद हर वर्ष लगभग 7,000 विद्यार्थियों को उद्योग-संबंधित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा. इस केंद्र में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, उद्योग-आधारित प्रशिक्षण व्यवस्था और नवीनतम तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने की सुविधा होगी. इस परियोजना में टाटा टेक्नोलॉजीज और अन्य प्रमुख उद्योग कंपनियों का सहयोग प्राप्त रहेगा. गौरतलब है कि टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने ऐसे ही केंद्र कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, असम और महाराष्ट्र के गडचिरोली जिलों में सफलतापूर्वक स्थापित किए हैं. अब अमरावती में भी यह परियोजना लागू होने से स्थानीय स्तर पर कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा और उद्योग क्षेत्र की प्रगति को नई दिशा मिलेगी.
ज्ञात रहे कि, अमरावती में इंजीनियरिंग, आईटीआई, कंप्यूटर साइंस जैसे पाठ्यक्रमों के अनेक शासकीय व निजी संस्थान हैं. ऐसे में सीआईआईआईटी केंद्र की स्थापना से जिले में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा तथा उद्योगों को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित और दक्ष अभियंता प्राप्त होंगे. यह परियोजना न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि अमरावती जिले के औद्योगिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी.

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