महाराष्ट्र के टाटा कंज्यूमर वितरकों ने असहयोग आंदोलन की घोषणा

मुंबई /दि.8 – महाराष्ट्र भर में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के वितरकों ने गंभीर नाराज़गी जताते हुए कंपनी के प्रबंधन और नीतियों का विरोध करते हुए एक व्यापक असहयोग आंदोलन की घोषणा की है. इस आंदोलन की अगुवाई ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन कर रही है.
वितरकों का आरोप है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी वितरकों को उचित मान-सम्मान, पारदर्शी व्यवस्था और समयबद्ध भुगतान जैसी मूल अपेक्षाएँ पूरी करने में विफल रहे हैं. वितरकों ने विस्तृत शिकायतों की एक सूची प्रस्तुत की है, जिनमें लंबित निवेश वापस न करना, दावे और क्षतिपूर्ति भुगतान में भारी देरी, नए उत्पादों की अनियोजित डंपिंग, रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट में मनमानी परिवर्तन आदि, मुद्दे शामिल है. जिसके विरोध में रणनीति तय करते हुए वितरकों द्वारा कहा गया है कि, 13 अक्तूबर 2025 से कंपनी से सभी नई खरीदारी को निलंबित किया जाएगा. 20 अक्तूबर 2025 से सभी सेकेंडरी सेल्स (द्वितीयक बिक्री) पूरी तरह बंद की जाएगी. वितरक यह सुनिश्चित करना चाह रहे हैं कि कंपनी तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए, अन्यथा आंदोलन और तीव्र रूप ले सकता है.
आयसीपीडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल ने कहा है कि वितरक केवल बिक्री चैनल नहीं हैं, वे व्यापार में टाटा की विरासत की रीढ़ हैं. आज जो नैतिक पतन और कुप्रबंधन देखा जा रहा है, उसने दशकों के विश्वास को हिला दिया है. टाटा नाम इससे बेहतर का हकदार है और उसके व्यापारिक साझेदार भी है. फेडरेशन ने यह स्पष्ट किया है कि वह वितरकों के इस कार्यक्रम के संपूर्ण समर्थन में है और टाटा के शीर्ष प्रबंधन से आग्रह करती है कि वे जल्द से जल्द इस विवाद को सुलझाने की पहल करें ताकि यह संकट और बड़ा न हो जाए.
उक्ताशय की जानकारी आयसीपीडीएफ के संगठन मंत्री श्याम शर्मा द्वारा दी गई है.





