नरभक्षी बाघ की मेलघाट में दहशत कायम

पशुपालक संकट में, प्रशासन से सहायता की मांग

अचलपुर / दि.15 – मेलघाट के बहुल और अतिबहुल क्षेत्र में लगातार जारी नरभक्षी बाघ के हमले के कारण स्थानीय नागरिकों में दहशत व्याप्त है. खेती और पशुपालन यह यहां के नागरिकों का प्रमुख व्यवसाय है. इसी व्यवसाय पर उनके परिवार के सदस्यों का पालनपोषण चलता है. लेकिन बाघ के बढ़ते हमले के कारण खेती और पशुपालन पर गंभीर संकट आन पडा है.
फिलहाल मेलघाट में मका की फसल की बहार है. मका यह बहुपयोगी है. अनाज के साथ ही मवेशियों के लिए चारे के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस कारण किसान दिन-रात फसल व मवेशियों की देखरेख करने के लिए मचान पर रात बिताकर अपनी जान खतरे में डालकर डेरा जमाए बैठे रहते है. लेकिन वर्तमान में बाघ के हमले की घटना लगातार घटित होने से किसानों में दहशत व्याप्त है. मेलघाट में नरभक्षी बाघ ने पिछले कुछ दिनों में अलगअलग स्थानों पर हमले कर ग्रामवासियों को अपना शिकार बनाया है. इस कारण मेलघाट में दहशत का वातावरण है. इसका सीधा असर ग्रामीणो के साथ-साथ पर्यटको पर भी हुआ है. पहले पर्यटको की काफी भीड रहनेवाले इस परिसर में अब पर्यटको की संख्या कम हो गई है. अभी मका निकालने का सत्र शुरू होनेवाला है, इस कारण उत्पादन घटने का भय व्यक्त किया जा रहा है. उत्पादन यदि कम हुआ तो इसका सीधा परिणाम मवेशियों के चारे पर होगा और दूध का उतापादन कम होगा. इस कारण पशुपालक आर्थिक संकट में आ गए है. इस तीन संकट के कारण स्थानीय नागरीक आर्थिक परेशानी में है. रोजगार के अभाव में स्थानीय युवाओं में बी निराशा है. स्थानीयों के स्थलांतर की समस्या और गंबीर होने का भय भी व्यक्त होने लगा है. इस गंभीर परिस्थिति पर जिला भाजपा असुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्राचार्य सुखदेव पवार ने प्रशासन का ध्यान केंद्रीत किया है. उन्होंने प्रशासन को तत्काल प्रयास कर मरभक्षी बाघ का बंदोबस्त करने, नागरिकों को अभय देनेतथा किसान व पशुपालकों को आर्थिक सहायता घोषित कर इस संकट से मुक्त करने की मांग की है.

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