राजकीय रोटियां सेंकने ठाकरे का मराठी मुद्दा

पूर्व सांसद राणा का आरोप

अमरावती/ दि. 14- मैं महाराष्ट्र में जन्मी मुझे इस बात का गर्व है. मराठी मेरी मातृभाषा न रहने पर भी मराठी बोलने का प्रयत्न करती हूं. भाषा सीखने का भी प्रयास किया है. मराठी बोलने का प्रयत्न कभी नहीं छोडा. इस बात का अंतिम सांस तक अभिमान रहेगा. जहां तक ठाकरेे बंधुओं राज व उध्दव का मराठी प्रेम सतह पर आने का मामला है, वे केवल अपनी राजनीतिक रोेटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं. मराठी और हिन्दी भाषियों में दरार पैदा करने का प्रयत्न कर रहे हैं. इस प्रकार का आरोप पूर्व सांसद एवं बीजेपी नेता नवनीत राणा ने किया.
शनिवार को ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में बीजेपी और युवा स्वाभिमान द्बारा आयोजित कक्षा 10 वीं और 12 वीं के गुणवत्ता प्राप्त छात्र-छात्राओं का सत्कार समारोह में नवनीत राणा बोल रही थी. मंच पर बीजेपी सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक रवि राणा, विधायक प्रवीण तायडे, बीजेपी जिलाध्यक्ष रविराज देशमुख, शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे आदि विराजमान थे.
पूर्व सांसद राणा ने आरोप लगाया कि राज और उध्दव ठाकरे दोनों की संतानें अंग्रेजी शालाओं में पढी लिखी. उनसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने मराठी शाला में क्यों नहीं पढाई की. नवनीत राणा ने आरोप लगाया कि देवेन्द्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उध्दव ठाकरे को पेट दर्द हो रहा है. इसलिए वे किसी भी विषय पर सरकार की आलोचना करते हैं. सांसद राणा ने कहा कि उनके लिए हिन्दुस्तान ही धर्म हैं. उन्होंने राजकीय फायदे के लिए हिन्दुओं में फूट न डालने का आवाहन किया.
बीजेपी स्टार प्रचारक नवनीत राणा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी और युवा स्वाभिमान पार्टी का गठजोड रहने से जो चित्र जिले में दिखाई दिया, भूतो न भविष्यति विजय प्राप्त हुई. वहीं नजारा आगामी महापालिका, जिला परिषद, पालिका चुनाव में रहना चाहिए. हम सभी एकजुट होकर लडेंगे और महापालिका पर भगवा ध्वज लहरायेंगे.

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