साइकल चुरानेवाली ‘बच्चा गैंग’ पुलिस के हत्थे चढी

गैंग में 12 से 7 वर्ष के बच्चों का समावेश

* अब तक कई साइकिले चुराकर बेच डाली
* चटक-मटक खाने के चक्कर में करते थे चोरी
नागपुर /दि.10– नागपुर में साइकल चुरानेवाले छोटे बच्चों की एक पूरी गैंग ही पुलिस के हाथ लगी है. इस गैंग में 12 से 7 वर्ष की आयु वाले बच्चों का समावेश है. जिनके अभी दूध के दांत भी ढंग से टूटे नहीं हैं और वे बाहर का चटक-मटक खाने की लालच में साइकिल चोरी व विक्री के काम में भी लग गए थे. जिनकी कहानी को सुनकर पुलिस भी हैरत में पड गई.
साइकिल चोरी से संबंधित एक मामले की जांच करते हुए बेलतरोडी पुलिस के पथक ने 7 वर्ष की आयु वाले एक बच्चे को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ की तो उसने साइकिल चोरी की कहानियों का पूरा सिलसिला ही सुना दिया. इसके मुताबिक उस बच्चे के साथ एक ही स्कूल में पढनेवाले तीन से चार बच्चे इस गैंग में शामिल है. यह सभी बच्चे गरीब घरों से है. जिसमें से किसी को माता-पिता नहीं है, तो कोई अपने रिश्तेदार के यहां रहकर पढाई कर रहा है. इन बच्चों को पढाई-लिखाई में को रुचि नहीं रहने के चलते वे अक्सर ही एक साथ अपनी कक्षा में गुत्ती मारते हुए बाहर घूमा करते थे और किसी होटल के पास से गुजरते समय उन्हें वहां के खाद्यपदार्थों को खाने की इच्छा हुआ करती थी. लेकिन उनके पास पैसे ही नहीं रहा करते थे. ऐसे में उन्होंने चटक-मटक खाने के लिए पैसों का इंतजाम करने हेतु साइकिल चुराने का काम शुरु किया. चुराई गई साइकिलों को यह बच्चे मिट्टीमोल भाव में बेच दिया करते थे. जिसके लिए कभी माता-पिता की तबियत खराब रहने तो कभी भाई-बहन के अस्पताल में भर्ती रहने की बात कहते हुए सहानुभूती हासिल कर साइकिल को बेचा जाता था. एक बार तो एक बच्चे ने पढाई के लिए पुस्तक लेने हेतु पैसे नहीं रहने की बात कहकर 500 रुपए में ही चोरी की साइकिल को बेच दिया था. चूंकि इन बच्चों की उम्र बेहद कम है. ऐसे में उन्हें पुलिस द्वारा समुपदेशन केंद्र में भिजवाया गया है. लेकिन उनके द्वारा किया गया कारनामा वाकई अपने-आप में बेहद सनसनीखेज है.

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