शिक्षकों का आचरण महापुरूषों जैसा होना चाहिए
संभागीय आयुक्त डॉ. श्वेता सिंघल का प्रतिपादन

* जिप का जिलास्तरीय आदर्श शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह
अमरावती /दि.10 – स्कूल बच्चो के जीवन का अहम अंग होता हैं. मां के बाद बच्चे जो ज्ञान अर्जित करते हैं. वह स्कूल से प्राप्त होता है. और यहां से ही वे आगे समाज का हिस्सा बन देश की प्रगति और उन्नती में योगदान देते है शिक्षक स्कूल की आत्मा है. इसीलिए उनका आचरण हमेशा ही महत्वपूर्ण माना गया हैं. अगर हर शिक्षक महापुरूषों के विचारो पर चलते हुए अपने आचरण में बदलाव लाए तों समाज की पीढी एक नए समाज का निर्माण कर सकती हैं. ऐसा प्रतिपादन संभागीय आयुक्त डॉ. श्वेता सिंघल ने किया.
स्थानीय जिलाधिकारी कार्यलय के नियोजन भवन में मंगलवार को जिला परिषद द्वारा आदर्श शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया था. इस अवसर वें बोल रही थी. इस समय जिप कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहपात्रा, जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य डॉ. मिलींद कुबडे, प्राथमिक शिक्षणाधिकारी सतीश मुगल, डायट की अधिव्याख्याता प्रवीण राठोड, शिक्षणाधिकारी (योजना) निखिल मानकर, गुटविकास अधिकारी अभिषेक कसोदे, परीक्षाविधीन उपशिक्षणाधिकरी श्वेता गोले, प्रेरक उसहारे, आदि उपस्थित थें.
डॉ. श्वेता सिंघल ने आगे कहां की शिक्षकों के हाथ में पीढी को तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया हैं. शिक्षकोे ने इस ओर ध्यान देते हुए अपनी जिम्मेदारी पुरी करनी चाहिए. यह शिक्षकोे को प्राप्त सम्मान ओर अवसर है. विद्यार्थियो ने भी शिक्षको के प्रति अभिमान रखना चाहिए. समय के साथ अग्रेजी भाषा की स्कूल विकसित हो रही हैं. लेकिन जिला परिषद की स्कूल पिछड रही हैं. हम चाहते हैं कि आने वाले समय में जिला परिषद में भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्राप्त हो सके इसके लिए प्रयास होने चाहिए साथ ही नाविण्यपूर्ण उपक्रम के तहत शालाओं को डिजिटल बनाने का प्रयास करें
इस अवसर पर जिप सीईओं संजीता मोहपात्रा ने कहां कि जिन शिक्षकोें को पुरस्कार प्राप्त हुआ हैं. वह अभिनंदन के पात्र हैं. आगामी समय मे ओैर शिक्षकोे ने इनसे प्ररेणा लेकर पुरस्कार के लिए प्रवेशीका प्रस्तुत करनी चाहिए. इससे न केवल शिक्षा क्षेत्र में भीं स्पर्धाओं को बढावा मिलेंगा साथ ही जिला परिषद कों भी बेहतरीन शिक्षक प्राप्त होंगें. कार्यक्रम के दौरान जिलास्तरीय आदर्श शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकोे को संम्मानित किया गया उन्हें शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, प्रदान किया गया.
पुरस्कर प्राप्त शिक्षकोें में वनिता बोरोडे (अमरावती), बबीता पंडीत (अचलपुर), सुचिता दहीकर, (अंजनगांव सुर्जी), शैलेंद्र मांदले, (भातकुली), सै.रज्जाद, सै. गफ्फार, (चांदूर बाजार), इंदिरा रेवस्कर (चिखलदरा), लता गणवीर (दर्यापुर), किशोर परतेकी (धामणगांव रेलवे), स्मिता क्षिरसागर (धारणी), लिलाधर मासोदकर (मोर्शी), इंदिरा पोटेकर (नांदगांव खंडेश्वर), गजानन काकडे (तिवसा), केशव डफरे, (वरूड) के साथ कला, क्रीडा,संगीत व दिव्यांग विभाग से विजया सोलके (विशेष शिक्षिका) का समावेश रहा.
कार्यक्रम की प्रस्तावना शिक्षणाधिकारी सतीश मुगल ने रखी तथा संचालन अजय अडिकने व प्रतिभा काठोले तथा आभार प्रवीण खांडेकर ने माना इस अवसर पर निकुंन भारत एलेक्झा, मुख्यमंत्री मेरी सुंदर शाला, आचार विनोबा भावे शिक्षक सहायक कार्यक्रम के विजेताओं को भी संम्मानित किया गया. इस समय सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, केंद्र प्रमुख पुरस्कार प्राप्त परिवार के सदस्यों के साथ शिक्षक संगठनाओं के पदाधिकारी उपस्थित थें. यह जानकारी प्रसिद्धि समिति के अजित पाटिल, राजेश सावरकर, विधायक लकडे, श्रीनाथ वानखडे, हेमंत यावले ने दी.





