प्रभागों के टूटने से कई इच्छुकों के राजनीतिक समिकरण गडबडाएं
मनपा की प्रारुप प्रभाग रचना से कईयों को झटका लगना तय

* नई प्रभाग रचना में तय होगी कई प्रत्याशियों की कसौटी
अमरावती /दि.12 – महानगर पालिका के आगामी चुनाव हेतु प्रारुप प्रभाग रचना का पहला चरण पूर्ण होते ही अब राजनीतिक क्षेत्र में माहौल गरमाने लगा है. साथ ही प्रभागों का नए सिरे से परिसीमन होने के चलते इसकी ताकत कहां पर घटी अथवा बढी है, इसे लेकर तर्कवितर्क भी लगाए जाने लगे है. चर्चा यहां तक है कि, कुछ घटकों ने अपने लिए सुविधापूर्ण प्रभाग रचना तैयार करवाते हुए खुद के लिए सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का निर्माण करवाया है. जिसके चलते पारंपरिक प्रभागों में तोडफोड होने की वजह से कुछ दिग्गजों की ताकत कम हुई है. ऐसे में अमरावती मनपा के आगामी चुनाव हेतु नई प्रभाग रचना ने कई इच्छुक उम्मीदवारों की नींद उडा दी है. प्रभागों में हुई तोडफोड तथा विस्तीर्ण क्षेत्र में वृद्धि के चलते कई पूर्व पार्षदों सहित चुनाव लडने के इच्छुक सशक्त दावेदारों के राजनीतिक गणित व समिकरण गडबडाते नजर आ रहे है.
बता दें कि, 4 सदस्यीय प्रभाग रचना के चलते विस्तीर्ण भौगोलिक क्षेत्र का एक प्रभाग में समावेश हुआ है. ऐसी स्थिति में पूरे प्रभाग से वोट हासिल करने की चुनौती सभी प्रत्याशियों के सामने बनी हुई है. ऐसे में कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करने के साथ ही वोटों के आंकडों का हिसाब लगाते हुए ही चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया जा रहा है. कुछ विभागों को 4 टुकडों में विभाजित कर दिए जाने के चलते पुराना प्रभाव क्षेत्र घट गया है. जिसके चलते इच्छुक प्रत्याशियों में काफी हद तक संभ्रम व असमंजस वाली स्थिति है. विशेष तौर पर घने रिहायशी क्षेत्रों में कई गलियों व रास्तों को अलग-अलग प्रभागों में दिखाया गया है, जिसके चलते अब तक एक ही प्रभाग में शामिल रहनेवाली अगल-बगल की दो गलियां और दो अलग-अलग प्रभागों का हिस्सा है. इसके साथ ही कुछ स्थानों पर पुराने 5 से 6 प्रभागों को फोडकर एक नया प्रभाग तैयार किया गया है. जिसके चलते इससे पहले साथ काम कर चुके अडोस-पडोस वाले 5 से 6 पूर्व पार्षदों के प्रभागों के कुछ टूकडे जोडे गए है. वहीं कुछ जगहों पर कुछ पूर्व पार्षदों के अधिकार वाले प्रभागों में 50 फीसद से अधिक हिस्सा तोडकर किसी अन्य प्रभाग में शामिल कर दिया गया है और उसके स्थान पर उस प्रभाग में किसी अन्य प्रभाग के हिस्से को जोड दिया गया है. ऐसे में नए सिरे से जोडे गए क्षेत्र में कोई संपर्क ही नहीं रहने के चलते कई लोगों में अच्छा-खासा संभ्रम बना हुआ है.
* प्रभाग रचना में हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव
– प्रभाग क्रमांक 15-छाया नगर-गवलीपुरा को ही हटाकर विलास नगर प्रभाग के साथ जोड दिया गया है. इसी तरह स्वामी विवेकानंद-रुक्मिणी नगर प्रभाग से अब स्वामी विवेकानंद कॉलोनी व रुक्मिणी नगर को अलग-अलग करते हुए दो स्वतंत्र प्रभाग तैयार किए गए है.
– प्रभाग क्रमांक 3-नवसारी में भी बडे पैमाने पर कुछ बदलाव हुए है और इस प्रभाग के 7 हजार मतदाता इधर से उधर हो गए है. इसी तरह विलास नगर, जवाहर स्टेडियम, राजापेठ-कंवर नगर इन प्रभागों में भी बडे पैमाने पर बदलाव हुए है. साथ ही अन्य कुछ प्रभागों में भी छोटे-मोटे बदलाव हुए दिखाई दे रहे है.
– इसके परिणामस्वरुप वोटों से संबंधित समिकरण कुछ प्रमाण में निश्चित तौर पर बदलने वाले है. जिसे ध्यान में रखते हुए नई प्रभाग रचना के साथ तालमेल जोडने के लिए चुनाव लडने के इच्छुकों को अभी से ही काम पर लगना होगा. क्योंकि उनके लिए ‘हुकमी इक्का’ रहनेवाले वॉर्ड और मतदाता अब एक प्रभाग से दूसरे प्रभाग में चले गए है.
* कुछ पूर्व पार्षदों में नाराजगी
– कुछ प्रभागों का परिसीमन बदल जाने के चलते कुछ पूर्व पार्षदों में अच्छी-खासी नाराजगी भी दिखाई दे रही है. क्योंकि इससे पहले उनके प्रभाग में रहनेवाले कुछ वॉर्ड अब दूसरे प्रभाग में चले गए है. जिससे कुछ पूर्व पार्षदों का जनाधार खिसकने की संभावना भी बनी हुई है. जिसके चलते कुछ पूर्व पार्षदों का वोटों का समिकरण गडबडा सकता है.
– बता दें कि, वर्ष 2017 के मनपा चुनाव हेतु तैयार की गई प्रभाग रचना को लगभग 70 से 80 फीसद जस का तस ही रखा गया है. वहीं पुरानी प्रभाग रचना में 20 से 30 फीसद बदलाव करते हुए आगामी चुनाव हेतु नई प्रारुप प्रभाग रचना तैयार की गई है. जिसके चलते कुछ प्रभागों में अच्छा-खासा बदलाव हुआ है. ऐसे में जिन प्रभागों में बदलाव किया गया, वहां पर इस बार कुछ नए राजनीतिक समिकरण बनते दिखाई देंगे.





