लगातार बढ रहा डेंगू का खतरा, सावधानी व सतर्कता जरुरी
जिले में जनवरी से अब तक 618 रक्तजल सैम्पलों की जांच

अमरावती /दि.2- बारिश का मौसम शुरु होते ही जगह-जगह पर जमा होनेवाले पानी में मच्छरों का प्रादूर्भाव होना शुरु हो गया है. जिसकी वजह से डेंगू की संक्रामक बीमारी भी फैलने लगी है और कई तरह के मौसमी बुखार भी पांव पसार रहे है. अमरावती जिले में जनवरी से लेकर अब तक 618 रक्तजल सैम्पलों की जांच की जा चुकी है. साथ ही साथ महानगर पालिका, जिला परिषद, नगर पालिका व नगर पंचायत सहित स्वास्थ विभाग व जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा समय-समय पर डेंगू व चिकनगुनिया के साथ-साथ अन्य मौसमी बीमारियों के बारे में जनजागृति भी की जा रही है. जिसके तहत नागरिकों से आवाहन किया जा रहा है कि, वे सप्ताह में एक दिन पूरी तरह से ‘सूखा दिवस’ का पालन करें तथा अपने घर के आसपास कहीं पर भी बारिश के पानी को जमा न होने दें. ताकि मच्छरों की उत्पत्ति न हो सके और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी न रहे.
* क्या है डेंगू के लक्षण?
अचानक तेज बुखार, सरदर्द, बदन दर्द, जोडों में दर्द, उलटी होने, आंखों में दर्द, कमजोरी होने, भूख कम लगने, प्यास ज्यादा लगने, मुंह सूखा पडने, शरीर पर फुंसी आने व नाक से रक्तस्त्राव होने आदि को डेंगू की बीमारी के लक्षण कहा जा सकता है.
* सफाई को लेकर दिक्कते
बारिश के मौसम में जगह-जगह बरसात का पानी जमा हो जाता है. जिसके चलते कई स्थानों पर अस्थाई रुप से मच्छरों की पैदाईश वाले स्थान बन जाते है. साथ ही साथ कई स्थानों पर तो हमेशा ही मच्छरों का प्रादूर्भाव होता रहता है.
* जिले की स्थिति
जिले में विगत जनवरी से जून माह तक 618 रक्तजल सैम्पलों की जांच की गई. जिसमें से 44 सैम्पलों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव रही, ऐसी जानकारी है. साथ ही यह भी बताया गया कि, फिलहाल जिले में डेंगू को लेकर हालात पूरी तरह से नियंत्रित है.
* क्यों बढ रहे मच्छर?
घरों के आसपास वाले परिसर में पानी जमा रहनेवाली जगहों की नियमित साफसफाई नहीं करने, मच्छरदानी का प्रयोग नहीं करने, खिडकियों पर जाली नहीं लगाने और प्रतिबंधात्मक उपाय नहीं करने जैसी वजहों के चलते मच्छरों का प्रादूर्भाव बडे पैमाने पर होता है. जिनसे कई तरह की संक्रामक बीमारियां भी फैलती है.
* डेंगू से ऐसे करे बचाव
– संक्रामक बीमारी का दौर शुरु होते ही तुरंत वैद्यकीय अधिकारी को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
– त्वरीत बुखार सर्वेक्षण करते हुए रक्तजल सैम्पलों की प्रयोगशाला में जांच करवानी चाहिए.
– कीटनाशक दवाओं की फवारणी व धुवारणी करते हुए मच्छरों की पैदावार वाले स्थानों को नष्ट करना चाहिए. साथ ही ज्यादा बडे जलजमाव वाले स्थानों पर गप्पी मछलियां छोडनी चाहिए.
– निरुपयोगी टायर, नारियल के खाली खोल, टूटे-फूटे डिब्बे व बोतल आदि का निस्सारण किया जाना चाहिए.
– पूरे शरीर को ढांकनेलायक कपडे पहनने चाहिए और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए.
* प्रशासन की क्या है तैयारी?
डेंगू की बीमारी नोटा फाइबल रहने के चलते सरकारी व निजी संस्थाओं को डेंगू का मरीज मिलते ही तुरंत सूचित करने के बारे में पत्र दिया गया है. संदेहित मरीज के रक्तजल सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजने, रिपोर्ट पॉजिटिव रहने पर तुरंत औषधोपचार व प्रतिबंधात्मक उपाय करने का काम किया जाता है. साथ ही साथ प्रत्येक आरोग्य संस्था व कर्मचारी के मार्फत रक्तजल सैम्पल संकलित किए जाते है, ऐसी जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. शरद जोगी द्वारा दी गई है.





