परसों सबसे छोटा दिखाई देगा सूरज

पृथ्वी से होगी अधिकतम दूरी

* विजय गिरूलकर द्बारा जानकारी
अमरावती/ दि. 2-प्रतिवर्ष 4 जुलाई को पृथ्वी- सूर्य का अंतर सर्वाधिक रहता है. इसे खगोलशास्त्री एपी हेलीऑन (अपसूर्य ) कहते हैं. पृथ्वी की सूरज से दूरी लगभग 15 करोड किमी है. इसे खगोलशास्त्र में एक खगोलीय एकक भी कहते हैं. परसों 4 जुलाई को दोनों के बीच का फासला 15 करोड 20 लाख किमी रह सकता हैं. सूर्य के इर्दगिर्द फिरते हुए पृथ्वी की कक्षा लंबे गोलाकार की रहने से ऐसी घटनाएं होती है. इससे दिन में प्रतिवर्ष थोडा फर्क हो सकता है.
यह जानकारी मराठी विज्ञान परिषद के खगोल अध्ययनकर्ता विजय गिरूलकर और प्रवीण गुल्हाने ने दी. उन्होंने बताया कि सूर्य और पृथ्वी का फासला अधिक रहने की खगोलीय घटना का सजीव सृष्टि पर कोई दुष्परिणाम नहीं होगा. किंतु इस दौरान सूर्य की ओर खुली आंखों से देखना आंखों के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
उन्होंने बताया कि प्रति 1 लाख वर्ष में पृथ्वी एक सेमी सूरज की ओर खींची जा रही है. 5 खंड भी धीरे- धीरे खिसक रहे हैं. जिससे न्यूयार्क शहर प्रतिवर्ष लंदन से 2.5 सेमी दूर हो रहा है. विजय गिरूलकर ने बताया कि सूर्य की आयु निश्चित करनेवाले पहले वैज्ञानिक आर्थर एडींग्टन हैं. सूर्य की आयु 10 अरब वर्ष हैं. 5 अरब वर्ष पूर्ण हो गये हैं. 5 अरब वर्ष बाकी है. उपरांत सूर्य सफेद तारे में बदल जायेगा. सूरज कभी-कभी चुंबकीय लहरें फेंकता हैं. जिसके कारण चुंबकीय तूफान आते हैं. 1859 में ऐसा ही तूूफान आया था. जिससे संपूर्ण विश्व की टेलीग्राफ यंत्रणा बंद हो गई थी. इस तूफान को केरीग्टन इवेंट नाम दिया गया था. अभी ऐसे तूफान से सैटेलाइट तथा जीपीएस यंत्रणा पूरी तरह बंद हो सकती है. गिरूलकर और गुल्हाने ने अधिक जानकारी के लिए फोन नं. 9637384812 से संपर्क करने कहा है.

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