सीजेआई गवई की खंडपीठ का फैसला
मायके से पैसे लाने कहना प्रताडना नहीं

* नागपुर के सास, ससुर और ननद हुए मुक्त
नागपुर/दि.30- देश केे प्रधान न्यायाधीश जस्टिस भूषण गवई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने नागपुर के दहेज प्रताडना के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. उन्होंंने इस केस में स्पष्ट कहा कि विवाहिता को मायके से पैसे लाने कहना यह प्रताडना नहीं कहा जा सकता. खंडपीठ ने सास, ससुर और ननद को मुक्त करने का फैसला सुनाया. खंडपीठ में जस्टिस गवई के साथ न्या. विनोद चंद्रन और न्या. अतुल चांदुरकर का समावेश रहा. कोर्ट ने कपडे और पैसे लाने का आरोप रहने का निरीक्षण दर्ज करते हुए तीनों के विरूध्द दायर अपराध रद्द करने के निर्देश दिए.
कोर्ट ने पति के विरूध्द अपराध कायम रखा. उसने विवाहिता को मारपीट की थी. उसी प्रकार अनैसर्गिक यौन संबंध का भी गंभीर आरोप पति पर किया था. इस बारे में फरवरी 2022 में महिला ने बजाज नगर थाने में शिकायत दी थी. उच्च न्यायालय ने उक्त तीनों का अपराध रद्द करने से इंकार कर दिया था. तब सर्वेच्च न्यायालय में अपील की गई. कोर्ट ने सुनवाई कर दफा 498 (अ) अंतर्गत अपराध से सास, ससुर और ननद को बरी किया.





