शहर समेत पूरे संभाग में ‘ई-साक्ष’ प्रणाली पर किया जा रहा अमल
ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटो और पंचनामा सीधे ऑनलाइन

* जांच प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी
अमरावती/दि.11 – राज्य सरकार ने अपराध की हर घटना के बाद ‘ई-साक्ष’ एप (प्रणाली) का उपयोग पुलिस के लिए अनिवार्य कर दिये जाने के बाद से अमरावती शहर समेत पूरे संभाग में इस पर अमल किया जा रहा है. इस एप के माध्यम से घटनास्थल पर ही फोटो, वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग और अन्य तकनीकी साक्ष्य अपलोड किए जा रहे हैं. इससे जांच प्रक्रिया न केवल पारदर्शी बनेगी बल्कि न्यायालय में अपराध सिद्ध होने की संभावना भी कई गुना बढ जाएगी.
‘ई-साक्ष’ मैं दर्ज किए गए ऑडियो-वीडियो और फोटो साक्ष्य सीधे अदालत में प्रस्तुत किए जा सकते हैं. पंचनामा, गवाहों के बयान और जब्ती प्रक्रिया के दृश्य इस ऐप में सुरक्षित रहते हैं. पहले जहां गवाह मुकर जाते थे या दस्तावेजों में फेरबदल की आशंका रहती थी, अब यह स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी.
* सेल्फी से सुनिश्चित होगी उपस्थिति
ई-साक्ष में साक्ष्य दर्ज करते समय संबंधित पुलिस अधिकारी को घटनास्थल से सेल्फी अपलोड करनी होगी. पहले से सेव फोटो या वीडियो अपलोड नहीं किए जा सकेंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि पुलिस दल वास्तव में घटनास्थल पर मौजूद था और सबूत वहीं पर एकत्रित किए गए हैं.
* क्या है ‘ई-साक्ष’ ऐप प्रणाली?
‘ई-साक्ष’ एक अत्याधुनिक मोबाइल एप्लिकेशन है, जिसे भारतीय न्यायसंहिता (बीएनएस) के तहत सुधारित कानूनों की नई व्यवस्था में शामिल किया गया है. अब पुलिस को किसी भी अपराध की जानकारी सीधे इसी ऐप में दर्ज करनी होती है. घटनास्थल पर मौजूद परिस्थिति संबंधी साक्ष्य जैसे फोटो, वीडियो, ऑडियो और पंचों के बयान यहीं अपलोड किए जाते हैं. इन साक्ष्यों को एन्क्रिप्टेड स्वरूप में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे कोई छेडछाड संभव नहीं होती.
डिजिटल रिकॉर्डिंग
ई-साक्ष के चलते अब किसी पर दबाव डालकर जबरन बयान नहीं लिया जा सकेगा. ‘ई-साक्ष’ प्रणाली में दर्ज कोई भी डेटा बाद में बदला नहीं जा सकता.
– अरविंद चावरिया, सीपी
जांच में आएगी पारदर्शिता
महत्वपूर्ण अपराधों के पंचनामे अब ‘ई-साक्ष’ के माध्यम से किए जा रहे हैं. इससे जांच में पारदर्शिता आएगी और अपराध सिद्ध होने का प्रतिशत निश्चित रूप से बढेगा.
-रामनाथ पोकले, आईजीपी





