अमरावती में भाजपा व शिंदे सेना के बीच युति को लेकर हुई फाइनल चर्चा, कल होगा सीट बंटवारे पर फैसला

शिदे सेना ने प्रभागनिहाय चर्चा करते हुए कम से कम 30 सीटों पर किया दावा

* भाजपा ने कोर कमिटी में चर्चा पश्चात निर्णय लेने की अपनाई भूमिका
* आज दोपहर बाद होटल महफिल में दोनों दलो के नेताओं के बीच हुई ‘फुल एंड फाइनल’ बातचीत
* अब सीट बंटवारे के निर्णय की ओर टिकी सबकी निगाहें, कयासो का दौर हुआ तेज
अमरावती /दि.24- अमरावती महानगर पालिका के आगामी चुनाव हेतु आपस में गठबंधन करने या फिर अलग-अलग चुनाव लडने को लेकर भारतीय जनता पार्टी व शिवसेना शिंदे गुट के स्थानीय नेताओं के बीच आज दोपहर बाद अंतिम दौर की चर्चा व आखरी बैठक हुई. जिसमें युति करने के बारे में ‘हां अथवा नहीं’ को लेकर ‘फूल एंड फाइनल’ चर्चा हुई. जिसे लेकर मिली जानकारी के मुताबिक दोनों दलो के बीच युति होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से भाजपा के समक्ष खुद के लिए कम से कम 30 सीटे छोडे जाने की मांग की है. जिस पर आज रात भाजपा की कोर कमिटी द्वारा विचार-मंथन करते हुए निर्णय लिया जाएगा. जिसके बाद संभवत: कल दोपहर तक भाजपा और शिंदे सेना के बीच अमरावती मनपा के चुनाव हेतु युति होने अथवा नहीं होने को लेकर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है.
बता दें कि, आज दोपहर बाद होटल महफिल इन में भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के स्थानीय नेताओ के बीच मनपा चुनाव के लिए युति करने अथवा नहीं करने को लेकर अंतिम दौर की फाइनल बैठक हुई. जिसमें शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से पार्टी के नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल, पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, महिला नेत्री प्रीति बंड, जिला प्रमुख संतोष बद्रे व श्याम धाने पाटिल तथा भाजपा की ओर से पार्टी के निर्वाचन निरीक्षक विधायक संजय कुटे, पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल, शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे, प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, प्रदेश पदाधिकारी प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, जयंत डेहनकर व किरण पातुरकर उपस्थित थे.
करीब डेढ से दो घंटे तक चली बैठक के बाद बाहर निकले शिंदे गुट नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने कहा कि, उन्होंने भाजपा के सामने प्रभागनिहाय प्रस्ताव पेश करते हुए उस हिसाब से शिंदे सेना के लिए सीटे छोडे जाने के संदर्भ में चर्चा की और जिस प्रभाग में जिस पार्टी का वर्चस्व एवं प्रभाव है, उस प्रभाग में उसी पार्टी के प्रत्याशी खडे किए जाने की बात कही. शिंदे सेना की ओर से कितनी सीटों के लिए दावा किया गया है, इस पर गोलमोल जवाब देते हुए पूर्व सांसद अडसूल ने कहा कि, वैसे तो यदि सभी सीटे उनकी पार्टी को मिलती है, तो उन्हें समाधान होगा. परंतु यदि युति के तहत उनकी पार्टी को 50 सीटो पर लडने का मौका मिलता है, तो उन्हें विशेष आनंद होगा. हालांकि विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिंदे सेना ने भाजपा के समक्ष खुद को कम से कम 30 सीटे दिए जाने का प्रस्ताव रखा है.
वहीं दूसरी ओर इस बैठक के बाद भाजपा की ओर से मनपा चुनाव हेतु नियुक्त किए गए निर्वाचन प्रभारी विधायक संजय कुटे ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि, मनपा चुनाव के लिए पूरे राज्य में भाजपा व शिंदे सेना के बीच युति होना तय है. साथ ही अमरावती मनपा चुनाव के लिए इस युति में युवा स्वाभिमान पार्टी को भी शामिल किया जाएगा. जिसके लिए जहां एक ओर युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ बातचीत लगभग अंतिम चरण में है, वहीं शिंदे सेना के साथ दो दौर की बातचीत हो चुकी है और अब दोनों दलो की ओर से मिले प्रस्तावो पर पार्टी द्वारा सकारात्मक ढंग से विचार करते हुए अगला कदम उठाया जाएगा. जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा कल तक सीट बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय घोषित कर दिया जाएगा.
ऐसे में अब सभी की निगाहें भाजपा एवं शिंदे गुट के बीच होनेवाली संभावित युति और युति के तहत किए जानेवाले सीटों के बंटवारे की ओर लगी हुई है. क्योंकि भाजपा सहित शिंदे गुट वाली शिवसेना एवं युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा 87 में से केवल 75 सीटों पर ही चुनाव लडा जा सकता है और इन्हीं 75 सीटों का तीनों दलो के बीच बंटवारा हो सकता है. पिछली बार भाजपा ने रिकॉर्ड 45 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि शिवसेना के 7 व युवा स्वाभिमान पार्टी के 3 सदस्य ही निर्वाचित हुए थे. वहीं दोनों दलो द्वारा इस बार युति के तहत भाजपा से अपने लिए 20 से 30 सीटे मांगी जा रही है. जिसके चलते सीट बंटवारे को लेकर मामला खटाई में पडता नजर आ रहा है. वहीं दूसरी ओर शिंदे सेना ने पहले ही यह ऐलान कर दिया गया है कि, अगर भाजपा द्वारा युति में युवा स्वाभिमान पार्टी को शामिल किया जाता है, तोो फिर शिंदे सेना इस युति में शामिल नही होगी. जिसके चलते ‘भगवा ब्रिगेड’ वाले दलो की संभावित युति को लेकर संभ्रम एवं उत्सुकता वाला माहौल है.
* आज सुबह पूर्व सांसद अडसूल के निवास पर हुई शिंदे गुट की बैठक
वहीं जानकारी मिली है कि, भाजपा के साथ संभावित युति को लेकर फाइनल चर्चा करने के लिहाज से शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व जिले के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल आज सुबह ही मुंबई से अमरावती पहुंचे और उन्होंने आते ही नवसारी परिसर के विष्णु नगर स्थित अपने निवास स्थान पर अपनी पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में शिंदे गुट वाली शिवसेना के वरिष्ठ पदाधिकारी व पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, महिला नेत्री प्रीति बंड तथा जिला प्रमुख संतोष बद्रे व श्याम देशमुख उपस्थित थे. इन सभी नेताओं की एक से डेढ घंटे तक चली बैठक में सभी प्रभागों से शिंदे गुट वाली शिवसेना के टिकट पर चुनाव लडने के इच्छुक दावेदारों के नामों पर चर्चा की गई. साथ ही इस बात को लेकर भी आम सहमती बनी कि, युति होने की सूरत में भाजपा द्वारा शिंदे गुट वाली शिवसेना के लिए कम से कम 30 सीटे छोडी जानी चाहिए. क्योंकि शिवसेना प्रमुख स्व. बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर चलनेवाली शिवसेना (शिंदे गुट) का अमरावती में अच्छा-खासा जनाधार है और पार्टी स्वतंत्र तौर पर चुनाव लडते हुए भी कम से कम 25 से 30 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. ऐसे में शिंदे गुट वाली शिवसेना को युति के तहत चुनाव लडने हेतु कम से कम 25 से 30 सीटे तो मिलनी ही चाहिए.
* सम्मानजनक सीटे नहीं मिली, तो ‘एकला चलो’
इस बैठक में शिंदे गुट वाली शिवसेना के पश्चिम विदर्भ सहसंपर्क प्रमुख व पूर्व राज्यमंत्री जगदीश गुप्ता ने कहा कि, पिछली बार मनपा के सदन में निर्वाचित शिवसेना के 7 में से 6 पार्षद इस समय शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल है और हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे के विचारों, आदर्शों व सिद्धांतो को माननेवाले मतदाता भी शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ खडे है. ऐसे में हिंदुत्व के मुद्दे पर हमारे साथ युति करनेवाली भाजपा ने हमारे लिए सम्मानजनक सीटे छोडनी ही चाहिए अन्यथा हम स्वतंत्र रुप से चुनाव लडने की भूमिका अपनाने के लिए भी पहले से तैयार है. यह बात शिंदे सेना द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दी गई थी और चूंकि अब नामांकन प्रक्रिया के लिए समय बेहद कम बचा हुआ है. जिसके चलते आज ही इस बारे में कोई भी अंतिम निर्णय होना जरुरी है.
* अगर वायएसपी है साथ, तो हम युति में शामिल नहीं
वहीं पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के निवास पर हुई बैठक में शामिल पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल व महिला नेत्री प्रीति संजय बंड ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि, अगर युति में भाजपा के साथ विधायक राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी भी शामिल होती है, तो फिर उस युति में शिंदे सेना ने कतई शामिल नहीं होना चाहिए. बल्कि उस स्थिति में शिंदे गुट वाली शिवसेना ने अपने अकेले के दम पर चुनाव लडते हुए सभी प्रभागों की सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे करने चाहिए. पूर्व विधायक धाने पाटिल सहित महिला नेत्री प्रीति बंड का स्पष्ट तौर पर कहना रहा कि, यदि शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा मनपा की सभी सीटों पर प्रत्याशी खडे करते हुए अपने दम पर चुनाव लडा जाता है, तो सदन में 25 से 30 सीटों पर जीत तय है. अत: अपने दम पर चुनाव लडना ही ज्यादा सही पर्याय रहेगा.
* पूर्व मंत्री गुप्ता के निवास के पास खुला मुख्य प्रचार कार्यालय
* मनपा के आगामी चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों के बीच आज शिंदे गुट वाली शिवसेना ने अपने मुख्य प्रचार कार्यालय को भी खोल दिया. जिसके तहत कॉटन मार्केट रोड पर पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के निवासस्थान के पास ही पार्टी का मनपा चुनाव हेतु मुख्य प्रचार कार्यालय स्थापित किया गया है. जहां से पूरे शहरभर में मनपा चुनाव की गतिविधियां संचालित होंगी. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत विधानसभा चुनाव के समय जब पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने भाजपा में बगावत करते हुए महायुति प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी पेश की थी, तो उस समय भी पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता का मुख्य प्रचार कार्यालय इसी स्थान पर शुरु किया गया था.

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