अमरावती विमानतल पर ‘एफटीओ’ के विमानों का पहला सफल ‘लैंडिंग’
विदर्भ में विमान प्रशिक्षण बढाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

* जल्लोष के साथ हुआ स्वागत
* हर साल 180 प्रशिक्षित पायलट तैयार करने का लक्ष्य
* प्रशिक्षण केंद्र का काम अंतिम चरण में
* अमरावती में रोजगार और आर्थिक विकास का नया युग
अमरावतीदि.13 -आधुनिक मल्टिइंजन प्रशिक्षण विमानों का अमरावती विमानतल पर शुक्रवार की शाम 5 बजे के करीब 15 मिनट के अंतर में आगमन हुआ. एयर इंडिया के उड्डयन प्रशिक्षण संस्था के (फ्लाईट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन) विमानों का पहला सफल ‘लैंडिंग’ हुआ. अमरावती में शुरु होने वाली विमान उडान प्रशिक्षण संस्था एशिया की सबसे बडी पायलट प्रशिक्षण संस्था रहेगी. 6 देशों का सफर करके इन दो विमानों का बेलोरा में लैंडिंग हुआ.
17 अप्रैल 2025 को लोकार्पण के साथ देश के हवाई मानचित्र पर अमरावती एयरपोर्ट का नाम दर्ज हो जाने के बाद अब वह स्वर्णिम और ऐतिहासिक पल बना. पूरे देश को अमरावती एयरपोर्ट सालाना 180 प्रशिक्षित पायलट उपलब्ध कराएगा. शुक्रवार को एफटीओ के दो आधुनिक डायमंड डीए-42 मल्टी-इंजन प्रशिक्षण विमानों के पहली बार ऐतिहासिक आगमन ने अमरावती को दक्षिण एशिया के सबसे बडे और भारत के पहले एयरलाइन-नियंत्रित पायलट प्रशिक्षण केंद्र के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में बडी छलांग लगा दी है.
यह दो इंजन के फोर सीटर दोनों नये विमान ऑस्ट्रिया के बर्फीले वियना से उडान भरकर कई देशों का पार कर अहमदाबाद होते हुए अमरावती विमानतल पर एफटीओ की सेवा में दाखिल हुए. इस तर और एक दो इंजन डायमंड डीए-42 विमान आएगा. शेष 31 विमान यह सिंगल इंजन के होंगे. इस तरह कुल 34 डायमंड प्रशिक्षण विमान अमरावती में पायलटों को प्रशिक्षित करेंगे. एफटीओ शुरु होने के बाद अमरावती और आसपास के जिले आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे. यहां रोजगार और व्यवसाय के नए रास्ते खुलेंगे. एविएशन, इंजीनियरिंग और ग्राउंड सर्विसेज में नए रोजगार, हॉस्पिटैलिटी और ट्रवल सेक्टर में वृद्धि, युवाओं के लिए कौशल विकास अवसर बढेंगे. इसके साथ-साथ शहर की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान बढेगी. इतनाही नहीं तो सहायक उद्योग, सिमुलेशन सेंटर और तकनीकी सेवाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
सीएम देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शिता
यह उपलब्धि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदर्शिता और विमानन अवसंरचना को मजबूत बनाने की सतत प्रतिबद्धता का परिणाम है. राज्य में एयरपोर्ट विकास के लिए उनके मार्गदर्शन में अमरावती को राष्ट्रीय विमानन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
स्वाति पांडेय की निणार्यक भूमिका
एमएडीसी की उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेश स्वाति पांडेय की भी निर्णायक भूमिका रही है. उनके प्रयासों से एयरपोर्ट की कार्यक्षमता, सुरक्षा मानकों और प्रशिक्षण संचालन की तैयारियों में प्रगत साबित हुई हैं.
* युवाओं का सपना होगा साकार
अब तक एयर इंडिया अपने पायलटों के प्रशिक्षण के लिए विदेशों पर निर्भर थी. अमरावती एफटीओ के शुरु होने से देश में ही विश्वस्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध होगा. विदेशी प्रशिक्षण पर होने वाला भारी खर्च बचेगा. भारत विमानन प्रशिक्षण में आत्मनिर्भर बनेगा. इसके साथ ही युवा पायलटों को अधिक अवसर मिलेंगे और जिसमें विदर्भ के युवाओं का पायलट बनने का सपना साकार होगा.
* प्रशिक्षण केंद्र का काम अंतिम चरण में
दक्षिण एशिया के सबसे बडे पायलट प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण का काम अंतिम चरण में है. आगामी मार्च तक काम पूरा हो जाएगा, यह जानकारी संबंधित अधिकारियों ने दी. इस प्रशिक्षण केंद्र में हर साल 180 पायलट को प्रशिक्षण दिया जाएगा. केंद्र में प्रशिक्षण लेने वाले पायलट एयर इंडिया और अन्य एयरलाइन्स के लिए तैयार होंगे. इस प्रशिक्षण केंद्र में आधुनिक सुविधा, डिजिटल क्लासरूम, होस्टेल, विमानों के लिए हैंगर ऐसा इस प्रशिक्षण केंद्र का स्वरूप होगा. यह संस्थान दक्षिण एशिया का सबसे बडा प्रशिक्षण केंद्र बन जाएगा.





