विलास नगर स्मशान की अंत्येष्टि सामान की दुकान भी शीघ्र
संस्थाध्यक्ष अशोक बसेरिया ने बताया

* 47 वर्षो से स्मशान भूमि की देखरेख और विकास
* सभी सुविधाएं उपलब्ध, क्षेत्र के लोग ला सकते हैं दाह संस्कार के लिए पार्थिव अमरावती/ दि. 10- विलास नगर हिन्दू स्मशान संस्था के अध्यक्ष तथा शहर के प्रसिध्द समाजसेवी अशोक बसेरिया ने कहा कि इस स्मशान भूमि में सभी प्रकार की दाहसंस्कार व अंतिम क्रिया की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है. जनसहयोग से यह संभव हुआ है. कोई भी यहां अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव ला सकते हैं. इसे आदर्श स्मशान भूूमि के रूप में विकसित करने का कार्य चल रहा है. महीने सवा महीने में इस क्षेत्र में भी संस्था की दुकान प्रारंभ हो जायेगी. जहां अंतिम संस्कार की समस्त सामग्री उपलब्ध होगी.
पेविंग ब्लॉक लगाए जा रहे
लगभग तीन एकड में विस्तृत विलास नगर स्मशान भूमि में रविवार को पेविंग ब्लॉक लगाए जाने का कार्यारंभ विधायक सुलभा संजय खोडके की उपस्थिति में एवं हस्ते प्रारंभ हुआ. इस उपलक्ष्य अशोक बसेरिया से अमरावती मंडल ने स्मशान भूमि के विकास और सुविधाओं के विषय में साक्षात्कार लिया. पेविंग ब्लॉक लगाने का कार्य रविवार से प्रारंभ हो गया. बसेरिया जी ने पिछले करीब पौने पांच दशकों से किए जा रहे कार्य की जानकारी इस इंटरव्यू में दी.
गोकुल प्रसाद बसेरिया द्बारा प्रारंभ
विलास नगर की स्मशान भूमि 1976 में केवल खुला मैदान था. तत्कालीन नगराध्यक्ष हरिभाउ कलोती ने 1978 में इस मैदान को परिसर के लोगों और बढती बस्ती को देखते हुए हिन्दू स्मशान भूमि के रूप में विकसित करने का दायित्व गोकुल प्रसाद बसेरिया को दिया. मुख्याधिकारी दामुले और विजयराव जी देशपांडे ने भी बसेरिया पर ही यह जिम्मेदारी दी. मोरबाग, विलास नगर, रामपुरी कैम्प की समस्या को देखते हुए बसेरिया जी ने तत्कालीन नगरपालिका से निवेदन किया था. उपरांत हरिभाउ कलोती ने अशोक बसेरिया को स्मशान भूमि के विकास का जिम्मा सौंपा.
1986 में बना ट्रस्ट
अशोक बसेरिया जी के नेतृत्व में 25 जून 1986 को ट्रस्ट बनाई गई और ट्रस्ट के माध्यम से विलास नगर स्मशान भूमि का विकास कार्य सभी समाज के समर्थन व सहयोग से आगे बढा. 2024 में गठित नई कार्यकारिणी के उपरांत विकास कार्यो में सही मायनों में तेजी आयी. आज का विकसित स्वरूप इसी कार्यकारिणी के महत प्रयासों का सुफल होने की जानकारी अशोक बसेरिया ने दी. उन्होंने इस कार्यकाल को संस्था का स्वर्णकाल निरूपित किया.
ऑफीस और सभी व्यवस्था
अशोक बसेरिया ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में इस स्मशान भूमि को विकसित करने के लिए बडे प्रयास हुए. जिससे आज वहां कार्यालय के साथ अंतिम संस्कार तथा उपरांत होनेवाली दशक्रिया व अन्य कार्य, पूजन के लिए सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध की गई है. लकडी रखने के लिए शेड भी बना दिया गया है.
नवनीत राणा द्बारा 40 लाख
अशोक बसेरिया ने बताया कि तत्कालीन सांसद नवनीत राणा ने विशाल टीन शेड के लिए 40 लाख का फंड उपलब्ध करवाया. जिसकी बदौलत वहां तीन शेड बनाया गया. यह बडी सुविधा स्मशान भूमि में हो जाने से क्षेत्र के लोग अब यहां दाह संस्कार के लिए पार्थिव लाते हैं. पहले सभी का रूख मोक्षधाम की ओर रहता था. अध्यक्ष बसेरिया ने बताया कि दशक्रिया संबंधी सुविधाओं के साथ ही यहां गरम और ठंडे पानी की 12 माह व्यवस्था की गई है. प्रसाधन के साथ स्नानागार का भी इंतजाम हैं. अंतिम यात्रा में आए लोगों के बैठने की व्यवस्था हैं. साथ ही पार्थिव रखने के लिए शीतपेटी का इंतजाम हो गया है. बसेरिया जी ने उपलब्ध सुविधाओं के लिए बारंबार सभी के योगदान और पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि, आनेवाले दिनों में यहां अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होगी. उन्होेंने अमरावती मंंडल के माध्यम से लोगों से अपील की कि वे चाहे तो अपने परिचितों और रिश्तेदारों के पार्थिव इस स्मशान भूमि में ला सकते हैं. यहां काफी सुविधाएं हो गई है. पेविंग ब्लॉक का कार्य हो जाने से बारिश के दिनों में भी होनेवाली कीचड व अन्य समस्याओं से स्मशान भूमि को छुटकारा मिल गया है. इसके लिए उन्होंने विधायक संजय खोडके, विधायक सुलभा खोडके के प्रति आभार व्यक्त किया.





