विधायकों के साथ निधि वितरण में सरकार कर रही दुजाभाव

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का गंभीर आरोप

नागपुर /दि.22- कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों को ध्यान में रखते हुए सत्ताधारी विधायकों को 5 करोड़ रुपये का निधि आवंटन किया जा रहा है. वहीं विपक्षी विधायकों को बेहद कम निधि आवंटित की जा रही है और विपक्षी विधायकों के साथ दुजाभाव किया जा रहा है.
वडेट्टीवार ने कहा, राज्य के कपास उत्पादक किसान वर्तमान में आर्थिक संकट में हैं. केंद्र सरकार के तय किए गए मानदंड और राज्य सरकार से खरीद की मंजूरी न मिलने के कारण उन्हें कपास का उचित मूल्य नहीं मिल रहा. वहीं, सत्ताधारी आमदारों को करोड़ों रुपये का निधि दिया जा रहा है. क्या सरकार के पास किसानों के लिए पैसा नहीं है. कांग्रेस नेता ने महायुती सरकार की तीव्र आलोचना करते हुए एक तरफ आदिवासी विकास और पिछड़ा कल्याण विभाग के निधि का उपयोग बदल दिया जा रहा है, राज्य का कर्ज बढ़ रहा है, और दूसरी तरफ सत्ताधारी आमदारों पर निधि का वितरण हो रहा है. यह केवल विरोधियों के साथ अन्याय नहीं बल्कि जनता के साथ भी अन्याय है.
वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का उद्देश्य समग्र विकास नहीं बल्कि चुनाव की दृष्टि से सत्ताधारी दल को लाभ पहुँचाना है. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव नजदीक आते ही आमदारों को निधि आवंटित किया गया. विरोधी आमदार और उनके मतदार पूरी तरह अनदेखा किए जा रहे हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुँच रहा है. साथ ही उन्होंने लाडली बहन योजना पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. वडेट्टीवार ने कहा, विधानसभा चुनाव के समय वोटों के लिए यह योजना घोषित की गई थी, लेकिन अब इसमें गड़बड़ियाँ उजागर हो रही हैं. कई पुरुषों ने भी इस योजना का लाभ लिया. प्रारंभ से पारदर्शिता क्यों नहीं रखी गई? अब सरकार पर आर्थिक बोझ महसूस होने के कारण नई शर्तें लागू की जा रही हैं. वडेट्टीवार ने चेतावनी दी कि नगरपालिका और जिला परिषद चुनावों के बाद यह योजना बंद कर दी जाएगी. उन्होंने कहा, आज मंत्री चाहे जितने भी आश्वासन दें, चुनाव खत्म होते ही लाडली बहन योजना को रोका जाएगा.
महाविकास आघाड़ी में मनसे के प्रवेश को लेकर वडेट्टीवार ने कहा, लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया आघाड़ी थी, जबकि विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाड़ी है. स्थानीय चुनावों में गठबंधन स्थानीय स्तर पर तय किया जाएगा. नए दलों के प्रवेश पर निर्णय वरिष्ठ नेताओं की चर्चा के बाद लिया जाएगा.

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