सांसद अनिल बोंडे के निर्देश पर हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

अमरावती जिला मजदूर सहकारी संस्था ने विभागीय सहनिबंधक के आदेश को दी थी चुनौती

नागपुर/दि.21- राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे के निर्देश पर सहकारी संस्थाओं के विभागीय सहनिबंधक द्वारा अमावती जिला मजदूर सहकारी संस्था के हितो के खिलाफ 1 जुलाई 2025 को जारी विवादास्पद आदेश व संबंधित जांच प्रक्रिया पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने विविध प्राथमिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम स्थगिती दी है. जिसे सांसद अनिल बोंडे के लिए जोरदार झटका माना जा रहा है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 19 अप्रैल 2025 को सांसद अनिल बोंडे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम लिखित पत्र जारी करते हुए आरोप लगाया था कि, 120 सहकारी संस्था सदस्य रहनेवाली अमरावती जिला मजदूर सहकारी संस्था संघ के संचालक मंडल ने कई तरह की अनियमितताएं की है. साथ ही सांसद बोंडे ने यह मांग भी उठाई थी कि, इस संस्था संघ के मौजूदा संचालक मंडल को बर्खास्त करते हुए संघ में प्रशासक की नियुक्ति की जाए. जिसके चलते सहकारी संस्थाओं के विभागीय सहनिबंधक ने 24 जून 2025 को इस शिकायत की जांच हेतु एक समिति स्थापित की थी. जिसमें अमरावती के उपनिबंधक को अध्यक्ष व जिला विशेष लेखापरिक्षक को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था. इसके बाद विभागीय सहनिबंधक ने सांसद बोंडे द्वारा किए गए हस्तक्षेप के चलते 1 जुलाई 2025 को दूसरा आदेश जारी कर नांदगांव खंडेश्वर के सहाय्यक निबंधक को अध्यक्ष व अकोला के अतिरिक्त विशेष लेखापरिक्षक को सदस्य के तौर पर समिति में शामिल किया. इसे विवादास्पद आदेश बताते हुए मजदूर संघ ने इसके खिलाफ नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि, यह आदेश पूरी तरह से मनमाना व गैरकानूनी है. जिसे अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जारी किया गया है. संघ का यह भी कहना रहा कि, सांसद डॉ. बोंडे ने अपनी मनमाफिक रिपोर्ट तैयार करवाने हेतु जांच समिति में अपने कुछ खास अधिकारियों का समावेश करवाया. इसके साथ ही हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि, अमरावती जिला मजदूर सहकारी संस्था संघ के 11 सदस्यीय संचालक मंडल का नवंबर 2022 में निर्वाचन हुआ था और सभी संचालकों का कार्यकाल नवंबर 2027 तक है.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने राज्य सहकार विभाग के सचिव, सहकारी संस्था के निबंधक, विभागीय सहनिबंधक, जिला उपनिबंधक, सहायक निबंधक व अतिरिक्त लेखापरिक्षक सहित सांसद डॉ. अनिल बोंडे के नाम नोटिस जारी कर आगामी 14 अगस्त तक याचिका में लगाए गए आरोपों के संदर्भ में अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया. इस याचिका पर न्या. नितिन सांबरे व न्या. सचिन देशमुख की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस समय याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. फिरदौस मिर्झा व एड. सैयद ओवेस अहमद ने पैरवी की.

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