गांजे के कश में अपराध का नशा, शहर या ‘उडता हुआ पंजाब’?

शहर के अनेक मैदान और निर्जन स्थल बने अपराधियों के अड्डे

अमरावती/दि.11 – सूर्यास्त होते ही वे इकट्ठा होते हैं. किसी सुनसान स्थल या स्कूल के मैदान में गांजा पीते है और जब वे नशे में चूर हो जाते है तो उसी निर्जन स्थल अथवा मैदान में लेट जाते है. या फिर वे बेकाबू हो जाते हैं और हथियारों से सड़कों या मोहल्लों में अराजकता फैलाते हुए अपना बदला निकालने पर तुले रहते हैं. शहर के कुछ हिस्सों में यही नजारा देखने को मिलता है.
शहर की पुलिस ने नशे की हालत में कई नाबालिगों और 20-25 साल के युवकों को हिरासत में लिया है. कुछ ऐसे नाबालिग जिन्होेंने नशे में धूत होकर सुपारी लेकर कुछ लोगों का गेम किया हैं. गांजे के बढ़ते चलन के कारण अपराध में वृद्धि हुई है और अब अमरावती के लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह अमरावती है या ‘उड़ता पंजाब’. गौरतलब है कि शहर की अपराध शाखा ने पिछले साल गांजे का सेवन करने वाले 33 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. विभिन्न पुलिस थानों को मिलाकर यह संख्या 100 से भी अधिक है.
गांजे के साथ-साथ व्हाइटनर, बॉन्ड, गोगा, बटन और एमडी जैसे नशीले पदार्थों का भी नशा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कहीं भी अराजकता फैलाना और वाहनों में तोड़फोड़ करना इनमें से कई लोगों का धंधा है. गांजे की बढ़ती मांग के कारण ही इन्हें हमारी करतूतों का पता चलता है. शहर में हाल ही में कई अपराधों में 20 से 29 साल के युवाओं, जिनमें नाबालिग भी शामिल हैं, की संलिप्तता पाई गई है. यह खुलासा हुआ है कि ये सभी नशे के आदी हो चुके हैं और हत्या, हत्या के प्रयास और वाहन जलाने जैसे अपराध कर चुके हैं. शहर में गांजा तो आसानी से उपलब्ध है ही, साथ ही एमडी का प्रचलन भी बढ़ गया है. शहर में आठ-दस लोग एमडी का खुदरा व्यापार कर रहे हैं. उनके नाम भी उजागर हुए हैं.

* पुलिस की कार्रवाई
क्राइम ब्रांच की टीम, विशेषकर नागपुरी गेट, राजापेठ और बडनेरा पुलिस गांजा के ऐसे व्यसनी लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करती रही है. हालांकि, पुलिस के ढील देते ही ये व्यसनी फिर से सक्रिय हो जाते हैं.

* मैदानों पर रात के समय खुलेआम नशाखोरी
– शहर के कई मैदान, सड़कों के किनारे और फुटपाथों पर बड़ी संख्या में शराबी घूमते हुए देखे जाते हैं. इसके अलावा हिंदू श्मशान घाट के सामने का क्षेत्र, टाउन हॉल उद्यान, साइंस्कोर मैदान, दशहरा मैदान, अंबिकानगर शाला परिसर आदि क्षेत्रों में भी शराब का सेवन देखा जाता है.
– केडियानगर मैदान, बेलपुरा स्कूल परिसर, फ्रेजरपुरा की मनपा स्कूल परिसर, नागपुरी गेट क्षेत्र का एकेडमिक स्कूल और कई अन्य स्थानों सहित कई मैदानों में रात के समय नशा करने वाले लोग गांजा पीते देखे जाते हैं. अपराध शाखा और नागपुरी गेट पुलिस ने समय-समय पर उनके खिलाफ कार्रवाई की है. हालांकि, इन गिरोहों की नशाखोरी में कोई कमी नहीं आई है. पुलिस की निगरानी में यह दर्ज किया गया है कि 17 से 25 वर्ष की आयु के युवा गांजे के साथ-साथ एमडी और हुक्का का भी सेवन करने लगे हैं. यह एक स्वस्थ समाज के लिए खतरनाक स्थिति बन गई है.

* कई लोग अपराध की दुनिया में लिप्त
हाल ही में क्राइम ब्रांच ने दोनों से 67 ग्राम एमडी जब्त किया. पता चला कि दोनों स्थानीय विक्रेताओं के आठ-दस दिहाड़ी मजदूर हैं. उन्होंने कबूल किया कि उन्हें हर डिलीवरी के लिए पांच हजार रुपये मिलते हैं. चूंकि नशीले पदार्थों का बाजार करोड़ों रुपये का है, इसलिए कई स्थानीय युवा आपराधिक गिरोहों के संपर्क में हैं. दरअसल ये गिरोह स्थानीय युवाओं को पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसा रहे हैं. इनमें से कई को तो यह भी नहीं पता कि वे क्या पहुंचा रहे हैं. वहीं कुछ पहले से ही नशे के आदी युवा इन नशीले पदार्थों को पाने के लिए इस धंधे में शामिल हो गए हैं.

* 89 किलो गांजा बरामद
– शहर की अपराध शाखा ने पिछले 11 महीनों में गांजे से संबंधित 12 अभियान चलाए. इनमें 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. 88 किलो 559 ग्राम गांजा जब्त किया गया. 17 लाख रुपये के गांजे के साथ-साथ पुलिस ने 7 लाख रुपये की अन्य कीमती वस्तुएं भी जब्त कीं. इन 12 अभियानों में कुल 23.23 लाख रुपये मूल्य का जब्त माल बरामद किया गया.
– यह सारा गांजा ओडिशा और छत्तीसगढ़ से ट्रेन द्वारा नागपुर लाया जाता है. वहां से यह कार या पैदल मार्ग से अमरावती में प्रवेश करता है. स्थानीय पंचवटी चौक पर क्राइम ब्रांच द्वारा चलाए गए एक अभियान के दौरान इसका खुलासा हुआ. इस अभियान में गांजा लाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया.
– जहां से गांजे की तस्करी की जाती है उनके नाम उजागर नहीं होते. हुए भी तो वह फर्जी रहने की अधिक संभावना रहती हैं. इसलिए स्थानीय गांजा व्यापारी पुलिस के हाथ लग जाते हैं और बिना किसी रोक-टोक के शहर में नशाखोरी का बाजार चलाते हैं.

 

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