प्रज्ञाचक्षु संत गुलाबराव महाराज का ज्ञान-साहित्य तकनीक के माध्यम से संरक्षित किया जाए

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का प्रतिपादन

अमरावती/दि.11 – प्रज्ञाचक्षु संत गुलाबराव महाराज ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहन चिंतन करते हुए लगभग 130 ग्रंथों की रचना की है. उनके साहित्य में सामाजिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक विषयों पर सूक्ष्म विवेचन प्राप्त होता है. यह ज्ञान नई पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है, इसलिए तकनीक का उपयोग कर इसे सुरक्षित किया जाना चाहिए, ऐसा आवाहन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया.
चांदूरबाजार तहसील के माधान गांव में समदृष्टी, क्षमताविकास और संशोधन मंडल तथा श्री संत गुलाबराव महाराज संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांगजनों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर संत गुलाबराव महाराज के साहित्य के अध्येता प्राचार्य डॉ. अरविंद देशमुख, सक्षम के अध्यक्ष विजयसिंह मोहता, संस्थान के अध्यक्ष अरविंद मोहोड, सचिव साहेबराव मोहोड और जयप्रकाश गिल्डा उपस्थित थे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री गडकरी ने कहा, बाल्यावस्था से दृष्टिहीन होने के बावजूद संत गुलाबराव महाराज ने अपने ज्ञान और आत्मविश्वास के बल पर विश्व को चकित करने वाली साहित्यिक सृष्टि की. उन्होंने यह सिद्ध किया कि अंधकार में भी ज्ञान का दीप प्रज्वलित किया जा सकता है. माधान की यह भूमि उनके कारण प्रेरणादायी बनी है. उनके ग्रंथों में ऐसा गूढ ज्ञान है जो ज्ञानेश्वरी की तरह अध्ययनशील और समाजसेवी पीढ़ी तैयार कर सकता है. उन्होंने आगे कहा, समाज की भौतिक प्रगति जितनी आवश्यक है, उतनी ही मानसिक और नैतिक दिशा देने वाली भूमिका ज्ञान निभाता है. इसलिए संतों द्वारा दिया गया यह ज्ञान तकनीक की सहायता से संरक्षित किया जाना चाहिए. ज्ञान ही शक्ति है, और उसका सही रूपांतरण समाज को समृद्ध बनाता है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि चांदूरबाजार क्षेत्र में संतरा उत्पादन में स्पेन और इज़राइल की तकनीक के उपयोग से उत्पादन में बड़ी वृद्धि हुई है. यह दर्शाता है कि ज्ञान और तकनीक के उपयोग से परिवर्तन संभव है. उन्होंने संस्थान से आग्रह किया कि संत गुलाबराव महाराज के 130 ग्रंथों को तकनीकी माध्यम से ऑडियो-वीडियो स्वरूप में संरक्षित किया जाए, ताकि यह अमूल्य ज्ञान आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे और समाज-प्रबोधन का कार्य निरंतर चलता रहे.
कार्यक्रम की शुरुआत में मंत्री गडकरी ने संत गुलाबराव महाराज संस्थान का दर्शन लिया. संस्थान की ओर से उनका सत्कार किया गया. उनके हस्ते पहला ज्ञानेशकन्या पुरस्कार अमरावती स्थित दृष्टिबाधित संघ को प्रदान किया गया. साथ ही सक्षम संस्था की ओर से दिव्यांगजनों को दृष्टि छड़ी वितरित की गई और सक्षम के दूसरे विशेषांक का प्रकाशन भी श्री गडकरी के हस्ते संपन्न हुआ.

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