राज्य में रिहायशी क्षेत्र के लिए तुकडेंबंदी कानून रद्द
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दी जानकरी

* 49 लाख भूखंडो के व्यवहार होंगे नियमित
मुंबई /दि.5 – राज्य के शहरी क्षेत्रों और क्षेत्रीय योजनाओं के गैर-कृषि उपयोग योग्य भूमि के लिए लागू तुकडेबंद कानून को रद्द कर दिया गया हैं.इस संबंध में राज्य सरकार ने हाल ही में एक अध्यादेश जांरी किया हैं. इसके चलतें 15 नवंबर 1965 सें अब तक इस कानून के कारण अटकी हुई जमीने, घर और प्लॉट अब कानूनी रूप से नियमित हो सकेगें यह जानकारी राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंत्रालय में आयोजित पत्रकार परिषद में दी.
राजस्व मंत्री बावनकुले ने बताया कि इस अध्यादेश के अनुसार 15 नवंबर 1965 से 15 अक्तूबर 2024 के बीच हुई ऐसी सभी छोटी भूमि के खरीदी -बिक्री के लेन-देन को अब बिना किसी शुल्क के नियमित किया जाएगा. यह निर्णय ऐतिहासिक हैं. और राज्य के लगभग 49 लाख परिवारोे को इसका लाभ मिलेगा. अब तक लागू तुकडेबंदी कानून मुख्यत: कृषि भूमि पर लागू था. जिसमें सिंचित और असिंचित भूमि के लिए न्यूनतम क्षेत्र निर्धारित था. लेकिन बढतें शहरीकरण के चलते अनेक लोगों ने नगरो और गांवो के आसपास अपने आवश्यकतानुसार छोटे भूखंड खरीदे थे. जिन्हें अब तक मान्यता नहीं मिली थी. राज्य सरकार ने 3 नवंबर 2025 को इस कानून में संशोधन कर नया अध्यादेश जांरी किया हैं. जिस पर तत्काल अमल किया जाएगा.
* यह निर्णय निम्न क्षेत्रों में लागू होगा.
ग्रोथ सेेंटर्स और विशेष नियोजन प्राधिकरण क्षेत्र : यूडीसीपीआर अंतर्गत शहरो-गांवो की सीमाओे के आसपास के क्षेत्र जिंन जमीनों के लेनदेन पंजीकृत हैं. परंतु 7/12 उतारे पर दर्ज नहीें हैं. अब उन्हें मालिकाना हक के रूप में दर्ज किया जाएगा. वहीं नोटरीकृत (अपंजीयनकृत) व्यवहार वाले नागरिक अपने सौदे संबंधित उप-पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं. राजस्व मंत्री बावकुले ने कहां कि राजस्व विभाग जल्द ही इस संबंध मेंं विस्तृत कार्यपद्धति तैयार कर सभी विभागीय और जिला कार्यालयों को मार्गदर्शक सूचना देगा. इस निर्णय से राज्य के लाखोे नागरिको को बडी राहत मिलेंगी और जमीन के मालिकाना अधिकार से जुडी समस्याओं का समाधान होगा.





