अनिल थूल हत्याकांड के आठों आरोपियों की उम्रकैद कायम

यवतमाल में हुआ था मर्डर, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

अमरावती /दि.25 – मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने यवतमाल में घटित अनिल थूल हत्याकांड के आठों आरोपियों को जिला व सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई उम्रकैद सहित अन्य सजाओ को कायम रखा. यह फैसला न्या. उर्मिला जाशी फालके व न्या. नंदेश देशपांडे की दो सदस्यीय खंडपीठ द्वारा सुनाया गया. सजा सुनाए गए आरोपियों में रोहित विजय ओंकार, आदेश उर्फ आद्या अनिल खैरकर, सुहास अनिल खैरकर, अश्विन उर्फ गोंड्या दीपक तेलंग, रोशन उर्फ कांडी पुरुषोत्तम प्रधान, अनुप उर्फ दादू अनिल रामटेके, सचिन उर्फ बंट्या अशोक भोयर व वैभव कृष्णा नाईक का समावेश है. जिसमें से वैभव नाईक की पहले ही मौत हो चुकी है.
इस्तगासे के मुताबिक 31 अक्तूबर 2017 को रात 9 बजे के आसपास अनिल थूल और उसका दोस्त प्रेमराज शेंडे एक दुकान के सामने खडे रहकर बातचीत कर रहे थे, तभी आरोपियों ने तेज धारदार घातक हथियारों से लैस होकर वहां पहुंचते हुए अनिल थूल व प्रेमराज शेंडे पर प्राणघातक हमला किया. इस हमले में अनिल थूल मौके पर ही मारा गया. वहीं प्रेमराज शेंडे की जान जैसे-तैसे बच गई. पश्चात इस मामले की सुनवाई करते हुए यवतमाल के जिला व सत्र न्यायालय ने 12 अप्रैल 2019 को सभी आरोपियों को हत्या के अपराध हेतु आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए के जुर्माने की अधिकतम सजा सहित हत्या के प्रयास व अन्य कुछ अपराधों में विविध कालावधि वाले कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हत्या के षडयंत्र वाले अपराध को छोडकर शेष सभी मामलो में जिला व सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा को कायम रखा. सत्र न्यायालय ने आरोपियों को हत्या का षडयंत्र रचने के लिए भी आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. यह अपराध हाईकोर्ट में साबित नहीं हो पाया. जिसके चलते आरोपियों को इस आरोप से निर्दोष बरी करते हुए इस सजा को रद्द कर दिया गया. लेकिन आरोपियों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का अपराध साबित होने के चलते उन्हें उन दोनों मामलों में सुनाई गई आजीवन कारावास व आर्थिक जुर्माने की सजा को कायम रखा गया.

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