विदर्भ के 52 निकायों में खिला ‘कमल’

महायुति में 64 व महाआघाडी में 26 निकायों में हासिल की सफलता

अमरावती /दि.22 – किसी समय कांग्रेस के मजबूत किले के तौर पर पहचान रखनेवाले विदर्भ क्षेत्र में अब राजनीतिक हालात बडी तेजी के साथ बदल गए है. विदर्भ की 100 नगर परिषद व नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा ने 52 निकायों में जीत हासिल की है. वहीं महायुति का विचार करने पर शिंदे गुट वाली शिवसेना के 8 व अजीत पवार गुट वाली राकांपा के 4 नगराध्यक्षों को भी साथ जोडने पर यह संख्या 64 पर पहुंच जाती है. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस को महज 21 निकायों में जीत पर समाधान मानना पडा और महाविकास आघाडी के हिस्से में कुल 26 निकाय ही आए है. क्योंकि मविआ में शामिल शिवसेना उबाठा 4 एवं शरद पवार गुट वाली राकांपा को केवल 1 निकाय में सत्ता मिली. जबकि 3 निकायों में निर्दलीय दावेदार सफल रहे.
उल्लेखनीय है कि, किसी जमाने में कांग्रेस चाहे किसी को भी उम्मीदवारी देती थी, तो उसका चुनाव जीतना तय माना जाता था. आंध्र प्रदेश से वास्ता रखनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पी. वी. नरसिम्हाराव ने रामटेक संसदीय क्षेत्र से 2 बार चुनाव जीता था. वहीं कश्मीर से वास्ता रखनेवाले गुलाम नबी आझाद ने वाशिम संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने में सफलता हासिल की थी. उस समय अपने-अपने गृह प्रदेशों में हार का सामना करनेवाले नेताओं के राजनीतिक पुनर्वसन के लिए कांग्रेस द्वारा विदर्भ का विचार किया जाता था और यहां से उन नेताओं को जीत दिलाते हुए उन्हें संसद जैसे सर्वोच्च सदन में पहुंचाया जाता था. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, उस जमाने में कांग्रेस विदर्भ क्षेत्र में किस हद तक मजबूत हुआ करती थी, परंतु धीरे-धीरे कांग्रेस के हाथ से विदर्भ का किला फिसलता चला गया और अब भाजपा ने पूरा राजनीतिक चित्र ही बदलकर रख दिया है. गत रोज घोषित नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव परिणाम को देखते हुए यह बात बेहद मजबूत तरीके से स्थापित भी हुई है कि, अब भाजपा ने विदर्भ के मजबूत किले को फतह करने के साथ ही यहां पर अपना जबरदस्त कब्जा बना लिया है. जिसके चलते विदर्भ क्षेत्र के 52 निकायों में भाजपा का ‘कमल’ खिला है. वहीं भाजपा, शिंदे सेना व अजीत पवार गुट वाली राकांपा का समावेश रहनेवाली महायुति को 64 निकायों की सत्ता मिली है. जबकि कांग्रेस केवल 21 निकायों में ही सत्ता हासिल कर पाई. वहीं कांग्रेस के साथ महाआघाडी में शामिल शिवसेना उबाठा ने 4 व शरद पवार गुट वाली राकांपा ने मात्र 1 निकाय में नगराध्यक्ष पद का चुनाव जीता. जिसके चलते महाविकास आघाडी के हिस्से में केवल 26 निकाय ही आए.
अमरावती जिले की 10 नगर परिषद व 2 नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा के सर्वाधिक 6 नगराध्यक्ष निर्वाचित हुए है. वहीं कांग्रेस को 2 तथा प्रहार व वंचित बहुजन आघाडी सहित शिवसेना के दोनों गुटों को 1-1 नगराध्यक्ष पद पर समाधान मानना पडा. खास बात यह रही कि, जहां एक ओर धामणगांव रेलवे नगर परिषद में भाजपा ने नगराध्यक्ष सहित सभी 20 सदस्य पदों पर चुनाव जीता, वहीं भाजपा द्वारा बेहद प्रतिष्ठापूर्ण बनाए गए चिखलदरा नगर पंचायत में भाजपा बुरी तरह से पराजित हुई. जहां पर कांग्रेस के नगराध्यक्ष सहित 12 नगरसेवक भी चुने गए और भाजपा के हिस्से में केवल 8 नगरसेवक पद आए. हालांकि अमरावती जिले में 6 नगराध्यक्ष एवं 102 सदस्य पदों पर जीत हासिल करते हुए भाजपा सबसे बडी पार्टी भी बनकर उभरी.
इसके अलावा अकोला में भाजपा ने 4, वंचित बहुजन आघाडी ने 1 व कांग्रेस ने 1 नगराध्यक्ष पद हासिल किया. जबकि बुलढाणा में भाजपा के 4, कांग्रेस के 3 नगराध्यक्ष निर्वाचित होने के साथ ही राकांपा व शिवसेना के दोनों धडों को 1-1 नगराध्यक्ष पद हासिल करने में सफलता मिली. उधर यवतमाल जिले की 10 नगर परिषद व 1 नगर पंचायत ऐसे कुल 11 निकायों में से 3 निकायों में भाजपा के नगराध्यक्ष निर्वाचित हुए है. जबकि कांग्रेस, शिंदे सेना, शिवसेना उबाठा ने 2-2 और अजीत पवार गुट वाली राकांपा व स्थानीय आघाडी ने 1-1 निकाय में जीत हासिल की. वर्धा में 3 निकायों में भाजपा की सत्ता स्थापित हुई है, जबकि 2 निकायों में कांग्रेस तथा 1 निकाय में निर्दलीय का कब्जा हुआ है. इसके अलावा वाशिम जिले के 5 निकायों में से भाजपा ने 2, शिंदे सेना ने 1, अजीत पवार गुट वाली राकांपा 1 और एमआईएम ने 1 निकाय में नगराध्यक्ष पद का चुनाव जीता है.
उधर पूर्वी विदर्भ का हिस्सा रहनेवाले नागपुर जिले के 27 में से 22 निकायों में भाजपा की सत्ता आई है. भंडारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जीत की हैट्रीक लगा चुके विधायक नरेंद्र भोंडेकर की पत्नी को भाजपा प्रत्याशी मधुरा मतनकर ने पराजित किया. वहीं तुमसर में निर्दलीय, पवनी में अजीत पवार गुट वाली राकांपा व साकोली में भाजपा के नगराध्यक्ष निर्वाचित हुए. गढचिरोली जिले के गढचिरोली, देसाईगंज व आरमोरी इन तीनों निकायों में भाजपा की सत्ता आई है. जबकि गोंदिया जिले के तिरोडा में भाजपा ने जीत दर्ज की. वहीं गोंदिया, सालेकसा व गोरेगांव में कांग्रेस ने चुनाव जीता.

* कुल सीटें 100
महायुति
भाजपा – 52
शिवसेना (शिंदे गट) – 8
राकांपा (अजीत पवार) – 4

महाआघाडी
कांग्रेस – 21
शिवसेना उबाठा – 4
राकांपा (शरद पवार) – 1

वंचित बहुजन आघाडी – 1
एमआईएम – 1
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी – 1
शेकाप – 1
प्रहार – 1
आपले चांदुर पैनल – 1
निर्दलीय – 4

* राज्य में पक्षीय बलाबल
नगराध्यक्ष के कुल पद – 288
भाजपा – 129
शिवसेना – 51
राकांपा (अजीत) – 35
कांग्रेस – 34
अन्य – 24
राकांपा (शरद पवार) – 7
शिवसेना उबाठा – 8

* नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनावी नतीजे में मिली जीत भाजपा और महायुति की संयुक्त सफलता है. चुनाव से पहले ही हमने महायुति के 75 फीसद नगराध्यक्ष चुनकर आने का अनुमान जता दिया था और जनता ने भी उसी लिहाज से अपना जनादेश दिया है.
– देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री.

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