अमरावती मनपा चुनाव में 50 सीटों पर ही दिखेगा ‘कमल’
भाजपा की शिंदे सेना व युवा स्वाभिमान की युति होना तय

* मित्र दलों के साथ युति के चलते होगा सीटों का बंटवारा
* पहले ही ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली स्थिति
* युति होने के बाद टिकट के लिए होगी और भी ‘मारा-मार’
* युति के तहत शिंदे सेना का 15 व वायएसपी का 10 सीटों पर दावा
* 75 सीटों पर चुनाव लडने की इच्छुक भाजपा के कोटे में आएंगी 50 सीटे
* संभावित युति को लेकर दावेदारों में उत्सुकता के साथ ही संभ्रम का माहौल
* ‘किसकी कटेगी, किसकी बचेगी’ को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म
अमरावती/दि.13 – हाल ही में संपन्न हुए नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव के समय राज्य की सत्ताधारी महायुति में शामिल भारतीय जनता पार्टी व शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच जबरदस्त तनातनी दिखाई दे रही थी. परंतु इसके उपरांत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने के साथ ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण को दिल्ली तलब किए जाने के बाद भाजपा अचानक ही बैकफूट पर आ गई है. जिसके चलते अब यह संभावना बनती नजर आ रही है कि भले ही दोनों दलों ने नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ अपने प्रत्याशी खडे किए थे, परंतु मनपा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच युति होनेवाली है. यदि ऐसा होता है, तो इसका सीधा असर अमरावती मनपा के चुनाव पर भी निश्चित रुप से पडेगा. जहां पर करीब 75 सीटों पर चुनाव लडने की तैयारियां कर रही भाजपा को कई सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोडनी होंगी. जिसके चलते अमरावती मनपा की कुल 87 में से केवल 50 सीटों पर ही ‘कमल’ चुनाव चिन्ह के साथ भाजपा के प्रत्याशी खडे दिखाई देंगे.
बता दें कि, एनडीए सहित महायुति में घटक दल के तौर पर शामिल रहनेवाली युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक रवि राणा ने पहले ही अमरावती मनपा के चुनाव में भाजपा के साथ युति करने को लेकर घोषणा कर दी थी. हालांकि भाजपा लंबे समय से अपने अकेले के दम पर चुनाव लडने की बात करती आ रही है. जिसके चलते युवा स्वाभिमान पार्टी ने विगत दिनों अलग-अलग प्रभागों से अपने संभावित दावेदारों के नामों की सूची भी जारी कर दी थी. वहीं दूसरी ओर नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव में पैदा हुई तनातनी को देखते हुए महायुति में शामिल शिंदे गुट वाली शिवसेना ने भी मनपा चुनाव हेतु अपनी पार्टी के संभावित दावेदारों के नामों की सूची तैयार की थी. जिसके चलते माना जा रहा था कि, महायुति में शामिल सभी घटक दल अपने-अपने दम पर मनपा चुनाव में अलग-अलग हिस्सा लेगी. लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली से लेकर राज्य की राजधानी मुंबई और उपराजधानी नागपुर के बीच राजनीतिक घटनाक्रम बडी तेजी के साथ बदले और कल जैसे ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात हुई, तो उसके बाद प्रदेश भाजपा के सूर ही बदल गए और इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण द्वारा मीडिया के साथ की गई बातचीत से स्पष्ट संकेत मिले कि, भले ही महायुति में शामिल भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना ने नगर परिषद व नगर पंचायत का चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ अलग-अलग लढा था. लेकिन मनपा चुनाव में दोनों दलों की युति होने जा रही है. जिसके चलते अमरावती महानगर पालिका सहित राज्य की 29 महानगर पालिकाओं के चुनाव हेतु भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा होगा.
बता दें कि, 87 सदस्यीय अमरावती मनपा के 3 मुस्लिम बहुल प्रभागों की 12 सीटों को छोडकर भाजपा द्वारा शेष 19 प्रभागों की 75 सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे किए जाते है. जिसमें से करीब 15 सीटों पर इस बार शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा दावा किए जाने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के साथ मनपा चुनाव हेतु युति करने को बेताब युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा भी कम से कम 10 सीटों पर अपना दावा ठोंका जाएगा. जिसके चलते भाजपा के पास अपने प्रत्याशी खडे करने हेतु 75 में से मात्र 50 सीटें ही उपलब्ध रहेंगी. जिन पर भाजपा के प्रत्याशी कमल चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में दिखाई देंगे. ज्ञात रहे कि, पिछला मनपा चुनाव सभी दलों ने अलग-अलग स्वतंत्र तौर पर लडा था. जिसमें भाजपा ने रिकॉर्ड 45 सीटें जीती थी. वहीं तब एकीकृत रहनेवाली शिवसेना के धनुष्यबाण चुनाव चिन्ह पर सेना के 7 पार्षद निर्वाचित हुए थे. वहीं युवा स्वाभिमान पार्टी ने भी 3 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में अब धनुष्यबाण चुनावी चिन्ह अपने पास रखनेवाली शिंदे सेना द्वारा उन 7 सीटों के साथ ही 8 ऐसी सीटों पर भी दावा किया जा रहा है, जहां पर पिछली बार सेना प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे. लगभग इसी तरह पिछली बार की अपनी 3 सीटों के साथ-साथ युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा उन 7 सीटों पर दावेदारी पेश की जाएगी, जहां पर पिछली बार युवा स्वाभिमान के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय केंद्र सहित राज्य की सत्ता में रहनेवाली भाजपा के पास ही टिकट हेतु दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है और विगत तीन दिनों के दौरान 75 सीटों के लिए भाजपा के पास करीब 641 इच्छुकों ने अपनी दावेदारी पेश की है. जिसके चलते भाजपा में पहले ही टिकट मिलने हेतु इच्छुकों के बीच कांटे की टक्कर वाली स्थिति है. वहीं अब यदि मनपा चुनाव के लिए भाजपा की शिंदे गुट वाली शिवसेना एवं युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ युति होती है, तो जाहीर तौर पर तीनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी होगा और भाजपा के कोटे में बमुश्किल 50 सीटे ही आएंगी. जिसके चलते भाजपा में दावेदारी को लेकर सिर-फुटव्वल वाली स्थिति निश्चित तौर पर पैदा हो जाएगी.
सूत्रों के अनुसार, युति के तहत शिंदे सेना 15 सीटों और युवा स्वाभिमान पार्टी 10 सीटों पर दावा ठोक रही है. ऐसे में मित्र दलों को साथ लेकर चलने की रणनीति भाजपा को भारी पड़ती नजर आ रही है. सीटों के बंटवारे के कारण पार्टी के भीतर पहले से ही एक अनार, सौ बीमार जैसी स्थिति बनी हुई है. भाजपा में पहले ही हर प्रभाग में कई दावेदार मैदान में हैं. अब युति के बाद सीटें घटने से टिकट के लिए होड़ और तेज होने की संभावना है. पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता और नए दावेदारों के बीच रस्साकशी तेज हो गई है. युति के बाद किसकी कटेगी, किसकी बचेगी को लेकर शहरभर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. संभावित गठबंधन को लेकर जहां एक ओर दावेदारों में उत्सुकता है, वहीं दूसरी ओर टिकट कटने की आशंका से संभ्रम का माहौल भी बना हुआ है. कई इच्छुक उम्मीदवार दिल्ली और मुंबई तक अपनी पैरवी तेज करने में जुट गए हैं.
ऐसे में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सहयोगी दलों को संतुष्ट रखते हुए अपने कार्यकर्ताओं को नाराज न करना है. शिंदे सेना और युवा स्वाभिमान पार्टी के दबाव के बीच सीट बंटवारा संतुलित करना आसान नहीं माना जा रहा. अब सबकी निगाहें युति की औपचारिक घोषणा और अंतिम सीट बंटवारे पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि अमरावती मनपा चुनाव में भाजपा किस रणनीति के साथ मैदान में उतरती है और किसे टिकट मिलता है, किसे नहीं.

* साईनगर प्रभाग में युति की बजाए मैत्रिपूर्ण लढत
ध्यान दिला दें कि, शहर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय ने विगत दिनों ही अपने साईनगर प्रभाग में युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ युति की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज करते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर संकेत दिए थे कि, साईनगर प्रभाग में भाजपा की किसी भी अन्य पार्टी के साथ युति नहीं होने दी जाएगी. बल्कि महायुति में शामिल सभी घटक दल साईनगर प्रभाग में अलग-अलग चुनाव लढेंगे और घटक दलों के प्रत्याशियों के बीच ‘मैत्रिपूर्ण लढत’ होगी. माना जा रहा है कि, तुषार भारतीय का यह ‘स्टैंड’ शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ युति को लेकर भी बना रहेगा. जिसके चलते साईनगर प्रभाग की चारों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी ‘कमल’ चुनाव चिन्ह के साथ ही चुनावी अखाडे में उतरेंगे.

* अजीत पवार गुट वाली राकांपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले
विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर महायुति में शामिल भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना में मनपा चुनाव साथ मिलकर लढने को लेकर बात लगभग पक्की हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर मनपा चुनाव के लिए युति करने को लेकर अजीत पवार गुट वाली राकांपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले है. इस बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए आज नागपुर में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए राकांपा नेता व डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने कहा कि, जल्द ही उनकी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक में चर्चा होगी. जिसके बाद ही वे इस बारे में अपना निर्णय घोषित करेंगे. ऐसे में मनपा चुनाव के लिए मित्र दलों के साथ युति करने अथवा नहीं करने को लेकर अजीत पवार गुट वाली राकांपा द्वारा क्या फैसला लिया जाता है, इस बात की ओर सभी की निगाहें लगी हुई है. क्योंकि उस फैसले के आधार पर ही अमरावती मनपा क्षेत्र में अजीत पवार गुट वाली राकांपा का नेतृत्व कर रहे विधायकद्वय सुलभा खोडके व संजय खोडके द्वारा आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा. * वायएसपी की ओर से ये हो सकते हैं दावेदार
बता दें कि, मनपा के विगत चुनाव में युवा स्वाभिमान पार्टी ने प्रभाग क्र. 9 एसआरपीएफ-वडाली की 3 में से 2 सीटें जीतने के साथ ही प्रभाग क्र. 20 सूतगिरणी-गोपाल नगर की 4 में से एक सीट पर जीत हासिल की थी. जिसके चलते प्रभाग क्र. 9 से सपना ठाकुर व आशीष गावंडे तथा प्रभाग क्र. 20 से सुमती ढोके पार्षद निर्वाचित हुए थे. जिसमें से सपना ठाकुर अब अजीत पवार गुट वाली राकांपा में शामिल है. ऐसे में इन 3 सीटों व 2 पूर्व पार्षदों के लिए सीटें मांगने के साथ ही युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल मनपा के प्रभागों में कुल 10 सीटे अपने लिए युति के तहत मांगी जा सकती है. इन प्रभागों में प्रभाग क्र. 9 एसआरपीएफ-वडाली, प्रभाग क्र. 10 बेनोडा-भीमटेकडी-दस्तुर नगर, प्रभाग क्र. 13 अंबापेठ-गौरक्षण, प्रभाग क्र. 17 गडगडेश्वर, प्रभाग क्र. 18 राजापेठ-श्री संत कंवरराम, प्रभाग क्र. 19 साईनगर, प्रभाग क्र. 20 सूतगिरणी, प्रभाग क्र. 21 जुनी बस्ती बडनेरा व प्रभाग क्र. 22 नई बस्ती बडनेरा का समावेश है तथा इन 9 प्रभागों की कम से कम 10 सीटों के लिए युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से सुमती ढोके, नितिन बोरेकर, अजय जयस्वाल, राजा बागडे, सूरज मिश्रा, जयश्री मोरय्या, आशीष गावंडे व संगम माहुलकर को टिकट हेतु सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. * शिंदे गुट द्वारा 15 सीटों पर ठोंका जा सकता है दावा
ज्ञात रहे कि, मनपा के पिछले चुनाव में तत्कालीन एकीकृत शिवसेना के टिकट पर धनुष्यबाण चुनाव चिन्ह के साथ जयश्री कुर्हेकर प्रभाग क्रमांक-11 (अ) फ्रेजरपुरा, भारत चौधरी प्रभाग क्रमांक-11 (ड) फ्रेजरपुरा, प्रशांत वानखडे प्रभाग क्रमांक-18 (ब) राजापेठ-कंवर नगर, मंजुषा जाधव प्रभाग क्रमांक-19 (क) साईनगर, राजेंद्र तायडे प्रभाग क्रमांक-20 (ड) सूतगिरणी, अर्चना धामणे प्रभाग क्रमांक-22 (अ) नईबस्ती व ललित झंझाड प्रभाग क्रमांक-22 (ब) नईबस्ती से निवाचित हुए थे. ऐसे में युति होने की सूरत में शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा इन 7 सीटों पर तो निश्चित रुप से दावा ठोंका जाएगा. साथ ही साथ 8 ऐसी सीटों पर भी दावेदारी पेश की जाएगी, जहां पिछली बार सेना प्रत्याशियों का प्रदर्शन बेहतरीन था.





