अब नागपुर में तय होगा अमरावती हेतु भाजपा व शिंदे सेना की युति का मामला !
अमरावती में कई दौर की चर्चा के बाद भाजपा व सेना के नेता हुए नागपुर रवाना

* भाजपा पदाधिकारियों की मंत्री बावनकुले के साथ पार्टी कार्यालय में बैठक शुरू
* सेना के दो मंत्रियों सामंत व राठोड भी पहुंचे नागपुर, सेंट्रल पाइंट होटल में सेना पदाधिकारियों से चर्चा
* आज देर रात या कल सुबह दोनों दलों की हो सकती है संयुक्त बैठक व चर्चा, पश्चात युति पर निर्णय
अमरावती/ दि. 25- अमरावती महानगर पालिका के आगामी चुनाव में युति के तौर पर साथ मिलकर हिस्सा लेने के बारे में भारतीय जनता पार्टी को शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच विगत दो दिनों के दौरान कई दौर की बातचीत हो चुकी है तथा कल दोपहर बाद हुई फुल एंड फाइनल दौर वाली चर्चा के बाद शिंदे गुट वाली शिवसेना के स्थानीय पदाधिकारियों ने भाजपा के समय खुद के लिए कम से कम 30 सीटें छोडे जाने का प्रस्ताव रखा था. उधर दूसरी ओर भाजपा की मनपा चुनाव में युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ भी युति करने को लेकर बातचीत लगभग तय है और युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से भी भाजपा के समक्ष खुद के लिए सम्मानजनक सीटों की मांग रखी गई है. जिसके चलते दोनों दलों की ओर से मिले प्रस्तावों को साथ लेकर भाजपा के मनपा निर्वाचन प्रभारी व विधायक संजय कुटे सहित भाजपा के कई स्थानीय नेता आज दोपहर नागपुर के लिए रवाना हो गये. जहां पर उनकी देर शाम भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले एवं संगठन मंत्री डॉ. उपेन्द्र कोठीकर के साथ चर्चा होनी है. वहीं दूसरी ओर आज सुबह शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेताओं व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल एवं पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के नेतृत्व में शिंदे गुट वाली शिवसेना के स्थानीय पदाधिकारी भी नागपुर के लिए रवाना हुए. जहां पर उनकी रामदास पेठ परिसर स्थित होटल सेंट्रल पाइंट में शिंदे गुट वाली शिवसेना के वरिष्ठ नेता व मंत्री उदय सावंत एवं संजय राठोड के साथ बैठक हो रही है. राजनीति सूत्राेंं के मुताबिक इन दोनों दलों की अलग-अलग स्थानों पर हो रही बैठकों के साथ आज देर रात या कल सुबह दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं व प्रमुख पदाधिकारियों की नागपुर में ही किसी स्थान पर संयुक्त बैठक होगी. जिसमें मनपा चुनाव के लिए युति को लेकर घोषणा करने के साथ ही युति के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर जानकारी दी जायेगी.
बता दें कि आगामी मनपा चुनाव के लिए भाजपा द्बारा निर्वाचन प्रभारी नियुक्त किए गये. जलगांव जामोद के विधायक संजय कुटे पिछले दो दिनों से लगातार अमरावती के होटल महफिल इन में अपना ठिया जमाए बैठे रहे. जिन्होेंने होटल महफिल में ही भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ मनपा चुनाव के लिए इच्छुक रहनेवाले प्रबल दावेदारों के नामों पर चर्चा करने के साथ ही मनपा के सभी प्रभागों में भाजपा की मौजूदा स्थिति का भी विस्तार के साथ जायजा लिया था. विधायक संजय कुटे के साथ इन बैठकों में भाजपा शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी प्रदेश पदाधिकारी प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, किरण पातुरकर, जयंत डेहनकर, प्रा. रवि खांडेकर व पूर्व महापौर किरण महल्ले की पूरा समय उपस्थिति रही. जिन्होेंने शिंदे गुट वाली शिवसेना के स्थानीय नेताओं के स्थान कल दोपहर के समय अंतिम दौर वाली बैठक की थी. वही दूसरी ओर भाजपा के साथ संभावित युति को लेकर शिंदे गुट वाली शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के निवास पर पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल पार्टी की महिला नेत्री प्रीति संजय बंड तथा जिला प्रमुख संतोष बद्रे व श्याम देशमुख की उपस्थिति के बीच शिंदे गुट वाली सेना की बैठक हुई थी. जिसमें युति की संभावना को ध्यान में रखते हुए भाजपा के समक्ष रखे जानेवाले प्रस्ताव पर चर्चा की गई और फिर शिंदे गुट के सभी नेता भाजपा के साथ चर्चा करने हेतु होटल महफिल पहुंचे. जहां पर दोनों दलों के नेता और पदाधिकारियों ने एक दूसरे के समक्ष अपनी भूमिका स्पष्ट करने क ेसाथ ही युति की संभावना पर बातचीत की थी.
चूकि इस समय अमरावती मनपा के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जो 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक चलेगी. ऐसे में अब नामांकन प्रस्तुत करने हेतु बेहद कम समय बचा हुआ है. यह ध्यान में रखते हुए दोनों ही दल युति को लेकर जल्द से जल्द फैसला करना चाह रहे है. इस बात को ध्यान में रखते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से मिले प्रस्ताव सहित अपनी पार्टी के दावेदारों की सूची को लेकर निर्वाचन प्रभारी विधायक संजय कुटे के नेतृत्व में भाजपा के सभी स्थानीय पदाधिकारी आज दोपहर बाद नागपुर के लिए रवाना हो गये. जिनकी आज शाम नागपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले एवं संगठन मंत्री उपेन्द्र कोठीकर के साथ पार्टी कार्यालय में बैठक होनी हैं. इस बैठक में शिंदे गुट वाली शिवसेना एवं युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से युति सहित सीट बंटवारे को लेकर दिए गये प्रस्तावों पर चर्चा की जायेगी.
उधर दूसरी ओर शिंदे गुट वाली शिवसेना के सभी स्थानीय नेता व पदाधिकारी भी आज सुबह ही अमरावती से नागपुर के लिए रवाना हुए है. जहां पर दोपहर बाद उनकी नागपुर स्थित होटल सेंट्रल पाइंट में पार्टी के वरिष्ठ नेता व मंत्री उदय सामंत व संजय राठोड के साथ बैठक भी शुरू हो गई है. जिसमें शिंदे सेना के स्थानीय पदाधिकारियों व पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं को अमरावती मनपा के विभिन्न प्रभागों में पार्टी की स्थिति बताने के साथ साथ युति को लेकर भाजपा के साथ हुई बातचीत और सीट बंटवारे को लेकर अपनी ओर से दिए गये प्रस्ताव का ब्यौरा भी किया.
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों ही दलों के नेताओं व पदाधिकारियों की नागपुर में होनेवाली अलग-अलग बैठकों के बाद आज देर रात व कल सुबह दोनों दलों के नेताओं व पदाधिकारियों की कल सुबह संयुक्त बैठक हो सकती है. जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनने के बाद युति होने को लेकर अंतिम निर्णय भी घोषित किया जा सकता है. ऐसे में अब सभी की निगाहें दोनों दलों की नागपुर मेंं होने जा रही बैठकों की ओर लगी हुई है.
भाजपा ने युति को लेकर तय किया फार्मूला
बता दें कि वर्ष 2017 में हुए अमरावती मनपा के चुनाव में भाजपा ने 45, शिवसेना ने 7 एवं युवा स्वाभिमानी पार्टी पर तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने साथ युति के लिए इच्छुक रहनेवाली शिंदे सेना व वायएसपी के सामने सीधा व सपाट विषय रखा है कि जिन सीटों पर पिछली बार जिस पार्टी का प्रत्याशी विजयी हुआ था. इस बार वह सीट युति के तहत उसी पार्टी के हिस्से में रहेगी. इन 55 सीटों पर तीनों दलों की स्थिति को जस का तस रखने के बाद शेष सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा होगी. उल्लेखनीय है कि भाजपा द्बारा मनपा की 87 में से 75 सीटों पर ही चुनाव लडा जाता है. लगभग वही स्थिति शिंदे सेना व युवा स्वाभिमान पार्टी की भी है. ऐसे में उन बची हुई 20 सीटों में से भाजपा अपने लिए 10 सीटें रखते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना एवं युवा स्वाभिमान पार्टी को 5-5 सीटें देने के लिए तैयार है. यदि इस फार्मूले पर युति को लेकर बात बनती है तो युति के तहत भाजपा के हिस्से में 55, शिंदे गुट वाली शिवसेना के हिस्से में 12 एवं युवा स्वाभिमान पार्टी के हिस्से में 8 सीटे आयेंगी. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सीट बंटवारे के इस फार्मूले के आधार पर तीनों दलों के बीच युति होने की बात तय हो पाती है.





