सबसे बडे सफाई ठेके की आज मनपा में हुई ‘प्री-बिड’ मीटिंग

6 बडी-बडी दिग्गज कंपनियों ने लिया मीटिंग में हिस्सा

* करीब 250 करोड रुपयों का रहेगा साफसफाई व कचरा संकलन का ठेका
* आज एक घंटे चली मीटिंग के जरिए टेंडर में रहनेवाली त्रुटियों पर हुआ विचार
* इच्छुक ठेकेदारों ने मनपा से टेंडर की त्रुटियों को दुरुस्त करने कहा
* काम की भुगतान पद्धति पर भी हुआ विमर्श
* अब 18 अक्तूबर को खुलेंगे टेंडर
अमरावती/दि.14 – अमरावती शहर में साफसफाई करने के साथ ही कचरा संकलित कर उसे कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाने और घनकचरा व्यवस्थापन करने के काम हेतु विगत 9 अक्तूबर को मनपा की ओर से निविदा प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद 6 कंपनियों द्वारा उस काम में रुचि दर्शाते हुए मनपा से संपर्क किया गया था. साथ ही प्रकाशित निविदा में रहनेवाली कुछ त्रुटियों को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी. जिसे ध्यान में रखते हुए मनपा द्वारा आज 14 अक्तूबर को सभी 6 इच्छुक एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन तरीके से ‘प्री-बिड’ मीटिंग बुलाई गई. जिसमें प्रकाशित निविदा में रहनेवाली त्रुटियों को लेकर संबंधित कंपनियों की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों पर विचार-विमर्श किया गया.
उल्लेखनीय है कि, स्वच्छता एवं घनकचरा व्यवस्थापन को लेकर यह मनपा की ओर से अब तक की सबसे बडी तैयारी की जा रही है तथा ऑक्ट्रॉय ठेके के बाद यह अपनी तरह का सबसे बडा ठेका साबित होने जा रहा है. जिसका अनुमानित मूल्य 240 से 250 करोड के आसपास रहेगा और यह ठेका हासिल करनेवाली कंपनी को अमरावती शहर के विभिन्न रिहायशी इलाको में साफसफाई करने के साथ ही रिहायशी इलाकों से निकलने वाले कचरे को संकलित कर उसकी ढुलाई करते हुए उसे सुकली व अकोली परिसर स्थित कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाना होगा. साथ ही कंपोस्ट डिपो पर घनकचरा का योग्य तरीके से निस्सारण करते हुए व्यवस्थापन भी करना होगा. जिसे लेकर निविदाएं आमंत्रित करने हेतु महानगर पालिका द्वारा विगत 9 अक्तूबर को ‘अ-वर्ग’ दर्जा प्राप्त एक अंग्रेजी दैनिक में निविदा सूचना प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद 6 बडी-बडी कंपनियों ने मनपा के समक्ष इस काम हेतु अपने प्रस्ताव पेश किए थे. जिनमें पूजा कंस्ट्रक्शन कंपनी (वर्धा), अर्बन एनवायरो प्रा. लि. (नागपुर), कोणार्क इंफ्रा (मुंबई), पी. रेड्डी (हैदराबाद) व फार्मर एसोसिएटस् (ठाणे) सहित मुजफ्फरपुरा (बिहार) की एक कंपनी का समावेश था. इसमें से पूजा कंस्ट्रक्शन कंपनी विगत 15 वर्षों से अमरावती मनपा क्षेत्र में कचरा ढुलाई का काम कर रही है. वहीं नागपुर से वास्ता रखनेवाली अर्बन एनवायरो प्रा. लि. द्वारा नागपुर, अकोला व धुलिया में स्वच्छता मिशन का काम लंबे समय से किया जा रहा है. साथ ही मुंबई की कोणार्क इंफ्रा द्वारा नवी मुंबई में स्वच्छता एवं घनकचरा व्यवस्थापन का जिम्मा संभाला जा रहा है. जबकि हैदराबाद की पी. रेड्डी कंपनी द्वारा महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर सहित हैदराबाद (तेलंगना) में स्वच्छता अभियान का काम किया जा रहा है. इसके अलावा ठाणे की फार्मर एसोसिएटस् द्वारा मुंबई में स्वच्छता व घनकचरा व्यवस्थापन का काम किया जा रहा है. वहीं बिहार के मुजफ्फरपुरा से वास्ता रखनेवाली कंपनी के नाम एवं कामकाज की अभी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आ पाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि, सभी कंपनियां एक से बढकर एक है. जिसके चलते मनपा के हाल-फिलहाल के इतिहास में सबसे बडे रहनेवाले इस ठेके को हासिल करने के लिए अच्छी-खासी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है.
आज मनपा प्रशासन द्वारा इच्छुक ठेकेदरों के साथ बुलाई गई ‘प्री-बिड’ मीटिंग करीब एक घंटे तक चली. जिसमें इच्छुक ठेकेदारों ने निविदा सूचना में रहनेवाली त्रुटियों की ओर मनपा प्रशासन का ध्यान दिलाया. साथ ही मनपा ने भी अपनी ओर से कुछ बातों को लेकर स्थिति स्पष्ट की. जिसके तहत मनपा आयुक्त ने इच्छुक ठेकेदारों के साथ चर्चा करते हुए बताया कि, यह ठेका ‘जॉइंट वेंचर’ यानि संयुक्त उपक्रम नहीं होगा, बल्कि ठेका प्राप्त करनेवाले निविदाधारक को शहर में साफसफाई करने के साथ ही विविध रिहायशी इलकों से निकलने वाले कचरे को संकलित कर उसे अपने वाहनों के जरिए अकोली व सुकली परिसर स्थित कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाना होगा.
मनपा का यह उपक्रम निश्चित तौर पर अपने-आप में बेहद जबरदस्त है. जिसमें पूरे शहर की साफसफाई और कचरे के निस्सारण का जिम्मा किसी एक कंपनी पर रहेगा. जिसके चलते जवाबदेही तय करने में आसानी भी रहेगी. परंतु यह पद्धति कहां तक सफल हो पाती है, यह देखना भी अपने-आप में बेहद दिलचस्प बात होगी. ध्यान दिला दे कि, इससे पहले महानगर पालिका द्वारा चुंगी कर की व्यवस्था जारी रहते समय चुंकी कर संकलन हेतु करीब 280 करोड रुपयों का ऑक्ट्रॉय ठेका आवंटित किया गया था. जिससे मनपा को भी अच्छी-खासी आय हुआ करती थी. लेकिन साफसफाई, कचरा संकलन व घनकचरा व्यवस्थापन मनपा के लिए पूरी तरह से खर्च वाले विषय है. जिसके जरिए मनपा को एक रुपए की भी आय नहीं होनेवाली, बल्कि इस काम के लिए अपने तिजोरी से पैसा खर्च करना पडेगा. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, मनपा द्वारा साफसफाई के नाम पर करीब 250 करोड रुपयों का भुगतान अपने खजाने में से किस तरह किया जाता है.
* इच्छुक ठेकेदारों को भी अभी से भुगतान की चिंता
– ‘प्री-बिड’ मीटिंग में ही पेमेंट पद्धति को लेकर पूछा सवाल
आज हुई ‘प्री-बिड’ मीटिंग के दौरानही सभी इच्छुक एजेंसियों ने मनपा प्रशासन से यह जानना चाहा कि, यदि उन्हें साफसफाई, कचरा संकलन व घनकचरा व्यवस्थापन के काम का ठेका मिलता है और वे अमरावती मनपा क्षेत्र में अपने काम की शुरुआत करते है, तो उनके काम का भुगतान किस तरह से किया जाएगा, तो मनपा प्रशासन द्वारा इच्छुक ठेकेदारों से कहा गया कि, निविदाधारक को हर माह के काम के बाद अपने देयक मनपा प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे. जिन्हें उसी माह में मंजूर करते हुए मनपा प्रशासन द्वारा ठेकेदार का भुगतान अदा कर दिया जाएगा. मनपा के इस जवाब पर सभी इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधि एक-दूसरे का मुंह देखने लगे. क्योंकि अमरावती मनपा में कचरा संकलन का इस समय काम कर रहे मौजूदा ठेकेदार का ही मनपा की ओर करीब 11 करोड रुपयों का भुगतान 6 माह से बकाया है. साथ ही जोननिहाय ठेका पद्धति के तहत पांचों जोन के तीन ठेकेदारों के भी 6 से 8 माह के भुगतान प्रलंबित रहने की जानकारी है. ऐसे में जब मनपा प्रशासन द्वारा महिने के महिने भुगतान देने की बात कही गई तो मौजूदा ठेकेदार सहित इच्छुक ठेकेदारों को भी कुछ हद तक आश्चर्य हुआ.

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